रायपुर। जहां आप और हम खड़े हैं, यह स्थान है, जवाहर बाजार, जो कभी फिलिप्स मार्केट कहलाता था। यह मोती बाग है, जो अंग्रेजों के जमाने में कंपनी गार्डन के नाम से जाना जाता था। दौ सौ से अधिक प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राएं, और उनको उस स्थान विशेष के इतिहास, कला, संसकृति के बारे में बता रहे थे, डॉ. गीतेश अमरोहित।
दृश्य था, रविवार को राजधानी रायपुर में आयोजित पीएससी की तैयारी ग्राउंड जीरो से कार्यक्रम का। विस्तार फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं को स्थान विशेष के बारे में ग्राउंड जीरो में ही खड़े रहकर तैयारी करना था, जिससे युवा बेहतर तरीके से स्थान विशेष के इतिहास, कला और संस्कृति को समझ सके। स्थान विशेषों की जानकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के पुस्तकों के लेखक, छत्तीसगढ़ी भाषा विज्ञानी डॉ. गीतेश कुमार अमरोहित ने विस्तार पूर्वक दी।
सुबह पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय परिसर से इस यात्रा की शुरूवात हुई, जोकि संस्कृत महाविद्यालय, राजकुमार कॉलेज, ईदगाह भाठा, आनंद समाज वाचनालय, आजाद चौक, जयस्तंभ चौक, केसरे हिन्द दरवाजा, जवाहर बाजार, डे भवन, पहाड़ी मैना चौक, मोती बाग, घासीदास संग्रहालय, छत्तीसगढ़ महतारी प्रतिमा चौक से होते हुए कलेक्टोरेट उद्यान में समाप्त हुई। इस यात्रा की समाप्ति पर शामिल अभ्यर्थियों को बुक और संबंधित नोट्स भी दिए गए। इस कार्यक्रम का खास बात यह था कि इसमें राजधानी रायपुर को जानने की इच्छा रखने वाले नागरिक भी शामिल थे। कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं की मांग पर बहुत जल्द इस शैक्षणिक यात्रा का दूसरा चरण आयोजित किया जाएगा।