Guru Ghasidas Central University Bilaspur: बुजुर्गों को मदद करने CU के कुलपति का अनूठा प्रयास....छात्रों को श्रवण कुमार बनाने वाला देश का पहला विवि, जानिये कैसे काम करेगा श्रवण हेल्प लाइन
Guru Ghasidas Central University Bilaspur: गुरू घासीदास विश्वविद्यालय श्रवण लाइन योजना के प्रारंभ करने के मौके पर बिलासपुर के सांसद अरूण साव ने कहा कि कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने विश्वविद्यालय के युवाओं को श्रवण कुमार बना दिया है।
Guru Ghasidas Central University Bilaspur: बिलासपुर। छात्रों को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो0 आलोक कुमार चक्रवाल ने एक भागीरथ प्रयास शुरू किया है। उन्होंने बुजुर्गो की सहायता के लिए श्रवण कुमार हेल्प लाईन योजना प्रारंभ किया है। इसके दो फायदे होंगे...वरिष्ठ नागरिकों को मदद मिलेगी और दूसरा, छात्रों में बुजुर्गो की सेवा का भाव पैदा होगा। देश का यह पहला विश्वविद्यालय होगा, जो छात्रों को शिक्षा के साथ समाज सेवा से जोड़ने जा रहा है। देश में अभी किसी और विश्वविद्यालय में बुजुर्ग हेल्प लाईन नहीं है।
गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आज डॉ. बी.आर. अंबेडकर जयंती एवं गुरू घासीदास विश्वविद्यालय श्रवण लाइन योजना (जीएसएल) के उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। रजत जयंती सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अरुण साव, सांसद बिलासपुर लोकसभा बिलासपुर छत्तीसगढ़, विशिष्ट अतिथि रजनीश सिंह विधायक बेलतरा विधानसभा छत्तीसगढ़ तथा सुश्री हमीदा सिद्दीकी अध्यक्ष रोटरी क्लब बिलासपुर एवं उप महाअधिवक्ता छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट बिलासपुर रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अरुण साव, माननीय सांसद बिलासपुर लोकसभा बिलासपुर छत्तीसगढ़ ने डॉ. बी.आर. अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में गुरू घासीदास विश्वविद्यालय श्रवण लाइन योजना के शुभारंभ अवसर पर कहा कि कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने केन्द्रीय विश्वविद्यालय के युवाओं को श्रवण कुमार बना दिया है। विश्वविद्यालय संस्कार, शिक्षा और प्रेरणा के साथ अभिनव पहल का केन्द्र बन रहा है। उन्होंने डॉ. बी.आर. अंबेडकर को संविधान निर्माता, नीति निर्धारक एवं प्रखर समाज सुधारक बताते हुए नमन किया।
उद्घाटन कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि बड़े चरित्र और व्यक्तित्व को सदैव आत्मसात करना चाहिए। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय श्रवण लाइन योजना (जीएसएल) का प्रारंभ समाज के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य समाज के सभी वर्गों के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने का है। हमारा प्रयास है कि बिलासपुर शहर हैपीनेस इंडेक्स में देश के सर्वोच्च स्थान पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि यहां के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों के कार्यों में जुड़ेंगे।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर मां सरस्वती, बाबा गुरु घासीदास की प्रतिमा एवं डॉ. बी.आर. अंबेडकर के तैल चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। मंचस्थ अतिथियों का नन्हा पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। तरंग बैंड के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना एवं कुलगीत की प्रस्तुति दी। तत्पश्चात मंचस्थ अतिथियों द्वारा जीएसएल योजना का शुभारंभ डिजिटल माध्यम से फीता काटकर किया गया। प्रो. शैलेन्द्र कुमार अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने स्वागत उद्बोधन दिया। विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी विकास अनुभाग प्रो. वी.एस. राठौड़ ने गुरू घासीदास विश्वविद्यालय श्रवण लाइन सेवा (जीएसएल) पर प्रकाश डाला।
गुरू घासीदास विश्वविद्यालय श्रवण लाइन सेवा (जीएसएल)
गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल के सक्षम नेतृत्व एवं कुशल मार्गदर्शन में सामाजिक सरोकारों को प्राथमिकता देते हुए डॉ. बी.आर. अंबेडकर की जयंती के अवसर पर गुरू घासीदास विश्वविद्यालय श्रवण लाइन योजना (जीएसएल) का प्रारंभ किया है। इस योजना के अंतर्गत बुजुर्गों के बढ़ते एकाकीपन को दूर करने, उनकी स्वास्थ्यगत आवश्यकताओं की पूर्ति, तकनीकी सहयोग, बैंकिंग सेवाओं के विषय में जानकारी प्रदान करना, विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभों के विषयों में जानकारी से अवगत कराना शामिल है।
वरिष्ठ नागरिकों को कराना होगा पंजीयन, हेल्पलाइन पर मिलेगा सहयोग
गुरू घासीदास विश्वविद्यालय श्रवण लाइन योजना (जीएसएल) के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों को पंजीयन कराना होगा। जीएसएल का हेल्पलाइन नंबर 9244098001 है जिस पर संपर्क करने पर स्वयंसेवक उनका सहयोग करेंगे। उनके कॉल आने के 20-25 मिनट में स्वयंसेवक वरिष्ठजनों के पास पहुंच जाएंगे।
विद्यार्थियों को मिलेंगे दो क्रेडिट
इस योजना को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा जिसमें विद्यार्थियों को नियमित समय तक सेवाएं देने के उपरांत दो क्रेडिट प्रदान किये जाएंगे।
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरुआत
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हो रही इस योजना में अभी विश्वविद्यालय के 5 किमी के दायरे में आने वाले बुजुर्गों को शामिल किया जाएगा। प्रारंभिक तौर पर इसमें 60 वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में एक एप भी तैयार किया जा रहा है।