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Education News: ये है शिक्षा का हाल इन स्‍कूलों के 90% बच्‍चे हो गए फेल: विभाग ने जारी की ऐसे स्‍कूलों की सूची, कलेक्‍टरों से कहा...

Education News: छत्‍तीसगढ़ के सरकारी स्‍कूलों में शिक्षा के स्‍तर की स्‍कूल शिक्षा विभाग ने ही पोल खोल दी है। विभाग ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा में खराब रिजल्‍ट वाले स्‍कूलों की सूची जारी की है। इसके साथ ही स्‍कूल शिक्षा सचिव ने सभी कलेक्‍टरों को एक पत्र भी लिखा है।

Education News: ये है शिक्षा का हाल इन स्‍कूलों के 90% बच्‍चे हो गए फेल: विभाग ने जारी की ऐसे स्‍कूलों की सूची, कलेक्‍टरों से कहा...
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By Sanjeet Kumar

Education News: रायपुर। मरवाही के लोहारी स्‍कूल में 10वीं की परीक्षा में कुल 9 बच्‍चे शामिल हुए, केवल 1 पास हुआ बाकी 8 फेल हो गए। राजधानी के पास स्थित खल्‍लारी के स्‍कूल में भी 8 में से 7 बच्‍चे फेल हो गए। मनेंद्रगढ़ जिला के भरतपुर के एक स्‍कूल में 96 बच्‍चे परीक्षा में शामिल हुए उनमें से 81 फेल हो गए। यही स्थिति 12वीं में भी रही। प्रदेश के कई ऐसे स्‍कूल हैं, जहां फेल होने वाले बच्‍चों का प्रतिशत करीब 90 है।

स्‍कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी 10वीं और 12वीं वाले सरकारी स्‍कूलों की सूची जारी की है। ऐसे स्‍कूलों की संख्‍या 7 हजार से ज्‍यादा है। 10वीं के 4682 में से 894 स्‍कूलों में फेल होने वाले बच्‍चों का प्रतिशत 30 या उससे अधिक है। वहीं, 12वीं के 2762 स्‍कूलों में 30 प्रतिशत से अधिक फेल होने वाले स्‍कूलों की संख्‍या 111 है। सरकारी स्‍कूलों की इस स्थित पर चिंता जाहिर करते हुए स्‍कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने राज्‍य के सभी कलेक्‍टरों को एक पत्र लिखा है। इसमें स्‍कूल शिक्षा सचिव ने कलेक्‍टरों से स्‍कूलों की इस स्थिति की समीक्षा करने के लिए कहा है।

कलेक्‍टरों को लिखे पत्र में सचिव परेदशी ने कहा है कि सत्र 2023-24 के कक्षा 10वीं एवं 12वीं वार्षिक बोर्ड परीक्षा के परिणाम घोषित किये जा चुके है। बोर्ड परीक्षा में अधिकांश विद्यालयों ने उत्कृष्ट / बेहतर प्रदर्शन किए है, किन्तु कुछ विद्यालयों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। दोनों ही स्थितियों में परीक्षा परीणामों का विश्लेषण किया जाना आवश्यक है, जिससे कि आगामी सत्र में गुणवत्ता युक्त शिक्षा/स्तर सुधार के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार कर कार्य किया जा सके। इस हेतु आपको कक्षा 10 वीं एवं 12 वीं बोर्ड के परिणामों की सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध कराई जा रही है जिसमें उन विद्यालयों को क्रम में ऊपर रखा गया जहां अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या / प्रतिशत सर्वाधिक है, जिससे कि प्रथमतः इन विद्यालयों पर फोकस कर कार्य किया जा सके।

कृपया अपने जिले के शासकीय विद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक आयोजित कर कक्षा 10वीं एवं 12वीं के परीक्षा परिणामों की समीक्षा करना सुनिश्चित करें, जिससे कि आपके जिले में, आगामी शिक्षा सत्र में अकादमिक गुणवत्तायुक्त अध्ययन-अध्यापन प्रारंभ हो सकें। समीक्षा हेतु कुछ सुझावात्मक बिन्दु निम्नानुसार है :-

