Begin typing your search above and press return to search.

Promotion Scame: सहायक कुलसचिव से उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति में आला अफसरों ने कर दिया खेला, 8 महीने के भीतर दो बार डीपीसी और चार को बांट दी रेवड़ी

Promotion Scame- उच्च शिक्षा विभाग के आला अफसरों ने अपनों को प्रमोशन के तौर पर रेवड़ी बांट दी है। आला अधिकारियों ने पदोन्नति के नाम पर बड़ा खेला किया है। आलम ये कि आठ महीने के भीतर दो बार डीपीसी कराई और चार सहायक कुलसचिव को उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति दे दी। पदोन्नति के नाम पर हायर एजुकेशन डिपार्ट के आला अधिकारियों ने बड़ी गड़बड़ी को अंजाम दिया है। अपनो को उपकृत करने के लिए राजपत्रित, प्रथम श्रेणी स्तर के सहायक कुलसचिव पद को नियम विरुद्ध तरीके से द्वितीय श्रेणी बताकर उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति दे दी है। चिभागीय पदोन्नति समिति की बैठक जिनकी अध्यक्षता में हुई उनका नाम पढ़कर आप भी चौंके बिना नहीं रहेंगे।

Promotion Scame: सहायक कुलसचिव से उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति में आला अफसरों ने कर  दिया खेला, 8 महीने के भीतर दो बार डीपीसी और चार को बांट दी रेवड़ी
X
By Radhakishan Sharma

Promotion Scame: रायपुर। सहायक कुलसचिव से उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति प्रक्रिया में विभाग के आला अफसरो ने जानबुझकर नियमों की गलत व्याख्या करते हुए आठ महीने के भीतर दो बार डीपीसी कराई और चार लोगों को रेवड़ी की तरह पद बांट दिया है। डीपीसी की अध्यक्षता सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी ने की है। जाहिर है सीजीपीएससी फर्जीवाड़े की तरह हायर एजुकेशन के इस प्रतिष्ठापूर्ण पद को भी दागदार बना दिया गया है। बहरहाल पूरा मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है।

पदोन्नति प्रक्रिया में आला अफसरों ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2003 के नियम 4 (2) एवं नियम 7 तथा छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 की धारा-18 (क) के प्रावधान का सीधेतौर पर उल्लंघन कर दिया है। छग. शासन, उच्च शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, रायपुर द्वारा वर्ष 2014 एवं वर्ष 2020 में जारी विज्ञापन अनुसार उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य विश्वविद्यालय सेवा के सहायक कुलसचिव पद को छठवें वेतनमान में रुपये 15600 - 39100 + 6600 ग्रेड पे (सातवें वेतनमान में वेतन मैट्रिक्स में लेवल 13) को राजपत्रित, प्रथम श्रेणी निर्धारित किया गया है। वर्ष 2021 एवं वर्ष 2022 में पदोन्नति के लिए उच्च शिक्षा विभाग से तैयार किए गए विभागीय प्रस्ताव में सहायक कुलसचिव के पद को द्वितीय श्रेणी मानकर छत्तीसगढ़ लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2003 के नियम 4 (1) एवं नियम 6 के अनुसार वरिष्ठता सह उपयुक्तता के नियम के अनुसार पदोन्नति दे दी गई है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2003 के नियम 4 (2) एवं नियम 7 के अनुसार प्रथम श्रेणी से प्रथम श्रेणी के उच्चतर पद पर पदोन्नति के लिए योग्यता सह वरिष्ठता का है प्रावधान। उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े आला अफसरों ने नियमों का खुलकर उल्लंघन किया है।

0 सहायक कुलसचिव से उप कुलसचिव के पद पर प्रमोशन में बड़ा खेला

उच्च शिक्षा विभाग में वर्ष-2021 व 2022 में सहायक कुलसचिव से उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति के मामले में बड़ा खेला किया गया है। NPG के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार वर्ष 2021 और 2022 में सहायक कुलसचिव से उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति के लिए उच्च शिक्षा संचालनालय के विश्वविद्यालय प्रकोष्ठ के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा जानबुझकर गलत तरीके से विभागीय प्रस्ताव तैयार किया गया।

0 सीजीपीएससी के दागदार अफसर की अध्यक्षता में डीपीसी, उठने लगे सवाल

उच्च शिक्षा विभाग ने छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष टामन लाल सोनवानी की अध्यक्षता में विभागीय पदोन्नति समिति DPC की बैठक आयोजित कर छत्तीसगढ़ लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2003 के प्रावधानों के विपरीत ही पूरी प्रक्रिया को संपन्न करवा दिया और उच्च शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा आनन्-फानन में विभागीय मंत्री उमेश पटेल से अनुमोदन कराकर पदोन्नति आदेश जारी कर दिया गया है। आश्चर्य की बात ये कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित विभागीय पदोन्नति समिति में सिकरेट्री हायर एजुकेशन के अलावा उप सचिव एवं आयुक्त, उच्च शिक्षा संचालनालय भी सदस्य रहे हैं। नवंबर 2021 में डीपीसी की बैठक आयोजित कर दो सहायक कुलसचिव अंताराम चौरे एवं राजेन्द्र कुमार चौहान को उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नत किया गया। इसी प्रकार, जून 2022 में विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित कर दो सहायक कुलसचिव शैलेन्द्र दुबे एवं सौरभ शर्मा को उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नत किया गया।

