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CG- शिक्षकों की खबर: शिक्षा अधिकारी कर रहे शिक्षा में गुणवत्ता की बात, दूसरी तरफ बाढ़ राहत शिविरों में लगा दी गई शिक्षकों की ड्यूटी...

CG- शिक्षकों की खबर: शिक्षा अधिकारी कर रहे शिक्षा में गुणवत्ता की बात, दूसरी तरफ बाढ़ राहत शिविरों में लगा दी गई शिक्षकों की ड्यूटी...
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By NPG News

सुकमा। स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में अफसर गुणवत्ता की बात कह रहे हैं और दूसरी तरफ उनकी एक के बाद एक अन्य विभागों के कार्यों में ड्यूटी लगा दी जा रही है। कोविड जांच केंद्रों के बाद अब शिक्षकों की बाढ़ राहत केंद्रों में ड्यूटी लगा दी गई है। ड्यूटी इस प्रकार लगाई गई है कि स्कूल की टाइमिंग भी प्रभावित हो रही है। जिससे शैक्षणिक कार्य भी पर प्रभावित होंगे।

पिछले दिनों बीजापुर जिले के भैरमगढ़ ब्लाक में शिक्षको की कोविड जांच नाकों में ड्यूटी लगा दी गई थी। इसके बाद अब सुकमा जिले के कोंटा एसडीएम ने बाढ़ राहत शिविरों में शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी है। कोंटा के नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में शबरी नदी एवं अन्य नदी नालों में बढ़ते जल स्तर देखते हुए बाढ़ से प्रभावित शिविरार्थियों के ठहरने,भोजन व्यवस्था व अन्य व्यवस्थाओ के लिए अस्थायी राहत शिविर लगाए गए हैं। इन राहत शिविरो में शिविर प्रभारी व सहायक प्रभारी के रूप में शिक्षको की नियुक्ति की गई है।

आईटीआई,डीएवी स्कूलों,बालक आश्रम, सामुदायिक भवनों में कुल दस राहत शिविर कोंटा अनुविभाग में बनाये गए हैं। इनमें दो शिफ्टों में 44 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गयी है। कैम्प की टाइमिंग एसी है कि सुबह 6 से शाम 6 व शाम 6 से सुबह 6 के दो शिफ्टों में ड्यूटी लगाई गई है। मतलब की स्कूल टाइमिंग में भी शिक्षक स्कूल छोड़ कैम्पों में ड्यूटी करेंगे। सबसे खास बात यह कि शिक्षा विभाग के अफसर भी शिक्षकों की अन्य विभागों के कार्यो में ड्यूटी लगाए जाने पर चुप है। उसके बाद यही अफसर शिक्षा में गुणवत्ता लाने की बात करते हैं और रिजल्ट खराब होने पर शिक्षकों पर कार्यवाही की बात भी करते हैं।

इस सम्बंध में सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे का कहना है कि "शिक्षा विभाग को मजाक बनाकर रख दिया गया है जिस भी डिपार्टमेंट में किसी भी प्रकार के कर्मचारी की आवश्यकता पड़ती है तो शिक्षा विभाग के शिक्षकों की तैनाती कर दी जाती है और इसके विरोध में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुंह से बोल नहीं फूटते और बाद में यही अधिकारी शिक्षकों से रिजल्ट पूछते हैं । रिजल्ट तो बेहतर तब आएगा न जब शिक्षक स्कूल में रहेंगे । जब तक गैर शैक्षणिक कार्यों से ड्यूटी नहीं हटाई जाएगी तब तक गुणवत्ता प्रभावित होगी ही और इसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ अधिकारी हैं। "

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