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Maternity Leave: CG स्‍कूल शिक्षा विभाग में अवकाश में ‘खेला’: आवेदन के बावजूद काटा जा रहा है वेतन, विरोध में मोर्चा खोलने की तैयारी

Maternity Leave: छत्‍तीसगढ़ का स्‍कूल शिक्षा विभाग अलग-अलग कारणों से चर्चा में बना रहता है। अब शिक्षकों के वेतन कटौती का मामला गरमा रहा है। आरोप है कि विभाग के अफसर मातृत्व और पितृत्व अवकाश पर भी डंडी मा रहे हैं। नवनियुक्त शिक्षकों को पात्रता नहीं है बता कर वेतन काट रहे हैं।

Maternity Leave: CG स्‍कूल शिक्षा विभाग में अवकाश में ‘खेला’: आवेदन के बावजूद काटा जा रहा है वेतन, विरोध में मोर्चा खोलने की तैयारी
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By Sanjeet Kumar

Maternity Leave: रायपुर। राज्‍य के सरकारी कर्मचारियों को अलग-अलग प्रकार के अवकाश की पात्रता है। छुट्टी के संबंध में स्पष्ट आदेश के बावजूद स्कूल शिक्षा विभाग में जो खेल अवकाश देने के नाम पर चल रहा है वह हैरत में डालने वाला है क्योंकि यहां मातृत्व और पितृत्व अवकाश पर तक डंडी मरने से अधिकारी और कर्मचारी नहीं चूक रहे हैं। बस्तर अंचल के कोंडागांव जिले के केशकाल ब्लॉक में कई शिक्षकों का मातृत्व और पितृत्व अवकाश का वेतन भुगतान रोक दिया गया है और इसके पीछे की वजह अलग-अलग है।

एक मामले में विकासखंड केशकाल के शासकीय माध्यमिक शाला पडडे के शिक्षक मनोज कुमार साहू को 26 दिसंबर को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई उसके बाद उन्होंने विधिवत तरीके से विकासखंड शिक्षा अधिकारी को 1 जनवरी को आवेदन प्रेषित किया और 2 जनवरी से लेकर 16 जनवरी तक 15 दिनों के पितृत्व अवकाश पर गए। बाद में मार्च का वेतन जब आया तो उनके आधे वेतन की कटौती हो चुकी थी सैलरी स्लिप देखने के बाद उन्होंने जब खंड प्रभारी से संपर्क किया तो उनका कहना था कि आप नव नियुक्त शिक्षक हैं और आपको पितृत्व अवकाश की पात्रता नहीं है जिसके कारण आपका वेतन काटा गया है ।

इसी प्रकार के कई और मामलों में केशकाल विकासखंड में नवनियुक्त शिक्षको का वेतन काट दिया गया है जबकि इसके संबंध में स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी परिस्थिति में मातृत्व अवकाश के दौरान वेतन की कटौती नहीं की जानी है । कुल मिलाकर जहां जानबूझकर नवनियुक्त शिक्षकों को प्रताड़ित किया जा रहा है। शिक्षकों ने इसकी शिकायत सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक विवेक दुबे से की है और जिसके बाद उन्होंने मामले को सामने लाया है ।

इस पूरे मुद्दे को सामने लाने वाले सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक विवेक दुबे ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में संतान का आना सबसे खुशहाली का पल होता है और इस समय में कर्मचारियों को सबसे ज्यादा छुट्टियों की आवश्यकता होती है यही वजह है कि महिला कर्मचारी को शासन द्वारा 6 माह का मातृत्व अवकाश दिया जाता है वहीं पुरुष को भी 15 दोनों का अवकाश देय है। शासन के नियमों को धत्ता बताकर वेतन कटौती कर देने वाले अधिकारी और लिपिक को नियमों की कितनी जानकारी होगी या इसकी आड़ में वह पैसा उगाही का कौन सा खेल खेलना चाहते हैं यह आसानी से समझा जा सकता है। पूरे सबूत के साथ शिक्षकों ने मुझसे शिकायत की है और अब मैंने इस पूरे मामले की शिकायत कोंडागांव के जिला शिक्षा अधिकारी से की है और कलेक्टर से भी कर रहा हूं ताकि शिक्षकों को वेतन भुगतान हो और दोषियों को सजा मिले।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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