POCSO Act Teacher News: पॉक्सो एक्ट के आरोपी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर करने में पुलिस का सामने आया दोहरा मापदंड...
POCSO Act Teacher News: स्कूल में पढ़ने वाली बेटियां सुरक्षित नहीं है। यह सब दुराचारी शिक्षकों की वजह से हो रहा है। अचरज की बात ये कि पुलिस की भूमिका भी कहीं से भी सकारात्मक नजर नहीं आ रही है। छेड़छाड़ और पाक्सो एक्ट के दो मामलों में पुलिस का दो रूप सामने आया है। कार्रवाई के लिए दोहरा मापदंड अपनाए जा रहे हैं। पुलिस के अफसर को या तो नियम कानून की जानकारी नहीं है या फिर जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है।

POCSO Act Teacher News: बिलासपुर। पाक्सो एक्ट के आरोपी दो शिक्षकों के खिलाफ बीईओ के निर्देश के बाद भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। यह मामला बिल्हा ब्लाक के दो थानों और दो स्कूलों का है,जो अलग-अलग थाना क्षेत्र में आता है। ये स्कूलें बिल्हा ब्लाक के रतनपुर और बिल्हा थाना क्षेत्र की है। दोनों थानों में पाक्सो के आरोपी शिक्षक के खिलाफ एफआईआर करने में अअलग-अलग नियम कानून चलता है।
शासकीय प्राथमिक शाला आवास पारा मंगला (पासीद) में पदस्थ हेड मास्टर रामकिशोर निर्मलकर पर स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं पर गलत नियत रखने का आरोप है। हेड मास्टर ने पांचवी क्लास की छात्राओं के साथ छेड़खानी की और बेड टच भी किया। इस गंभीर आरोप के चलते डीईओ ने हेड मास्टर को सस्पेंड कर दिया। दूसरा मामला है रतनपुर थाना क्षेत्र के गोंदझ्या स्कूल का। यहां पदस्थ शिक्षक कमलेश साहू पर छात्राओं ने अनैतिक व अश्लील हरकत करने की शिकायत की थी। कलेक्टर अवनीश शरण के आदेश पर संयुक्त संचालक शिक्षा ने जांच टीम बनाकर जांच कराया था। जांच में शिकायतों को सही पाए जाने पर शिक्षक कमलेश साहू को बर्खास्त कर दिया था। दोनों मामले की विभागीय जांच बीईओ बिल्हा सुनीता ध्रुव ने की थी। जांच में आरोप सही पाए गए थे। दोनों शिक्षकों को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाया गया था । बीईओ ने दोनों शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर कराने बिल्हा व रतनपुर थाने में आवेदन दिया पर पुलिस ने एफआईआर करने से साफतौर पर यह कहते हुए इनकार कर दिया कि इस तरह के मामले में पीड़ित या फिर परिजन ही एफआईआर करा सकते हैं।
DE0 ने कहा, विभाग करा सकता है एफआईआर
पुलिस द्वारा पाक्सो एक्ट के आरोपी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर से इंकार करने के सवाल पर डीईओ अनिल तिवारी का कहना है कि विभागीय जांच के बाद अगर कोई कर्मचारी पाक्सो एक्ट के तहत दोषी पाए जाते हैं और दोष सिद्ध होता है तो विभाग को एफआईआर कराने का अधिकार है। इसके लिए पीड़िता या परिजनों को थाने जाकर एफआईआर कराने की बाध्यता नहीं है।
दो थाने, दोनों में अलग-अलग कानून और मापदंड
तखतपुर ब्लाक के अंतर्गत आने वाले स्कूल प्राथमिक शाला खुडियाडीह में पदस्थ शिक्षक अशोक कुर्रे के खिलाफ नाबालिग छात्राओं की बेड टच की शिकायत पर 27 फरवरी को बीईओ ने ही थाने जाकर एफआईआर कराई थी। पुलिस ने तब पीड़ित या उनके परिजन को नहीं बुलाया था। बिल्हा थाने में पाक्सो एक्ट के आरोपी शिक्षक के खिलाफ विभाग के अफसरों ने जब एफआईआर करने कहा तब पुलिस ने इंकार कर दिया और परिजन या पीड़िता के आने पर ही एफआईआर दर्ज करने की बात कह दी।