0 बार-बार दोहराई वही गलती, गलती या फिर जानबुझकर किया खेला

इस मामले मे खास बात यह कि वर्ष 2021 में सहायक कुलसचिव से उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति के लिए त्रुटिपूर्ण विभागीय प्रस्ताव तैयार कर पदोन्नति में जो गलती कि गई थी, उसके संबंध में फरवरी एवं मार्च 2022 में एक सहायक कुलसचिव ने दस्तावेजों और नियमों का हवाला देते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद भी वर्ष 2022 में वही गलती की गई।

0 ऐसे की गड़बड़ी, वह भी सोची समझी साजिश के तहत

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सहायक कुलसचिव के पद से उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति के लिए भेजे गए विभागीय प्रस्ताव में सहायक कुलसचिव के पद को प्रथम श्रेणी के स्थान पर द्वितीय श्रेणी बताकर पदोन्नति की कार्यवाही की गई है। जबकि छ.ग. शासन, उच्च शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, रायपुर द्वारा वर्ष 2014 एवं वर्ष 2020 में जारी विज्ञापन अनुसार उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य विश्वविद्यालय सेवा के सहायक कुलसचिव पद को छठवें वेतनमान में रुपये 15600 - 39100 + 6600 ग्रेड पे (सातवें वेतनमान में वेतन मैट्रिक्स में लेवल 13) को राजपत्रित, प्रथम श्रेणी निर्धारित किया गया है।

31-12-2021 को जारी पदोन्नति आदेश में जिन दो सहायक कुलसचिव को उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नत किया गया है, उन्हें भी पूर्व में वर्ष 2013 में कक्ष अधिकारी से सहायक कुलसचिव के पद पर पदोन्नत करते हुए वेतनमान 15600 - 39100 + 6600 ग्रेड पे प्रदाय किया जा रहा था । छ.ग. शासन के अन्य प्रशासकीय विभागों सामान्य प्रशासन विभाग, वित्त विभाग, संचालनालय कोष, लेखा एवं पेंशन आदि में छठवें वेतनमान में रुपये 15600 - 39100 + 6600 ग्रेड पे (सातवें वेतनमान में वेतन मैट्रिक्स में लेवल 13) के पद जैसे अवर सचिव, उप संचालक, स्टाफ ऑफिसर, संयुक्त कलेक्टर आदि पदों को राजपत्रित, प्रथम श्रेणी निर्धारित किया गया है।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2003 के नियम 4 (2) के अनुसार प्रथम श्रेणी से प्रथम श्रेणी के उच्च वेतनमान के पदों पर पदोन्नति “योग्यता-सह-वरिष्ठता” (Merit-cum- Seniority) के आधार पर किये जाने का स्पष्ट प्रावधान है।

छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत सहायक कुलसचिव की उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति हेतु तैयार किये गये विभागीय प्रस्ताव नियम विरुद्ध और त्रुटिपूर्ण था, जिसमें 9 सहायक कुलसचिवों के नाम सम्मिलित किये गये थे। 9 सहायक कुलसचिव में से 7 सहायक कुलसचिव का छ.ग. सिविल सेवा (पदोन्नति) नियम, 2003 के अनुसार डीपीसी से पहले पांच वर्ष के सीआर का परीक्षण किया जाता है। जानकारी के अनुसार 01.01.2021 की स्थिति में इनके 5 वर्षो के गोपनीय चरित्रावली नहीं था।

कुलसचिव के पदों को छत्तीसगढ़ राज्य विश्वविद्यालय सेवा नियम, 1983 में संशोधन कर समाहित नहीं किया गया है। भर्ती नियम में संशोधन किये बिना और किये गये संशोधन को छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 के सुसंगत धाराओं के अनुसार विधानसभा से पारित कराये बिना की गई कार्यवाही अवैधानिक है, नियम विरुद्ध है।

0 ये गड़बड़ी आई सामने

एनपीजी के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2021 में सहायक कुलसचिव की 01-04-2021 की स्थिति में अनंतिम एवं अंतिम वरिष्ठता सूची का प्रकाशन किये बिना पदोन्नति हेतु प्रस्ताव तैयार किया गया। वर्ष 2021 में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सहायक कुलसचिव की 01-04-2021 की स्थिति में अंतिम वरिष्ठता सूची का प्रकाशन नहीं किया गया था और सहायक कुलसचिव की 01-04-2020 की स्थिति में जारी किये गये अंतिम वरिष्ठता सूची के आधार पर पदोन्नति हेतु प्रस्ताव तैयार कर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को प्रेषित किया गया, जिसके आधार पर नवंबर 2021 में विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित की गई और दो सहायक कुलसचिव की पदोन्नति कर दी गई।

Next Story