Convocation of Guru Ghasidas University : सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह: सीएम भूपेश बोले - पुरखो के आशीर्वाद से उत्कृष्ट मानवीय मूल्यों पर आगे बढ़ रहा है हमारा प्रदेश
Convocation of Guru Ghasidas University :
Convocation of Guru Ghasidas University : बिलासपुर। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर के दशम दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को अपनी ओर से हार्दिक बधाई दी। अपने कठोर परिश्रम मेधा और अनुशासन के बल पर स्वयं को उपाधियों एवं स्वर्ण पदकों के लिए योग्य सिद्ध किया है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय हमेशा ज्ञान का प्रकाश रहा है। हमारा प्रदेश हमेशा समृद्ध रहा है। यहां पुरखो के आशीर्वाद से उत्कृष्ट मानवीय मूल्यों पर हमारा प्रदेश आगे बढ़ रहा है।
बघेल ने कहा कि हमारे यहां प्रचुर संसाधन हैं, समृद्ध जैव विविधता है, सघन वन हैं, सुंदर प्रकृति है, सुंदर जनजीवन है, उत्कृष्ट मानवीय मूल्य हैं। ये सब हमें हमारे पुरखों से आशीर्वाद के रूप में मिले हैं, अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए इन्हें सहेजे, संवारें, अपनी इस धरती को और समृद्ध बनाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम युवाओं को लगातार आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। हमने 42 हजार पदों पर भर्ती की। रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के जरिए रोजगार, स्व-रोजगार और उद्यम दिए हैं। हम बेरोजगारी भत्ता भी प्रदान कर रहे हैं, ताकि युवाओं को आर्थिक मजबूती मिल सके और वे अच्छे भविष्य की तैयारी कर सके। उन्होंने कहा कि गुरुघासीदास जी को नमन करता हूं, जिन्होंने मनखे-मनखे एक समान का संदेश देकर ज्ञान का विस्तार किया।
राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि आज इस अवसर पर मैं उन सभी विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं, जो विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी कर उपाधि एवं पदक प्राप्त कर रहे हैं। मैं आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं। मुझे आशा है कि आप अपने जीवन में यह कड़ी मेहनत जारी रखेंगे और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ेंगे और अपने और अपने माता-पिता द्वारा देखे गए सपनों को पूरा करेंगे।
हम कोविड-19 महामारी के गंभीर प्रभावों से उबर रहे हैं। हालांकि इस कठिन समय ने हमें प्रभावित किया, हमारा देश मजबूती से खड़ा रहा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में इस चुनौती का बखूबी सामना किया। इस दौरान हमारे शैक्षणिक संस्थान और शिक्षा प्रणाली नई आवश्यकताओं के अनुरूप ढल गए और हमने शिक्षा प्रदान करने के लिए वैकल्पिक तरीके विकसित किए हैं। मैं कहूंगा कि हमने चुनौती को इस तरह अवसर में बदल दिया है कि आज शिक्षा अधिक सुलभ हो गई है और इसके द्वारा लाए गए नए रास्ते और आयामों से हर कोई परिचित है। दीक्षांत समारोह एक गरिमामय समारोह है जो आपकी कड़ी मेहनत को मान्यता देता है और साथ ही, आपके साथ एक जिम्मेदारी भी लेकर आता है। आपको जीवन के विभिन्न पहलुओं का पता लगाने के साथ-साथ नई चीजें सीखने के कई अवसर मिलेंगे। इस चरण के दौरान आप मूल्यों को आत्मसात करेंगे और क्षमताओं का विकास करेंगे।
शिक्षा हमें संस्कारित तो बनाती ही है, अनुशासित भी बनाती है। यह हमें समाज में पद, धन और प्रतिष्ठा दिलाने में भी मदद करता है। जब आप इन चीजों को हासिल करते हैं, तो साथ ही यह एक इंसान के रूप में विकसित होने में भी मदद करता है।