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विज्ञान के बिना जीवन संभव नहीं, पूरा ब्रम्हांड विज्ञान के सिद्धांत पर चलता है-प्रो. चक्रवाल

विज्ञान के बिना जीवन संभव नहीं, पूरा ब्रम्हांड विज्ञान के सिद्धांत पर चलता है-प्रो. चक्रवाल
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By NPG News

बिलासपुर, 28 फरवरी 2022। गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह का इंटीग्रेटेड एप्रोच इन साइंस एंड टेक्नालॉजी फॉर ए सस्टेनेबल फ्यूचर थीम पर आयोजन किया गया।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि पूरा ब्रह्मांड विज्ञान के सिद्धांत पर चलता है, विज्ञान के बगैर हमारा जीवन संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका यह संकल्प आज फलीभूत होने जा रहा है कि गुरु घासीदास विश्वविद्यालय व एआईसीटीई के बीच भेद मिटाना है। यह हर्ष का विषय है कि विश्वविद्यालय को एआईसीटीई के ओर से आने वाले समय में आइडिया लैब की सौगात मिलने वाली है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सूचना तकनीक को प्राथमिकता प्रदान की गई है जिसे ध्यान में रखते हुए आइडिया लैब का विचार प्रासंगिक है। कुलपति प्रो0 चक्रवाल ने विश्वविद्यालय के छात्रों व शोधार्थियों से आव्हान किया कि वे अपना ज्ञान कागजों तक सीमित न रखते हुए समाज और उद्योगों तक पहुंचाएं। हमारा प्रथम कर्तव्य यह है कि हम समाज और उद्योग से जुड़ें। इस कार्य में यह विश्वविद्यालय तेजी से अग्रसर हो रहा है। वह दिन दूर नहीं जब दृढ़ संकल्प, सहयोग, समन्वय एवं समर्पण के भाव के साथ इस विश्वविद्यालय की पहचान अंतरराष्ट्रीय पटल पर परिलक्षित होगी।

मुख्य अतिथि प्रो. राजीव कुमार सदस्य सचिव एआईसीटीई नई दिल्ली ने कहा कि हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है इस दौरान राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की हर साल एक थीम निर्धारित होती है ताकि अलग-अलग क्षेत्रों में किये गये कार्यों एवं गतिविधियों का प्रचार एवं प्रसार हो सके। इस वर्ष भारत सरकार ने देश के 75 स्थानों पर विज्ञान सर्वत्र पूज्यते अभियान चलाया है। आज का यह कार्यक्रम भी इसी अभियान की एक कड़ी है। उन्होंने शोधार्थियों, शिक्षकों एवं संस्थानों के लिए एआईसीटीई की विभिन्न लाभप्रद योजनाओं की विस्तार से जानकारी प्रदान की। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप एआईसीटीई ने देश के 28 संस्थानों में विभिन्न भारतीय भाषाओं में पढ़ाई प्रारंभ कर दी है। भारतीय ज्ञान परंपरा का ध्यान रखते हुए प्रथम वर्ष की किताबें मातृभाषा में लिखाई गई है।

विशिष्ट अतिथि प्रो. नीलांबरी दवे विभागाध्यक्ष गृह विज्ञान विभाग सौराष्ट्र विश्वविद्यालय राजकोट ने कहा कि प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल जिन संस्थानों में भी रहे हैं, उन्हें ऊंचाइयों तक ले गये। इस विश्वविद्यालय में भी उनके सपने को पूरा करने के लिए सभी का पूर्ण सहयोग मिल रहा है। भारत की गौरवशाली एवं वैभवशाली प्राचीन समृद्ध विरासत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि आज हम पश्चिमी देशों की सभ्यता के पीछे भागने लगे हैं। जबकि हजारों साल पहले रचित हमारे ग्रंथों में जिन बातों का उल्लेख है, उन्हें विज्ञान आज सिद्ध कर रहा है। अमेरिका में स्थित पूरी सिलिकॉन वैली भारतीय बच्चे चला रहे हैं। उन्होंने आव्हान किया कि भारत के बच्चे अपने देश में रहकर सृजनात्मकता, नवाचार एवं शोध को बढ़ावा देते हुए राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें तभी यह देश फिर से विश्व गुरु बनेगा।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो. अनामिक शाह, पूर्व कुलपति गुजरात विद्यापीठ अहमदाबाद ने कहा जो मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करे वही विद्या है। उन्होंने छात्रों से आव्हान किया किय इस विश्वविद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं एवं संसाधनों का पूरा उपयोग करते हुए रिसर्च से रुपी का सफर तय करें।

विशिष्ट अतिथि श्री घनश्याम प्रजापति प्रोजेक्ट प्रमुख सीजीएम एनटीपीसी सीपत बिलासपुर ने एनटीपीसी की सुविधाओं, उपलब्धियों, गतिविधियों, लक्ष्यों एवं ऊर्जा क्षेत्र की नई चुनौतियों से निपटने के लिए किये जा रहे विभिन्न उपायों के विषय में विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर सम्मानीय अतिथि डॉ. आर.के. सोनी क्षेत्रीय अधिकारी एवं सलाहकार-प्प् एआईसीटीई नई दिल्ली ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

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