कर्मचारी- अधिकारियों के बाद प्रदेश के सरपंच भी आज से अनिश्चित कालिन हड़ताल पर, कलमबंदी कर काम ठप्प करने का ऐलान
बिलासपुर । कर्मचारी- अधिकारियों की हड़ताल के बाद अब प्रदेश के सरपंचों ने हड़ताल की राह पकड़ ली है। अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरपंच संघ के बैनर तले प्रदेश भर के सरपंचों ने कलमबंदी कर काम ठप्प करने की घोषणा की है। इस सम्बंध में आज न्यायधानी बिलासपुर में प्रदेश के सरपंच संघ के पदाधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें यह निर्णय लिया गया।
प्रदेश के सभी सरपंच संघ के पदाधिकारियों की आज बिलासपुर में बैठक अयोजित की गई थी। बैठक में प्रदेशभर से आये सरपंच संघ के जिला अध्यक्ष,ब्लाक अध्यक्ष, संभागीय व प्रदेश पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में मानदेय राशि बढ़ा कर दो हजार से बीस हजार करने, पंचों की मानदेय 5 हजार रुपये बढ़ाने, विधायक व सांसद निधि की तरह प्रत्येक वर्ष 10 लाख की सरपंच निधि की मांग, धारा 40 में एसडीएम की पद से हटाने की शक्ति को जनता में निहित करने, कार्यकाल समाप्त होने के बाद आजीवन दस हजार रुपये पेंशन की मांग सरपंच संघ के पदाधिकारियों ने की। कोरोना को देखते हुए कार्यकाल में दो साल वृद्धि की मांग भी की गई।
इसके अतिरिक्त 50 लाख तक के काम के लिए ग्राम पंचायत को ही कार्य एजेंसी बनाने, नक्सलियों द्वारा सरपंचों की हत्या पर बीस लाख मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को नौकरी की मांग की गई। इसके अलावा पंद्रहवे वित्त आयोग अनुदान की राशि केवल उसी पंचायत के लिए होनी चाहिए, 15 वें वित्त आयोग की राशि को अन्य योजनाओं में अभिशरण नही किया जाना चाहिये की मांग की गई। नरेगा के सामग्री की राशि हर तीन महीने में भुगतान, नरेगा के कामों को प्रारम्भ करनेके लिए 40 प्रतिशत एडवांस भुगतान व प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए दो लाख रुपये की मांग की गई। दस दिन में मांगों को पूरा करने ल लिए कोई ठोस कदम नही उठाने पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी सरपंच संघ ने की है।