Chhattisgarh Tacher: 13 हजार सरप्लस शिक्षकों का जिम्मेदार कौन? पोस्टिंग करने वाले स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं?
Chhattisgarh Tacher: छत्तीसगढ़ के 5500 स्कूल अगर एक शिक्षक के भरोसे चल रहे और 300 स्कूल शिक्षक विहीन है। उधर, 13 हजार सरप्लस शिक्षक स्कूलों में बिना काम के कुर्सी तोड़ रहे। सिस्टम से यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं? क्या स्कूल शिक्षा विभाग संचालनालय से लेकर खटराल ज्वाइंट डायरेक्टर इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं? इन शिक्षकों की पोस्टिंग आखिर इनलोगों ने ही तो की है।
Chhattisgarh Tacher: रायपुर। स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या को दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करने जा रही है। दो-दो, चार-चार बच्चों के लिए चलाए जा रहे 4077 स्कूलों को आसपास के स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। और एक ही कैंपस में दो-तीन स्कूल होंगे, तो उन्हें आपस में मिला दिया जाएगा। इससे करीब छह हजार शिक्षक एक्सट्रा हो जाएंगे। उधर, 7300 शिक्षक विभिन्न जिला मुख्यालय के स्कूलों में अतिशेष हैं। दोनों को मिलाकर करीब 13 हजार शिक्षक सरप्लस हो रहे हैं।
300 स्कूल शिक्षक विहीन
छत्तीसगढ़ के 300 स्कूल शिक्षक विहीन हैं और 5500 स्कूल सिंगल टीचर के भरोसे चल रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 231 मीडिल स्कूल ऐसे हैं, जहां सिर्फ एक शिक्षक पोस्टेड हैं। अब आप समझ सकते हैं कि एक शिक्षक आठवीं तक के बच्चों को कैसे पढ़ाता होगा। इसी तरह 45 मीडिल स्कूलों में एक भी टीचर नहीं है। याने पूरा रामभरोसे चल रहा स्कूल शिक्षा विभाग का सिस्टम। इसी तरह प्रायमरी स्कूलों में 5253 स्कूल बरसों से एक शिक्षक भरोसे चल रहे हैं। इसी तरह प्रायमरी में 252 स्कूलों में एक भी टीचर नहीं है। याने शिक्षक विहीन।
40 बच्चे पर 9 शिक्षक
एक तरफ 300 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं हैं और 5500 स्कूल सिर्फ एक मास्टर साहब के सहारे चल रहे हैं और सैकड़ों स्कूल ऐसे हैं, जहां सेटअप से अधिक शिक्षक पोस्टेड हो गए हैं। भिलाई के एक मीडिल स्कूल में 40 बच्चे हैं और वहां नौ शिक्षक पोस्टेड हैं। सरप्लस शिक्षकों में सबसे अधिक रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और रायगढ़ की स्थिति खराब है। प्रायमरी में रायपुर में 424 शिक्षक सरप्लस हैं। वहीं, बिलासपुर में 264, रायगढ़ में 217, जांजगीर में 198, बलौदा बाजार में 211, बालोद 170, धमतरी 180 अतिशेष स्कूल हैं। वहीं, बस्तर में 425 स्कूल सिंगल टीचर के भरोसे संचालित हैं। इसी तरह कांकेर 318 और रायगढ़ में 251, बलरामपुर 251 और सूरजपुर में 236 स्कूलों में शिक्षक विहीन हैं। इसी तरह जीरो शिक्षक वाले स्कूलों में 32 और बीजापुर में 51 और बलरामपुर में 23 स्कूल शिक्षक विहीन हैं।
अधिकारी की जिम्मेदारी, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं?
पिछली सरकारों की गल्तियों को दुरूरूत करने विष्णुदेव साय सरकार युक्तियुक्तकरण करने जा रही है। मगर सवाल यह भी है कि इन 13 हजार अतिशेष शिक्षकों को पोस्ट किसने किया? क्या इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अफसर और डीपीआई के अधिकारियों की जिम्मेदारी नहीं बनती। डीपीआई में बैठे बड़े अधिकारी और संभागों में तैनात ज्वाइंट डायरेक्टरों ने मोटा पैसा लेकर जहां जरूरत नहीं, वहां भी इन शिक्षकों को पोस्ट कर दिया। अफसरों के पास स्कूलों की संख्या के साथ ही पूरा सेटअप होता है। जब उन्हें मालूम था कि स्कूलों में जब स्वीकृत पोस्ट के अनुसार शिक्षक काम कर रहे हैं, तब क्यों वहां और शिक्षकों की पोस्टिंग क्यों कर दी। जब पैसे लेकर पोस्टिंग की तो क्या उन पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। युक्यिक्तकरण का विरोध कर रहे शिक्षक संगठनों के नेताओं का भी यही कहना है कि अतिशेष के लिए शिक्षकों से ज्यादा जिम्मेदार डीपीआई के अधिकारी और ज्वाइंट डायरेक्टर हैं। पहले कार्रवाई उन पर होनी चाहिए।
मीडिल स्कूल
छत्तीसगढ़ के मीडिल स्कूलों में 3887 शिक्षक अतिशेष हैं। इनमें सबसे अधिक बस्तर में 301, कांकेर 242, कोंडागांव 245, बिलासपुर 211, दुर्ग 303, रायपुर 250, जशपुर 246, सरगुजा 285, सूरजपुर 228 शामिल हैं। मीडिल स्कूलों में सिंगल टीचर वाले स्कूल सबसे अधिक गरियाबंद 48, बीजापुर 28, कोरबा 18, रायगढ़ 16 और कवर्धा 10 हैं। वहीं इन जिलों में क्रमशः 2, 6, 3, 4, 2 स्कूल शिक्षक विहीन हैं।
प्रायमरी स्कूल
छत्तीसगढ़ के प्रायमरी स्कूलों में 3418 शिक्षक सरप्लस हैं। इनमें रायपुर सबसे उपर है। रायपुर में 424 शिक्षक अतिशेष हैं। इसी तरह बिलासपुर में 264, जांजगीर 198, रायगढ़ 217, बलौदा बाजार 211, बालोद 170, धमतरी 180 टीचर अतिशेष हैं। प्रायमरी स्कूलों में सबसे अधिक बस्तर में 425 स्कूल सिंगल टीचर के भरोसे चल रहे हैं। इसी तरह बीजापुर 272, कांकेर 318, सुकमा 222, कोरबा 325, रायगढ़ 251, मोहला-मानपुर 190, धमतरी 165, गरियाबंद 173, बलरामपुर 251, जशपुर 181, सूरजपुर 236, सरगुजा में 196 सिंगल शिक्षक वाले स्कूल हैं।
सिंगल टीचर और शिक्षक विहीन
मीडिल स्कूलों में सिंगल टीचर वाले 231 स्कूल हैं तो शिक्षक विहीन 45। सबसे अधिक सिंगल टीचर और शिक्षक विहीन स्कूल प्रायमरी में हैं। प्रायमरी में 5484 स्कूल सिंगल टीचर वाले हैं तो शिक्षक विहीन भी सबसे अधिक 252 स्कूल। शिक्षक विहीन स्कूलों में बस्तर 32, बीजापुर 51, कांकेर 9, सुकमा 6, कोरबा 13, रायगढ़ 3, मोहला-मानपुर 7, धमतरी 3, गरियाबंद 5, बलरामपुर 23, जशपुर 10, सूरजपुर 5, सरगुजा में 9 स्कूल शामिल हैं।