Begin typing your search above and press return to search.

CU NEWS: सीयू सेंट्रल इंडिया का बायोडायवर्सिटी हब बनेगाः कुलपति प्रो चक्रवाल, विवि कैंपस में दो हेक्टेयर में हाइटेक प्रजाति के बांस का पौधारोपण

कुलपति प्रो0 चक्रवाल ने कहा कि जल, जंगल, जमीन, जलवायु और जानवर हमारी धरोधर हैं जिन्हें संरक्षित करके हम समृद्धि के मार्ग को प्रशस्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि विश्वविद्यालय के मास्टर प्लान में पूर्व निर्धारित क्षेत्र के अतिरिक्त वर्टिकल एक्सपेंशन किया जाए

CU NEWS:  सीयू सेंट्रल इंडिया का बायोडायवर्सिटी हब बनेगाः कुलपति प्रो चक्रवाल, विवि कैंपस में दो हेक्टेयर में हाइटेक प्रजाति के बांस का पौधारोपण
X
By NPG News

बिलासपुर। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आज सुबह वानिकी, वन्यजीव एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग ने वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय कैंपस में हाईटेक बांस पौधारोपण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल रहे। मंचस्थ अतिथियों में विशिष्ट अतिथि कुमार निशांत (आईएफएस) डीएफओ बिलासपुर एवं कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव उपस्थित रहे। इस परियोजना की मुख्य अन्वेषक डॉ. भावना दीक्षित एवं डॉ. गुंजन पाटिल हैं।

उद्घाटन कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों द्वारा बांस के पौधों का रोपण से किया गया। इसके पश्चात नन्हें पौधे से अतिथियों का स्वागत किया गया। तत्पश्चात अतिथियों द्वारा शिलालेख पट्टिका का अनावरण किया गया।


इस मौके पर कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि कार्बन फुटप्रिंट को कम करने एवं बायो डायवर्सिटी सुदृढ़ बनाने की जिम्मेदारी हमारी है। जल, जंगल, जमीन, जलवायु और जानवर हमारी धरोधर हैं जिन्हें संरक्षित करके हम समृद्धि के मार्ग को प्रशस्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि विश्वविद्यालय के मास्टर प्लान में पूर्व निर्धारित क्षेत्र के अतिरिक्त वर्टिकल एक्सपेंशन किया जाये जिससे ज्यादा से ज्यादा वनक्षेत्र विकसित एवं सुरक्षित किया जा सके।

कुलपति प्रो. चक्रवाल ने कहा कि वानिकी विभाग की विभिन्न परियोजनाओं के कार्यावन्यन के लिए संसाधनों की कमी नहीं है। हमें संसाधनों के उचित उपयोग के प्रति ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में देश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों के शोधार्थी केंन्द्रीय विश्वविद्यालय के वानिकी विभाग में शोध हेतु आएंगे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन एवं स्वच्छता अहम है। विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक बिलासपुर शहर को स्वच्छता मिशन के अंतर्गत नंबर एक बनाने का प्रयास करेंगे।

विशिष्ट अतिथि श्री कुमार निशांत (आईएफएस) डीएफओ, बिलासपुर ने कहा कि इस परियोजना पर पिछले पांच-छह महीनों से निरंतर कार्य जारी है। वानिकी विभाग के शिक्षक एवं वन विभाग दोनों मिलकर इस बैंबू प्लांटेशन के लिए प्रयास कर रहे हैं जिसमें आज हमें सफलता प्राप्त हुई है। यह परियोजना अगले चार वर्ष तक जारी रहेगी जिसमें हमें इसे आदर्श बांस पौधारोपण क्षेत्र के लिए विकसित करना है।

हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के आधार पर वन क्षेत्र के क्षेत्रफल में वृद्धि करना है जिससे इसके आंकड़े जुटाने में सहूलियत हो। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय के वानिकी विभाग के शोधार्थी एवं छात्र वनक्षेत्र के डाटा कलेक्शन में सहयोग कर सकते हैं। शासन की समस्त लोक हितकारी एवं वन्य क्षेत्र को समृद्ध बनाने वाली परियोजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए यह सुअवसर है जिसका हमें उपयोग करना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि इस बैंबू प्लांटेशन का संपूर्ण रखरखाव वन विभाग द्वारा किया जाएगा तथा इसे प्रदेश के आदर्श बैंबू प्लांटेशन एरिया के रूप में विकसित किया जाएगा। इस अवसर पर श्री कुमार ने आश्वासन दिया कि प्रदेश के विभिन्न पांच वनक्षेत्रों में शोधार्थियों को शोध कार्यों के संपादन हेतु स्थान भी प्रदान किये जाने के लिए प्रस्ताव जल्द ही भेजा जाएगा। बांस की जिन चार प्रजातियों का रोपण किया गया उनमें बेंबूसा टूल्डा, बेंबूसा बालकोआ, बेंबूसा म्यूटेंस एवं बेंबूसा वेट्रीकोआ शामिल हैं।

इससे पूर्व डॉ. भावना दीक्षित ने परियोजना से जुड़े विभिन्न तकनीकी पहलूओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव सहित प्राकृतिक संसाधन विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. एस.एस. सिंह, वानिकी, वन्य जीव एवं पर्यावरण विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. के.के. चंद्रा एवं वन विभाग के एसडीओ श्री सुनील बच्चन ने अपने विचार विचार व्यक्त किये।

मंचस्थ अतिथियों का स्मृति चिह्न से सम्मान किया गया। छात्रों के द्वारा विभिन्न बैंबू आर्ट का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. भावना दीक्षित एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. गुंजन पाटिल सहायक प्राध्यापक वानिकी, वन्य जीव एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षकगण, अधिकारीगण, वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी एवं शोधार्थी तथा छात्र उपस्थित रहे।

Next Story