Medical PG Admission Reservetion: मेडिकल पीजी में डाेमिसाइल आरक्षण समाप्त: राज्य सरकार ने किया बड़ा बदलाव...
Medical PG Admission Reservetion: छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों में पीजी में एडमिशन के लिए राज्य सरकार ने बड़ा बदलाव कर दिया है। डोमिसाइल आरक्षण को खत्म करते हुए अब संस्थागत आरक्षण व ओपन मेरिट के लिए 50-50 प्रतिशत सीटें आरक्षित कर दिया हैं। एक दिसंबर को राजपत्र में प्रकाशन कर नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है। यह बदलाव पीजी की स्टूडेंट डॉ समृद्धि दुबे की याचिका के बाद हुआ।

Medical PG Admission Reservation: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों में पीजी में एडमिशन के लिए राज्य सरकार ने बड़ा बदलाव कर दिया है। डोमिसाइल आरक्षण को खत्म करते हुए अब संस्थागत आरक्षण व ओपन मेरिट के लिए 50-50 प्रतिशत सीटें आरक्षित कर दिया हैं। एक दिसंबर को राजपत्र में प्रकाशन कर नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है। यह बदलाव पीजी की स्टूडेंट डॉ. समृद्धि दुबे की याचिका के बाद हुआ। डॉ. समृद्धि छत्तीसगढ़ की मूल निवासी हैं। एमबीबीएस की पढ़ाई छत्तीसगढ़ से बाहर की है। पीजी की पढ़ाई वह अपने गृह राज्य से करना चाहती हैं। पीजी मेडिकल एडमिशन में लागू डोमिसाइल आरक्षण के कारण वह पढ़ाई से वंचित हो रही थी। लिहाजा उन्होंने बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इसे चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट में मेडिकल पीजी में लागू डोमिसाइल आरक्षण को रद्द कर दिया था। हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब राज्य सरकार ने गजट नोटिफिकेशन कर नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है।
डॉ. समृद्धि दुबे ने आने वाले बैच के साथ ही छत्तीसगढ़ के मूल निवासी स्टूडेंट्स जो राज्य से बाहर एमबीबीएस की डिग्री लेने के बाद गृह राज्य से पीजी की पढ़ाई करना चाहते हैं उनके लिए रास्ता खोल दिया है। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य शासन ने बड़ा बदलाव कर दिया है। गजट नोटिफिकेशन के बाद अब पीजी में इसी आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। जाहिर है याचिकाकर्ता डॉ समृद्धि दुबे अपने गृह राज्य से पीजी की पढ़ाई पूरी कर पाएंगी।
क्या है गजट नोटिफिकेशन में
अधिसूचना क्रमांक RULE-801/205/2025/MED. छत्तीसगढ़ चिकित्सा महाविद्यालय के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश अधिनियम, 2002 (क्र 28 सन् 2002) की धारा-3 सहपठित धारा 4 द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुये, राज्य सरकार एतद्वारा, छत्तीसगढ़ चिकित्सा स्नातकोत्तर प्रवेश नियम, 2025 में निम्नलिखित संशोधन करते हैं,
उक्त नियमों में,- (एक)
नियम 11 (क) एवं (ख) को विलोपित किया जाये तथा नियम 11 (क) एवं (ख) के स्थान पर नियम 11 (क) (ख) (ग) एवं (घ) अन्तःस्थापित किया जाये, अर्थात् :-. प्रवेश हेतु सीटों का संस्थागत आरक्षण शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों की कुल उपलब्ध सीटों को दो वर्गों में विभाजित किया जाता है। संस्थागत आरक्षण हेतु 50 प्रतिशत सीटें, तथा ओपन मेरिट हेतु 50 प्रतिशत सीटें।
संस्थागंत आरक्षण 50 प्रतिशत सीटें
शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों की कुल सीटों का 50 प्रतिशत सीटें उन अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रहेगा जिन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित एनएमसी द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सा महाविद्यालयों से एमबीबीएस उत्तीर्ण किया है अथवा जो सेवारत अभ्यर्थी है। इन सीटों पर प्रवेश केवल संस्थागत आरक्षण के पात्र अभ्यर्थियों के मध्य मेरिट के आधार पर दिया जाएगा।
