पं. हरिशंकर शुक्ल कॉलेज में राष्ट्रीय संगोष्ठी: छात्रों का स्किल डेवेलप करने में सहायक साबित होगा NEP2020: प्रो. जाहीता बेगम
रायपुर। पं. हरिशंकर शुक्ल स्मृति महाविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन अतिथियों के स्वागत दौर के पश्चात् तृतीय टेक्निकल सेशन में रिसोर्स पर्सन प्रो. जाहीता बेगम ने online mode में अपने पेपर का आरंभ करते हुए कहा कि NEP2020 एक ऐसी पहल है जो कि छात्रों का स्किल डेवेलप करने में सहायक साबित होगी तथा समाज में उन्हें सफलता दिलाने में सक्षम होगी।
लंच ब्रेक के पश्चात् चतुर्थ टेक्निकल सेशन में प्रो. आर. एल. निकोसे ने परिचर्चा को आगे बढ़ाते हुए एवं NEP2020 की विशेषताओं को विस्तार से समझाते हुए कहा की NEP2020 क्वालिटि एजुकेशन पर फोकस करती है जिससे हमें भविष्य में क्वालिटि एवं स्किल्ड विद्यार्थी समाज में सेवाएं देने के लिए तैयार मिलेंगे।
वैलिडेटरी सेशन में सर्वप्रथम सेमिनार की स्मारिका के विमोचन के पश्चात् सभी पेपर प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों एवं शोधार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। डॉ. संजय अवस्थी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए समस्त अतिथियों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों को इस संगोष्ठी का हिस्सा बनने के लिए साधुवाद दिया।
चेयरमेन सुशील शुक्ला ने महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापको एवं कर्मचारियों को इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए शुभकामनायें दीं। उन्होने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी महाविद्यालय इस प्रकार के बौद्धिक एवं नवाचार के विषयों पर कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा जिससे समाज में एक स्वस्थ बदलाव संभव होगा।
बता दें कि इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के पहले दिन मुख्य अतिथि प्रो. सच्चिदानंद शुक्ल, कुलपति, रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह संगोष्ठी नई शिक्षा प्रणाली के लाभ एवं हानि पर ध्यान केंद्रित करने वाली साबित होगी। इस संगोष्ठी के माध्यम से नई शिक्षा प्रणाली का समाज पर प्रभाव एवं उसकी प्रांसगिता पर प्रकाश डालने वाले समस्त विशेषज्ञों एवं शोधार्थियों को साधुवाद देते हुए प्रो. शुक्ल ने उपस्थित सभी बुद्धिजीवियों को अग्रिम शुभकामनायें भी दी। शिक्षा समाज एवं राष्ट्र की प्रगति का एक स्तंभ हैं। राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली 2020 का लक्ष्य नई तकनीक को हमारी संस्कृति से जोड़ कर राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को सुधारना। इससे हम विश्व पटल पर अग्रिम संपन्न राष्ट्रों की श्रेणी में आकर "विश्वगुरू राष्ट्र" के रूप में अपनी छाप छोड़ सके।
की- नोट स्पीकर डॉ. राजीव चौधरी, प्रो. एवं डीन, शारिरिक शिक्षा, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने अपने उद्बोधन में महाविद्यालय परिवार को बधाई देते हुए कहा कि नए विषयों पर संगोष्ठी आयोजित करना एक उद्देश्यपूर्ण कार्य है जो कि समाज में बदलाव लाने में सक्षम है। चाणक्य जैसे गुरूओं की आज हमें बहुत आवश्यकता है जो अपनी नितियों से ऐसे शिष्य समाज को देते थे जो राष्ट्र का उत्थान करने में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देते थे।
लंच ब्रेक के बाद द्वितीय टेक्निकल सेशन में रिसोर्स पर्सन डॉ. इंदिरा शुक्ला, पूर्व प्राचार्य, गोखले एजुकेशन सोसाईटी, मुंबई ने बहुत ही रोचक तरीके से अपना उद्बोधन आरंभ करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली में Value Education का महत्व हमें ऐसे समाज निर्माण में सहायता करता है जो कि डिजिटल युग में हमारी परंपरा को खोने नहीं देता। महाविद्यालय के चेयरमेन श्री सुशील शुक्ला जी ने मुख्य अतिथि, सभी शिक्षाविदों, रिसर्च स्कॉलर्स एवं प्राध्यापको को साधुवाद देते हुए कहा कि आज के इस बहु उपयोगी सेमीनार से निश्रचत रूप से सभी लाभान्वित होंगे।