Pandit Ravishankar Shukla University: जानें छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय का इतिहास
साल 1964 में स्थापित पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ में हायर एजुकेशन के सबसे बड़े और सबसे पुराने शीर्ष संस्थानों में से एक है। अविभाजित मध्यप्रदेश में इसकी स्थापना हुई थी। आज हम जानेंगे इस विश्वविद्यालय के इतिहास के बारे में...
रायपुर, एनपीजी डेस्क। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित उच्च शिक्षा का एक संस्थान है। ये छत्तीसगढ़ में हायर एजुकेशन के सबसे बड़े और सबसे पुराने शीर्ष संस्थानों में से एक है। इस यूनिवर्सिटी को मध्य प्रदेश सरकार ने 1964 में स्थापित किया था।
मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के नाम पर रखा गया विश्वविद्यालय का नाम
इससे कई कॉलेज एफलिएटेड हैं। यह एक शिक्षण-सह-संबद्ध विश्वविद्यालय है, जो लगभग 237 कॉलेजों को संबद्ध करता है। इसके 29 विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग हैं। इस विश्वविद्यालय का नाम मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल के नाम पर रखा गया है।
1 मई 1964 को अस्तित्व में आया पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय
यह विश्वविद्यालय 1 मई 1964 को अस्तित्व में आया, तब छत्तीसगढ़ के रूप में अलग राज्य का गठन नहीं हुआ था और ये मध्यप्रदेश का ही एक हिस्सा था। मध्य प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री के नाम के इस विश्वविद्यालय ने 34 संबद्ध कॉलेजों के साथ काम करना शुरू किया था। सबसे पहले इसका पुस्तकालय भवन बना था, जिसका नामकरण इस क्षेत्र के प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक पंडित सुंदर लाल शर्मा के नाम पर रखा गया था।
1968 में शुरू हुई थी सेमेस्टर प्रणाली
इस विश्वविद्यालय ने 1968 में ही सेमेस्टर प्रणाली शुरू कर दी थी। तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री इंदिरा गांधी ने 2 जुलाई 1965 को 5 विषयों में विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभाग का उद्घाटन किया था।
साल 1984 से लेकर अब तक यूनिवर्सिटी को छह बार बांटा गया
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय को साल 1984 में गुरु घासीदास विवि के रूप में बांटा गया था। इसके बाद वर्ष 2004-05 में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय, स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में फिर बांटा गया।
वर्ष 2008 में बस्तर और आयुष कॉलेज तो वर्ष 2015 में दुर्ग विवि के रूप में 6 बार पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय को खंडित किया गया।
4 कमरों से शुरू हुआ था विश्वविद्यालय
60 के दशक में अब के छत्तीसगढ़ (तब अविभाजित मध्यप्रदेश) के लोग उच्च शिक्षा के लिए महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश या अन्य राज्यों में जाते थे। 1964 में पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी की शुरुआत सिविल लाइन की नथानी बिल्डिंग के 4 कमरों से हुई। बाद में गांधी उद्यान के पास कृषि विभाग के ऑफिस में इसे ले जाया गया। विज्ञान महाविद्यालय में 2 जुलाई 1965 को तत्कालीन केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री इंदिरा गांधी ने इसका उद्घाटन किया। बाद में रायपुर के पश्चिमी भाग में यूनिवर्सिटी शिफ्ट हुई, जहां फिलहाल उसके पास 300.16 एकड़ जमीन है।
लाखों विद्यार्थियों ने पाई है शिक्षा
1964 से लेकर अब तक यहां से लाखों स्टूडेंट्स पढ़ाई करके निकल चुके हैं। मानविकी (Humanities), प्राकृतिक विज्ञान, कानून, शिक्षा, फार्मेसी, प्रबंधन, शारीरिक शिक्षा, पुस्तकालय विज्ञान, कम्प्यूटर विज्ञान के मामले में छत्तीसगढ़ के 5 जिलों में फैले 23 स्कूलों और 144 संबद्ध कॉलेजों में डेवलप हुआ है। विश्वविद्यालय का एक बड़ा परिसर राजधानी रायपुर शहर के पश्चिमी भाग में स्थित है।
300.17 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है विश्वविद्यालय
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय (PRSU) का परिसर 300.17 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है। यहां 29 शिक्षण विभाग हैं। विभाग की 6 इमारतों को कुछ समय पहले ही बनाया गया है। कुछ विभागों ने स्व वित्तपोषित पाठ्यक्रमों की एक श्रृंखला शुरू की है। करीब 700 कर्मचारी अलग-अलग स्तरों पर प्रशासनिक सहायता प्रदान करते हैं।
अंडर ग्रेजुएट (UG), पोस्ट ग्रेजुएट (PG) और रिसर्च आधारित पाठ्यक्रम
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय (PRSU) में कई विभाग शामिल हैं, जो अलग-अलग सब्जेक्ट्स में अंडर ग्रेजुएट (UG), पोस्ट ग्रेजुएट (PG) और रिसर्च आधारित कार्यक्रम चलाते हैं। कला, विज्ञान, कानून, प्रबंधन, शिक्षा, कम्प्यूटर, कृषि, फार्मेसी और कॉमर्स की पढ़ाई यहां उपलब्ध है। विश्वविद्यालय 11 यूजी, 7 पीजी और विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रम जैसे डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा और डॉक्टरेट की डिग्री देते हैं। इस विश्वविद्याल ने NAAC मान्यता ग्रेड ए हासिल किया है। ये AICTE से भी अनुमोदित है।
पड़ोसी राज्यों से भी छात्र आते हैं पढ़ने
फिलहाल यहां पढ़ाई करने के लिए पड़ोसी राज्यों से भी स्टूडेंट्स आते हैं। विभागों द्वारा पेश किए जाने वाले विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए 5000 छात्र नामांकित हैं, जिन्हें 100 से अधिक संकाय सदस्यों के मार्गदर्शन में संचालित किया जाता है। आरएसयू का अधिकार क्षेत्र छत्तीसगढ़ के पूरे मध्य और दक्षिणी भाग को कवर करता है।
कैसे ले सकते हैं एडमिशन ?