गैर संस्थागत आरक्षण 50 प्रतिशत सीटें
गैर संस्थागत आरक्षण शेष 50 प्रतिशत सीटें ओपन कैटेगरी मानी जाएगी। इन सीटों पर प्रवेश सभी पात्र अभ्यर्थियों हेतु राज्य स्तरीय मेरिट सूची के आधार पर किया जाएगा। ओपन सीटों पर किसी प्रकार की संस्थागत आरक्षण लागू नहीं होगी। उपरोक्त दोनों श्रेणीयों में राज्य में प्रचलित आरक्षण नियम 6 के तहत लागू होगा। यदि संस्थागत आरक्षण के अंतर्गत निर्धारित सीटों पर पात्र अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं होते हैं, तो मॉप अप राउण्ड की आवंटन प्रक्रिया के समय उन रिक्त सीटों का अंतरण (conversion) करते हुए उन्हें सामान्य (ओपन) श्रेणी में कर दिया जाएगा।
CG में डोमिसाइल आरक्षण के खिलाफ डा समृद्धि ने दायर की थी याचिका
पीजी मेडिकल में प्रवेश के संबंध में छत्तीसगढ़ में डोमिसाइल आरचण को चुनौती देने वाली याचिका पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। डिवीजन बेंच ने मेडिकल पीजी में डोमिसाइल आधारित आरक्षण को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है। डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है, प्रवेश देते समय, विशेष रूप से उच्चतर और विशिष्ट पाठ्यक्रमों में, शैक्षिक मानकों की सुरक्षा के लिए योग्यता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए; संस्थागत आरक्षण या अधिवास आरक्षण की आड़ में ऐसे स्तरों पर योग्यता को शिथिल करने से महत्वपूर्ण व्यावसायिक उत्कृष्टता से समझौता करने का जोखिम होगा। याचिकाकर्ता डॉ समृद्धि दुबे ने सीनियर एडवोकेट राजीव श्रीवास्तव,अधिवक्ता संदीप दुबे, मानस वाजपेयी और कैफ अली रिजवी के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में ये लिखा
याचिका की सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि पीजी मेडिकल कोर्स में विशेषज्ञ डॉक्टरों के महत्व को देखते हुए, 'निवास' के आधार पर उच्च स्तर पर आरक्षण भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा। यदि इस तरह के आरक्षण की अनुमति दी जाती है, तो यह कई छात्रों के मौलिक अधिकारों का हनन होगा, जिनके साथ केवल इस कारण असमान व्यवहार किया जा रहा है कि वे संघ के एक अलग राज्य से हैं। यह संविधान का उल्लंघन होगा। संविधान के अनुच्छेद 14 में समानता खंड का उल्लंघन होगा और यह कानून के समक्ष समानता से इनकार करने के समान होगा।
पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में निवास-आधारित आरक्षण अस्वीकार्य है, राज्य कोटे की सीटें, उचित संख्या में संस्थान-आधारित आरक्षणों के अलावा, अखिल भारतीय परीक्षा में योग्यता के आधार पर ही भरी जानी हैं। इस प्रकार, राज्य द्वारा अपने कोटे में भरी जाने वाली 64 सीटों में से 32 संस्थागत वरीयता के आधार पर भरी जा सकती थीं, और ये मान्य हैं। लेकिन यू.टी. चंडीगढ़ पूल के रूप में निर्धारित अन्य 32 सीटें गलत तरीके से निवास के आधार पर भरी गईं, और हम इस महत्वपूर्ण पहलू पर उच्च न्यायालय के निष्कर्षों को बरकरार रखते हैं।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के प्रस्ताव के मद्देनजर, छत्तीसगढ़ मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट प्रवेश नियम, 2025 के नियम 11 (ए) और (बी) को भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 के अधिकार क्षेत्र से बाहर और उल्लंघन करने के कारण रद्द कर दिया गया है और राज्य छत्तीसगढ़ मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट प्रवेश नियम, 2025 के नियम 11 (ए) और (बी) में उल्लिखित श्रेणियों से संबंधित उम्मीदवारों के बीच भेदभाव नहीं करेगा। परिणामस्वरूप, यह याचिका स्वीकार की जाती है।
