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Chhattisgarh School: 1500 करोड़ के घोटाले में कलेक्टरों से 15 दिन में मांगी जांच रिपोर्ट, 9 महीने बाद भी पता नहीं, CM के निर्देश पर सिकरेट्री ने लिखा था पत्र...

Chhattisgarh School: मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में 1500 हजार करोड़ के घोटाले में कलेक्टरों से 15 दिन में कार्रवाई की जांच रिपोर्ट मांगी गई थी। कार्रवाई की जांच रिपोर्ट का मतलब कि जांच के बाद जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार भी कलेक्टरों को दिया गया था। सिकरेट्री ने 8 जुलाई 2024 को कलेक्टरों को लिखे लेटर के सब्जेक्ट में स्पष्ट तौर पर लिखा था...माननीय मुख्यमंत्री का निर्देश 1 जुलाई 2024। बावजूद इसके नौ महीने में सिर्फ चार कलेक्टरों ने रिपोर्ट भेजी, वो भी बेहद सतही। सितंबर 2024 के कलेक्टर कांफ्रेंस में सीएम ने खुद इस पर सवाल किया तो कलेक्टर लगे बगले झांकने। बहरहाल, इसे भी छह महीना निकल गया। आज विधानसभा के प्रश्नकाल में धरमलाल कौशिक ने यह मामला उठाया।

Chhattisgarh School: 1500 करोड़ के घोटाले में कलेक्टरों से 15 दिन में मांगी जांच रिपोर्ट
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By Gopal Rao



Chhattisgarh School: रायपुर। मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना की जांच के लिए कलेक्टरों को लिखे पत्र की गंभीरता को स्पष्ट करने के लिए सिकरेट्री ने पत्र के संदर्भ में लिखा...मुख्यमंत्री का निर्देश, इसके बाद भी कलेक्टरों ने इसकी सुध नहीं ली।

8 जुलाई 2024 के बाद सितंबर में NPG.NEWS ने कलेक्टरों की सुस्त चाल शीर्षक से खबर लगाई तो चार कलेक्टरों ने डीपीआई को जांच रिपोर्ट भेजा मगर वह भी बेहद कुजअल था। यानी सतही।

जबकि, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने लिखा था कि जांच के उपरांत जिम्मेदारों पर कलेक्टर विधि सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित कर, उसकी जानकारी 15 दिन में डीपीआई को भेजें। मगर नौ महीने में एक भी जिले में किसी स्कूल शिक्षा के अधिकारी या ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई।

विधानसभा के प्रश्नकाल में आज धरमलाल कौशिक ने आज स्कूल जतन योजना पर सवाल किया। इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि इसकी कलेक्टरों द्वारा जांच कराई जा रही है। जांच उपरांत कार्रवाई की जाएगी।

बता दें, छत्‍तीगसढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान प्रदेश में स्‍कूल भवनों के जीर्णोद्धार और अतिरिक्‍त कमरों के निर्माण के लिए स्‍कूल जनत योजना शुरू की गई थी।

इस योजना के लिए तत्‍कालीन सरकार ने करीब 2 हजार करोड़ रुपये जारी किया था। अब सरकार को ऐसी शिकायतें मिली हैं कि इस योजना के तहत ज्‍यादातर काम हुए ही नहीं हैं और जो हुए हैं उनकी गुणवत्‍ता बेहद खराब है। इस तरह की शिकायतों के बाद मुख्‍यमंत्री विष्‍णु देव साय ने पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए थे।

मीटिंग में CM ने दिया था जांच का निर्देश

बताते हैं, मार्च 2024 में स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा करने के दौरान मुख्यमंत्री के संज्ञान में स्कूल जतन योजना में भारी भ्रष्टाचार का विषय आया था। इस पर उन्होंने जांच का आदेश दिया था। इसके लिए डीपीआई से पत्र जारी हुआ। इस पर किसी का रिप्लाई नहीं आया तो मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा सचिव को कलेक्टरों से जांच कराने कहा।

कलेक्टरों को कड़ी कार्रवाई का अधिकार

सीएम विष्‍णुदेव से मिले निर्देश के आधार पर स्‍कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परेदशी ने राज्‍य के सभी कलेक्‍टरों को पत्र लिखकर रिपोर्ट तलब की। कलेक्‍टरों को जारी पत्र में स्‍कूल शिक्षा सचिव ने कहा कि योजना के तहत स्वीकृत किए गए कार्यों का औचित्य, उसकी वास्तविक आवश्यकता, पूर्ण/प्रगतिरत कार्यों की गुणवत्ता एवं वास्तविक लागत की जांच की जाए। आपके द्वारा निर्धारित निर्माण एजेंसी के द्वारा ही कार्य किया जा रहा है। कार्यों की गुणवत्ता की जांच अपने स्तर पर विशेषज्ञ समिति बनाकर बिन्दुवार करावें। जांच में गड़बड़ी पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही/विधिसम्मत कार्यवाही आपके द्वारा किया जाना सुनिश्चित करें। सभी कार्यों की जांच कराने के पश्चात कार्यवाही कर संलग्न प्रारूप में पालन प्रतिवेदन 15 दिवस के भीतर संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय को अनिवार्यतः उपलब्ध करावें।

कागजों में हुआ काम

सूत्रों के अनुसार इस योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। योजना के ज्‍यादारत काम कागजों में हुए और भुगतान कर दिया गया है। इस गड़बड़ी में विभाग के अफसर भी शामिल हैं। ऐसे में पूरी योजना की जांच के निर्देश से विभाग में हड़कंप मच गया था। बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट आने पर कई अफसर तो नपेंगे ही, कई ठेकेदार जेल जाएंगे, जिन्होंने बिना काम किए बिल बनाकर पेमेंट ले लिया।

15 दिन में रिपोर्ट

सीएम के निर्देश का हवाला देते हुए पूरे मामले की जांच रिपोर्ट 15 दिन के भीतर देने स्कूल शिक्षा सचिव ने कलेक्टरों को पत्र लिखा था। इस पत्र के करीब दो महीने बाद 12 और 13 सितंबर 2024 को कलेक्‍टर्स कांफ्रेंस हुआ, तब तक किसी भी जिले से इसकी रिपोर्ट नहीं पहुंची थी। बैठक के बाद मीडिया से चर्चा के दौरान सीएम ने खुद स्‍कूल जतन योजना की जिक्र करते हुए कहा कि सरकार जांच करा रही है, जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर कांफ्रेंस में पूछा था CM ने

स्कूल शिक्षा सचिव के पत्र को कलेक्‍टरों ने फाइल में दबा दिया था, लेकिन 12 और 13 सितंबर 2024 को कलेक्‍टर्स कांफ्रेंस में सीएम विष्‍णुदेव ने जब इस पर सवाल किया तो कलेक्टर लगे बगले झांकने। इसके बाद लगा कि अपने जिलों में लौटने के बाद तुरंत जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मगर कलेक्टर कांफ्रेंस के हुए भी छह महीने निकल गए। 1500 करोड़ के घोटाले में अभी तक एक भी दोषी व्यक्ति पर कार्रवाई नहीं हुई है।

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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