रायपुर। अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर दिवंगत पंचायत शिक्षकों के आश्रित काफ़ी लंबे समय से प्रयासरत हैं।वर्तमान सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में इन्हे अनुकम्पा नियुक्ति देने का वादा भी किया था किंतु वह वादा अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।
जन घोषणा पत्र में किए गए वादे को पूरा करने के लिए दिवंगत पंचायत शिक्षकों के परिजन लगातार सरकार से अलग अलग माध्यम से गुहार लगाते रहे हैं साथ ही समय समय पर हड़ताल भी करते रहे हैं लेकिन अभी तक या तो कमेटी बनाने की घोषणा हुई है या फिर आश्वासन मिला है।
अब जन चुनाव को मात्र एक वर्ष समय बचा है और आने वाले महीने में बजट प्रस्तुत होने वाला है ऐसे में अपनी मांग को सरकार तक पहुंचाने के लिए दिवंगत पंचायत शिक्षकों के परिजनों ने एक बार फिर हड़ताल की ओर रुख किया है।
वैसे तो पहले भी इनके द्वारा हड़ताल किया जाता रहा है किंतु इस बार का हड़ताल कुछ अलग है। अलग इसलिए कि इस बार दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकम्पा संघ छ. ग. ने शिक्षकों के तीन बड़े संगठन सहायक शिक्षक फेडरेशन के अध्यक्ष मनीष मिश्रा, सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे एवं संयुक्त शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केदार जैन को अपना संरक्षक बनाया है।
यदि बात अपनी मांगों के लिए आंदोलनों या रणनीति की करें तो शिक्षक संघों की अपनी एक अलग पहचान है जिसे बताने की जरूरत किसी को है नही।
इस विषय में दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकम्पा संघ छ. ग. के प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती अश्वनी सोनवानी ने बताया कि हमने अपनी अनुकम्पा नियुक्ति की मांग को लेकर लगातार सरकार से बातचीत का प्रयास किया है अब जब अगले चुनाव में केवल एक वर्ष का समय बचा है हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान इसी बजट सत्र में रखेगी।
हड़ताल करना हमारी मजबूरी है सरकार से आश्वासन तो बहुत मिला है किंतु वह आश्वासन अभी तक पूरा नहीं हुआ है हम इस हड़ताल के माध्यम से अपनी बात सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।हम सकारात्मक तरीके से अपनी समस्या के समाधान के लिए प्रयासरत हैं और हमारे इस प्रयास को पूर्व में शिक्षाकर्मी रहे और वर्तमान में संविलियन प्राप्त कर शिक्षक बने कुछ बड़े संगठन जिसमें सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा जी,सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे जी का एवं संयुक्त शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केदार जैन जी का भरपूर सहयोग मिल रहा है। हमने इन्हे अपने संघ का संरक्षक भी बनाया है और हमें उम्मीद है कि इनके लंबे अनुभव और कुशल रणनीति का लाभ हमें मिलेगा और हमारी मांग जल्द पूरा होगा।
हम सरकार से भी अनुरोध करते हैं कि हमारा परिवार बड़ी आशा भरी निगाह से आपकी और काफी लंबे समय से आपकी और निहार रहा है इसलिए इसी बजट में हमारे लिए प्रावधान कर हमारी समस्या का निराकरण करें।
एक दूसरे संगठन के द्वारा भी इसी विषय को लेकर चल रहे हड़ताल को लेकर पूछने पर अश्वनी सोनवानी ने कहा कि देखिए जब एक बड़े समूह में हम कोई काम करते हैं तो विचारों की भिन्नता और तौर तरीके अलग अलग हो सकते हैं कोई और संगठन क्या कर रहा है इससे हमें कोई लेना देना नही है हम सकारात्मक तरीके से अपनी बात रखना चाहते हैं इसके संवाद का रास्ता भी हमने खुले रखा है और मांग पूरा होने तक हम आंदोलन पर डटे रहेंगे।