डॉ समृद्ध ने नियम पांच की वैधानिकता को दी थी चुनौती
राज्य सरकार ने राजपत्र अधिसूचना 09 दिसंबर 2021 द्वारा स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ चिकित्सा महाविद्यालयों के स्नात्कोत्तर पथ्यक्रमों में प्रवेश अधिनियम, 2002 के तहत छत्तीसगढ़ मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट प्रवेश नियम, 2021 नामक नियम बनाए हैं। उस समय, पीजी प्रवेश नियम, 2021 लागू था, जो छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित कॉलेज के तहत स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश का प्रावधान करता है। पुराने पीजी प्रवेश नियम, 2021 में, नियम 4 "एनआरआई छात्रों के प्रवेश के लिए पात्रता की अतिरिक्त शर्तें" प्रदान करता है।
नियम 5 "प्रवेश के लिए अपात्रता" प्रदान करता है, नियम 6 से 8 "सीटों का आरक्षण" प्रदान करता है। पीजी प्रवेश नियम, 2021 के नियम 11(ए) में प्रावधान है कि राज्य कोटे में उपलब्ध सीटों पर प्रवेश पहले उन उम्मीदवारों को दिया जाएगा जिन्होंने या तो छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की है या जो सेवारत उम्मीदवार हैं। पीजी प्रवेश नियम, 2021 के नियम 11(बी) में प्रावधान है कि यदि नियम 11 के उपनियम (बी) में उल्लिखित सभी पात्र उम्मीदवारों को प्रवेश देने के बाद सीटें खाली रहती हैं, तो उन रिक्त सीटों पर ऐसे उम्मीदवारों को प्रवेश दिया जाएगा, जिन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के बाहर स्थित मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री की है लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी हैं। इस प्रकार, यह नियम उन छात्रों के बीच भेदभाव पैदा करता है जो अन्य विश्वविद्यालय से एमबीबीएस डिग्री प्राप्त करने वालों को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है, एक वे उम्मीदवार जिन्होंने छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों से डिग्री प्राप्त की है तथा दूसरे वे उम्मीदवार जिन्होंने छत्तीसगढ़ के बाहर से डिग्री प्राप्त की है।
हाई कोर्ट के फैसले के बाद आयुक्त चिकित्सा शिक्षा ने स्थगित कर दी थी काउंसलिंग
आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा ने एक आदेश जारी कर प्रवेश वर्ष 2025 छत्तीसगढ़ राज्य के चिकित्सा स्नातकोत्तर MD MS पाठ्यक्रम की प्रथम चरण की काउं सिलिंग हेतु ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को स्थगित कर दिया था। पूर्व में आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा द्वारा 18 नवंबर .2025 के आदेश के जरिए छत्तीसगढ़ राज्य कोटे की चिकित्सा स्नातकोत्तर MD MS सीटों पर प्रवेश हेतु राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित NEET-PG 2025 में पात्र घोषित अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे। आयुक्त चिकित्सा शिक्षा ने जारी आदेश में लिखा है कि प्रथम चरण की काउंसिलिंग हेतु ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को अपरिहार्य कारणों से तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाता है। इस संबंध में आगामी वेबसाइट www.cgdme.in के जरिए देने की जानकारी दी थी।
देखें आदेश
