छत्तीसगढ़: छात्रों के हित में बड़ा निर्णय, अब प्रतिवर्ष जाति प्रमाण पत्र जारी करने की बजाय एक ही बार जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे
विद्यार्थियों को जारी जाति प्रमाण पत्र स्थायी अभिलेख की तरह होंगे
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विद्यार्थियों के हित में यह निर्णय लिया गया है कि विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने के स्थान पर एक ही बार जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाएं। विद्यार्थियों को जारी जाति प्रमाण पत्र स्थायी अभिलेख की तरह होंगे। राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों को जारी किए गए निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि स्थाई सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र (जाति प्रमाण पत्र) की मान्यता समय के द्वारा सीमित नहीं होगी अर्थात् यह कालातीत नहीं होगा यह सर्वदा के लिए होगा। यह एक तरह से स्थाई अभिलेख है। बार-बार जाति प्रमाण जारी किये जाने की आवश्यकता नही है. जाति प्रमाण पत्र खो जाने की स्थिति में प्राधिकृत अधिकारी द्वारा इसका डुप्लीकेट भी जारी किया जा सकेगा।
सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि स्कूल में अध्ययनरत कक्षा छठवीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों को स्थाई जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र जारी किया जाए साथ ही एक बार जाति प्रमाण पत्र जारी होने के बाद प्रतिवर्ष उन्हें जाति प्रमाण पत्र जारी करने की आवश्यकता नहीं है इसे फिर से स्पष्ट किया गया है । 2013 के पत्र का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि जाति प्रमाण पत्र की वैधता समाप्त नहीं होती अतः इसकी मान्यता सदैव के लिए रहेगी । अभी तक ऐसा होते आ रहा है कि हर साल जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाता है इसे देखते हुए सचिव ने यह निर्देश फिर से जारी किया है , इससे छात्र-छात्राओं और उनके परिजनों को बड़ी राहत मिलेगी । सामान्य प्रशासन विभाग सचिव ने शिविर के माध्यम से जाति और निवास प्रमाण पत्र वितरित करने के लिए आदेशित किया है साथ ही इस प्रकार के शिविर प्रतिवर्ष आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं ।
कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित समस्त शासकीय, निजी शालाओं एवं केन्द्रीय बोर्ड की शालाओं में कक्षा छठवीं से बारहवीं तक अध्ययनरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछडा वर्ग के विद्यार्थियों के जाति एवं निवास प्रमाण पत्र उनकी शालाओं में अध्ययनरत होने के दौरान ही उनके स्थायी जाति प्रमाण पत्र एवं निवास प्रमाण पत्र तैयार कर शालाओं में वितरित किये जायंे तथा उक्त शिविर का आयोजन प्रत्येक वर्ष निरंतर रूप से जारी रखंे जायें। शालाओं में लंबित जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र आगामी शैक्षणिक सत्र तक जारी किये जाएं। कलेक्टरों को इस संबंध में मासिक प्रगति रिपोर्ट अनिवार्य रूप से सामान्य प्रशासन विभाग (आरक्षण प्रकोष्ठ) को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।