Chhattisharh PSC 2022: परीक्षा परिणाम घोषित करने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, प्रीलिम्स समेत बाकी प्रक्रिया होगी पूर्ववत
Chhattisharh PSC 2022: बिलासपुर। हाईकोर्ट ने पीएससी 2022 की चयन प्रक्रिया पर रोक के निर्देश जारी किए हैं। हालांकि पीएससी 2022 के लिए 12 फरवरी को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा और आगे की प्रक्रिया पूर्ववत होगी। सिर्फ परिणाम व अंतिम चयन सूची जारी करने पर रोक लगाई गई हैं। पीएससी 2021 के नतीजे जारी किए बिना ही पीएससी 2022 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था। जिसके खिलाफ 20 याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च को रखी गई है।
छत्तीसगढ़ पीएससी द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2021 की भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित अभ्यर्थी प्रशांत कुमार तिवारी एवं 20 अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें बताया गया कि पीएससी के द्वारा प्रारंभिक परीक्षा व मुख्य परीक्षा 2021 के पश्चात 19 सितंबर 2022 को साक्षात्कार ले लिया गया है। संपूर्ण प्रक्रिया संपन्न होने के पश्चात भी ना तो वरिष्ठता सूची जारी की गई है, ना ही अंतिम चयन सूची बावजूद इसके 26 नवंबर 2022 को पीएससी द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2022 के 189 पदों पर भर्ती हेतु नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है। इसमें भी बिना आरक्षण रोस्टर तय किये शून्य प्रतिशत आरक्षण के साथ वैकेंसी जारी की गई है। जिसके लिए 12 फरवरी को प्रारंभिक परीक्षा होने वाली है। जिसके खिलाफ पीएससी 2021 में शामिल होने वाले प्रशांत कुमार तिवारी सहित 20 अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसकी सुनवाई मंगलवार को जस्टिस पार्थ प्रीतम साहू की सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई में बताया गया कि राज्य सेवा परीक्षा 2021 की चयन प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात लोक सेवा आयोग राज्य शासन और राज्य शासन व राज्य लोक सेवा परीक्षा नियम 2018 के साथ ही लोक सेवा आयोग परीक्षा प्रणाली नियम 2014 के तहत अंतिम चयन सूची एवं वरिष्ठता सूची जारी करने के लिए बाध्य है, लोक सेवा आयोग ने अंतिम चयन सूची जारी करने की बजाय पिछले साल नई भर्ती प्रक्रिया चालू कर दी है। जो ना सिर्फ विधि एवं नियम विरुद्ध है, बल्कि असंवैधानिक है, साथ ही सभी उम्मीदवारों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। सुनवाई के बाद जस्टिस पार्थ प्रीतम साहू की सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए राज्य सेवा परीक्षा 2022 की चयन सूची जारी करने पर रोक लगा दी है। हालांकि 12 फरवरी को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा समेत अन्य प्रक्रियाएं रोस्टर के अनुसार ही होंगी। बस वरिष्ठता सूची एवं चयन सूची जारी करने पर रोक रहेगी। मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च को होगी।
आरक्षण विवाद के चलते बनी यही स्थिति:-
राज्य सरकार द्वारा लोक सेवा आरक्षण संशोधन अधिनियम 2022 पेश कर प्रदेश में आरक्षण 50 से बढ़ाकर 58 प्रतिशत कर दिया गया था। जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में कई याचिका लगाई गई थी। जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 19 सितंबर 2022 को 58 प्रतिशत आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ राज्य शासन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है, पर अब तक के इसमें कोई भी फैसला नहीं हो पाया है, ना ही राज्य सरकार को कोई भी अंतरिम राहत मिली है। जिसके चलते पीएससी 2021 की चयन प्रक्रिया का परिणाम जारी नहीं किया जा सका था,और पीएससी 2022 का भी नोटिफिकेशन बिना आरक्षण रोस्टर लागू किए शून्य प्रतिशत आरक्षण के साथ निकाला गया। हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च को होगी।