Korba News: CG शिक्षा विभाग में खेला: विधानसभा में मंत्री ने की थी निलंबन की घोषणा, आरोप पत्र जारी नहीं कर पाया विभाग, अब एक ही जिला में 2 डीईओ
Korba News: छत्तीगसढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग में जो न हो वह कम है। विभाग में बड़े-बड़े खेल होते हैं इनमें से कुछ बाहर आते हैं तो ज्यादातर का किसी को हवा भी नहीं लगता। अब विभाग में निलंबन में खेला का मामला सामने आया है। शिक्षा मंत्री ने जिस डीईओ को निलंबित किया था विभाग उसे आरोप पत्र तक जारी नहीं कर पाया।
Korba News: कोरबा। विधानसभा में स्कूल शिक्षा मंत्री ने एक जिला शिक्षा अधिकारी को निलंबित करने की घोषणा कर दी। चूंकि सदन के अंदर घोषणा की गई थी इस वजह से विभाग ने निलंबन का आदेश जारी कर दिया, लेकिन इसके बाद विभाग संबंधित डीईओ को न तो आरोप पत्र जारी नहीं कर पाया। ऐसे में नियमानुसार निलंबन स्वत: समाप्त हो गया। ऐसे में निलंबित डीईओ साहब ने आफिस ज्वाइन कर लिया। वहां पहले से एक डीईओ बैठे हैं। ऐसे में अब एक ही कार्यालय में डीईओ की दो-दो कुर्सी लगाई जा रही है।
यह पूरा मामला कोरबा जिला का है। यहां जिला शिक्षा अधिकारी रहे जीपी भारद्वाज को भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित कर दिया गया था। भारद्वाज पर मुंगेली जिला में डीईओ रहते खरीदी में गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ था। भारद्वाज पर कोरोना काल के दौरान डीएमएफ से स्कूलों के लिए सामग्री एवं अन्य उपकरणों की खरीदी में गड़बड़ी का आरोप लगा था। मामला विधानसभा के बजट सत्र के दौरान उठा। प्रश्नकाल में सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भारद्वाज को निलंबित करने की घोषणा कर दी। 25 फरवरी 2024 को जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। इसके साथ ही वहां नए डीईओ की नियुक्ति कर दी गई। अब छत्तीसगढ़ राज्य सिविल सेवा एवं वर्गीकरण नियम 1966 के तहत किसी भी निलंबित अधिकारी कर्मचारी को नियमानुसार 45 एवं 90 दिवस के अवधि के भीतर जांच संस्थित कर आरोप पत्र जारी एवं तामिल किया जाना होता हैं नहीं होने की स्थिति में निलंबन आदेश प्रतिसंहरित माना जाता है। अब विभाग की लापरवाही देखिए की जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा जी पी भारद्वाज के निलंबन मामले में 90 दिवस की अवधि पूर्ण होने के पश्चात भी किसी प्रकार से आरोप पत्र न ही जारी किया गया और ना ही तामिल किया गया इस आधार पर 27 मई 2024 को जिला शिक्षा अधिकारी जी पी भारद्वाज द्वारा कार्यभार ग्रहण कर लिया गया ।
विभाग की कार्यवाही पर खड़े हो रहे सवाल !
गौरतलब है कि जी पी भारद्वाज के निलंबन की घोषणा विधानसभा में प्रश्न का उत्तर देते हुए स्वयं स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने की थी उसके बाद उनका निलंबन हुआ था और अब यह मामला निकलकर सामने आ रहा है कि 90 दिनों में विभाग उनको आरोप पत्र तक तामिल नहीं कर पाया तो क्या विभाग के अधिकारियों ने जानबूझकर या लापरवाही की या फिर विभाग के पास मामले में कार्रवाई के लिए कुछ था ही नहीं । सवाल यहां खड़ा इसलिए होता है कि यदि विभाग के पास आरोप पत्र तक जारी करने के लिए तथ्य नहीं थे तो फिर 3 महीने तक अधिकारी को निलंबित रखना कहीं न कहीं उनके साथ अन्याय था और यदि वह मामले में दोषी थे तो फिर उन्हें किसकी शह पर आरोप पत्र न देकर बचाया गया।