नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों में पिछले डेढ़ साल से शिक्षकों के स्थायी पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। जिन कॉलेजों ने अपने यहां शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली थीं, अब उन कॉलेजों ने अपने यहां ओबीसी कोटे की सेकेंड ट्रांच (दूसरी किस्त) के पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकालने शुरू कर दिए हैं।
ओबीसी कोटे के अंतर्गत यहां कुल 1282 पदों को भरा जाना है। इनमें से लगभग 50 फीसदी कॉलेज अपने यहां सेकेंड ट्रांच के पदों को भर चुके है।
प्रोफेसर हंसराज सुमन के मुताबिक स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज व आत्माराम सनातन धर्म जैसे कॉलेजों ने ओबीसी कोटे की सेकेंड ट्रांच के पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया है। उन्होंने कुलपति से यह भी मांग की है कि इन पदों को जल्द से जल्द भरने संबंधी कॉलेजों के प्रिंसिपलों को सर्कुलर जारी करे।
प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि ओबीसी एक्सपेंशन की सेकेंड ट्रांच (दूसरी क़िस्त) की बकाया शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति करने के आदेश पहले भी दिए गए थे। ओबीसी कोटे की शिक्षक पदों की दूसरी क़िस्त जारी किए जाने पर कुछ कॉलेजों ने इन पदों पर एडहॉक शिक्षकों की नियुक्ति कर बाद में उन्हें स्थायी रूप में भर लिया। हालांकि बहुत से कॉलेजों ने इन पदों पर आज तक नियुक्ति नहीं की, न ही इन पदों को रोस्टर में शामिल कर विश्वविद्यालय प्रशासन से पास कराकर पदों को विज्ञापित किया था।
बहुत से कॉलेजों ने सेकेंड ट्रांच के पदों को भर लिया है। जिन कॉलेजों ने इन पदों को पहले नहीं भरा था वे कॉलेज अपने यहां सेकेंड ट्रांच के पद विज्ञापित कर रहे हैं।
उन्होंने बताया है कि जिन कॉलेजों में फर्स्ट ट्रांच के पदों को भर लिया है वे कॉलेज अपना रोस्टर रजिस्टर तैयार कर रहे हैं और जल्द ही सेकेंड ट्रांच के पदों को निकाले जाने की संभावना है। उन्होंने बताया कि सेकेंड ट्रांच के अंतर्गत 1282 पदों को भरा जाना है इनमें से लगभग 50 फीसदी कॉलेज अपने यहाँ सेकेंड ट्रांच के पदों को भर चुके है।
डॉ सुमन ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से यह मांग की है कि विश्वविद्यालय प्रशासन सेकेंड ट्रांच के पदों को जल्द से जल्द लागू कराने के लिए कॉलेजों के प्राचार्यो को पदों को भरने के लिए रोस्टर तैयार करने संबंधी निर्देश दे कि विश्वविद्यालय प्रशासन से पास कराकर पदों का विज्ञापन निकाले। साथ ही यह भी मांग की है कि प्राचार्य इन पदों के विज्ञापन जब तक शिक्षक स्थायी न हो जाए तब तक एडहॉक शिक्षकों के रूप में या गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति की जाये। यह भी सुनिश्चित करें कि इसी शैक्षिक सत्र --2023--24 में ओबीसी विस्तार की दूसरी क़िस्त के तहत दिए गए पदों को बिना देरी के रोस्टर बनाकर विश्वविद्यालय प्रशासन से पास कराकर भरे जाए।