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर विभिन्न विषयों में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और डॉक्टरेट स्तर पर एडमिशन देता है। इसके लिए आपको एडमिशन फॉर्म भरना होगा। मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी एमबीए में एडमिशन CMT स्कोर के आधार पर होता है।
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में ये सुविधाएं हैं मौजूद-
लाइब्रेरी, कम्प्यूटर सेंटर, एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक, हेल्थ सेंटर, बायोसाइंस ब्लॉक, कुलपति और रजिस्ट्रार लॉज, भूविज्ञान भवन, कानून भवन, इलेक्ट्रॉनिक बिल्डिंग, सेलुलर और आणविक जीवविज्ञान भवन, विज्ञान ब्लॉक, लड़कों और लड़कियों का छात्रावास, सभागार, शिक्षक छात्रावास, खेल का मैदान, गेस्ट हाउस, स्टेडियम, व्यायामशाला, रोजगार ब्यूरो
यहां ये विभाग हैं-
- वयस्क, सतत शिक्षा और विस्तार अध्ययन स्कूल
- प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व अध्ययन स्कूल
- मानव विज्ञान अध्ययन स्कूल
- भौतिकी और खगोल भौतिकी अध्ययन स्कूल
- जैव-प्रौद्योगिकी अध्ययन स्कूल
- मूल विज्ञान केंद्र
- क्षेत्रीय अध्ययन एवं अनुसंधान केंद्र
- महिला अध्ययन केंद्र
- रसायन विज्ञान अध्ययन स्कूल
- तुलनात्मक धर्म और दर्शनशास्त्र अध्ययन स्कूल
- कंप्यूटर विज्ञान और आईटी अध्ययन स्कूल
- अर्थशास्त्र अध्ययन स्कूल
- इलेक्ट्रॉनिक्स अध्ययन स्कूल
- शिक्षक शिक्षा संस्थान
- भूगोल अध्ययन स्कूल
- भूविज्ञान और जल संसाधन प्रबंधन अध्ययन स्कूल
- सांख्यिकी अध्ययन स्कूल
- इतिहास अध्ययन स्कूल
- प्रबंधन संस्थान
- यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी
- पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान
- विधि अध्ययन स्कूल
- पुस्तकालय और सूचना विज्ञान अध्ययन स्कूल
- जीवन विज्ञान अध्ययन स्कूल
- भाषाविज्ञान अध्ययन स्कूल
- साहित्य और भाषा अध्ययन स्कूल
- आणविक जीव विज्ञान अध्ययन स्कूल
- गणित अध्ययन स्कूल
- प्राणिविज्ञान अध्ययन विद्यालय
- मनोविज्ञान अध्ययन स्कूल
यहां हॉस्टल की सुविधा है मौजूद
- आजाद छात्रावास
- गांधी छात्रावास
- पावरग्रिड हॉस्टल
- अनुसंधान छात्रावास
- गर्ल्स प्रोफेशनल हॉस्टल
- लड़कियों का छात्रावास
- गर्ल्स रिसर्च हॉस्टल
- नवीन कन्या छात्रावास
- बालिका एससी/एसटी छात्रावास
रैंकिंग
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय को 2023 में राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) द्वारा भारत के विश्वविद्यालयों में 151-200 बैंड में स्थान दिया गया, वहीं फार्मेसी रैंकिंग में 101-150 बैंड में स्थान दिया गया।