Kondagaon News:अटैचमेंट के नाम से 10 हजार की रिश्वत लेने वाले शिक्षा विभाग के बाबू को 3 वर्ष का सश्रम कारावास, 5 हजार रुपए जुर्माना भी
कोंडागांव। शिक्षा विभाग के भ्रष्ट बाबू को अदालत ने 3 वर्ष सश्रम कारावास के साथ 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है बाबू ने अपने ही विभाग के कर्मचारी से अटैचमेंट के नाम पर 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। जिसे एंटी करप्शन ब्यूरो ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर मामला विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया था जिस पर अदालत ने आरोपी को सजा सुनाई है।
मिली जानकारी के अनुसार आशीष वर्मा शासकीय कन्या बुनियादी शिक्षा परिषद गरंजी में वर्तमान में सहायक ग्रेड 3 के पद पर पदस्थ है। उसे अनुकंपा नियुक्ति पर भृत्य के पद पर पदस्थापना मिली थी। वह 2008 से 2018 तक अनुकंपा नियुक्ति मिलने के बाद भृत्य के पद पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नारायणपुर मे पदस्थ था। 2018 में प्रमोशन पर वह शासकीय कन्या बुनियादी शिक्षा परिषद करंजी में पदस्थ हुआ। वह अपने पुराने स्कूल शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नारायणपुर में ही पदस्थापना चाहता था। इसके लिए उसने अपने प्राचार्य से चर्चा की। साथ ही उसने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय मैं भी संपर्क किया।
डीईओ ऑफिस में पदस्थ बाबू किशोर मेश्राम से उसकी मुलाकात हुई। जिस पर उसने पदस्थपाना तो नहीं बल्कि अटैचमेंट करवा देने का आश्वासन आशीष वर्मा को दिया। इसके एवज मे उसने 10 हजार रुपये मांगे। प्रार्थी द्वारा जब रकम देने से असमर्थता जाहिर की गई तब बाबू किशोर मेश्राम ने संलग्नीकरण आदेश जारी करवाने से मना कर दिया। परेशान होकर प्रार्थी आशीष वर्मा ने एंटी करप्शन ब्यूरो जगदलपुर को 22 दिसंबर 2020 को इसकी शिकायत की। जिस पर नियमानुसार शिकायत की पुष्टि व प्रमाणीकरण के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया और प्रार्थी आशीष वर्मा को रिश्वत की रकम लेकर बाबू किशोर मेश्राम को देने के लिए भेजा।
प्रार्थी ने 30 दिसंबर 2020 को आरोपी बाबू किशोर मेश्राम को 10 हजार रुपये रिश्वत दी। जिसे एंटी करप्शन ब्यूरो ने रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी के खिलाफ मामला बना विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोंडागांव की अदालत में प्रस्तुत किया गया। जहां मामले की सुनवाई व साक्ष्यों के आधार पर आरोपी बाबू किशोर मेश्राम को 3 साल सश्रम कारावास व 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।