1. परीक्षा परिणामों की विद्यालयवार / विषयवार / शिक्षकवार समीक्षा की जाये।

2. परीक्षा परिणामों की समीक्षा हेतु परीक्षा परिणाम के आधार पर विद्यालयों को चार

स्तर में वर्गीकृत किया जा सकता है :-

• 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले विद्यालय।

• 30 प्रतिशत से अधिक एवं 60 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले विद्यालय।

• 60 प्रतिशत से अधिक एवं 90 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले विद्यालय।

• 90 प्रतिशत से अधिक परीक्षा परिणाम वाले विद्यालय।

3. 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले विद्यालयों के प्राचार्यों तथा विषय शिक्षकों से स्पष्टीकरण प्राप्त करें। यदि स्पष्टीकरण समाधान कारक हो तो विद्यालय / शिक्षकों के समस्या समाधान की दिशा में पहल की जावें। यदि स्पष्टीकरण समाधान कारक न हो तो संबंधित प्राचार्य / शिक्षक के विरूध्द कार्यवाही किये जाने हेतु प्रस्ताव राज्य शासन को प्रेषित करें।

4. जिन विद्यालयों के परीक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से अधिक एवं 60 प्रतिशत से कम हैं ऐसे प्राचार्यों / शिक्षको से इसका कारण जानने का प्रयास कर उसका निराकरण करें जिससे कि उनके आगामी परीक्षा परिणाम में सुधार परिलक्षित हों।

5. परीक्षा परिणाम की गुणवत्ता अर्थात विद्यालयों में मेरिट में आने वाले / प्रथम श्रेणी/द्वितीय श्रेणी/तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर भी समीक्षा की जानी अपेक्षित है तथा समीक्षा उपरांत उत्तम गुणवत्तायुक्त परीक्षा परिणाम देने वाले प्राचार्यों/ शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जावें।

6. जिन प्राचार्य / शिक्षकों ने अच्छा कार्य किया है उन्हें विशेष अवसर जैसे कि 15 अगस्त, 26 जनवरी, शिक्षक दिवस, राज्योत्सव जैसे कार्यक्रमों में जिला स्तर पर सम्मानित करें।

7. 90 प्रतिशत से अधिक परीक्षा परिणाम वाले विद्यालयों/जिन विद्यालयों में अधिकांश छात्र प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुये हो उन विद्यालय / शिक्षकों के द्वारा अपनाई गई बेस्ट प्रेक्टिसेस को अन्य प्राचार्य / शिक्षकों के साथ साझा करवाया जा सकता है।

8. प्राचार्य / शिक्षकों के लिये समय-समय पर मोटिवेशनल वर्कशॉप का आयोजन करें।

9. जिन बच्चों के रिजल्ट कम है उनके लिये विशेष शिक्षक-पालक बैठक का आयोजन किये जाने हेतु प्राचार्यों को निर्देशित करें जिसमें पालकों को उनके बच्चों के पढ़ाई के प्रति जागरूक किया जा सके ताकि बच्चों के रिजल्ट में सकारात्मक वृध्दि हो।

10. इसके अतिरिक्त आप स्वयं भी अपने स्तर पर समीक्षा के बिन्दु निर्धारित कर सकते हैं।

स्‍कूल शि‍क्षा सचिव ने कहा है कि मुझे विश्वास है कि आप इसकी समीक्षा गम्भीरता से करेंगे। निश्चित ही आपके द्वारा बैठक आहूत कर की गई समीक्षा से बेहतर परीक्षा परिणामों के प्रति आपके जिले के प्राचार्यों/शिक्षकों/पालकों एवं विद्यार्थियों में सजगता आएगी तथा वे अध्ययन-अध्यापन के प्रति संकल्पित होगें।

उन स्‍कूलों की सूची जहां 12वीं की परीक्षा में 50 प्रतिशत से ज्‍यादा बच्‍चे हो गए फेल

उन स्‍कूलों की सूची जहां 10वीं की परीक्षा में 50 प्रतिशत से ज्‍यादा बच्‍चे हो गए फेल


Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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