Begin typing your search above and press return to search.

NPG की खबर पर एक बार फिर लगी मुहर....टीचर्स एसोसिएशन गुट ने भी हड़ताल किया समाप्त....हड़ताल खत्म करने की यह रही प्रमुख वजह !

NPG की खबर पर एक बार फिर लगी मुहर....टीचर्स एसोसिएशन गुट ने भी हड़ताल किया समाप्त....हड़ताल खत्म करने की यह रही प्रमुख वजह !
X
By NPG News

रायपुर। एक बार फिर NPG की खबर पर मुहर लगी है। हमने पहले ही यह बता दिया था कि सोमवार से दफ्तर गुलजार हो जाएंगे और छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, शालेय शिक्षक संघ और नवीन शिक्षक संघ का हड़ताल भी समाप्त हो जाएगा और वैसा ही हुआ है। बार-बार फेडरेशन अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए कहने वाले तिकड़ी ने फेडरेशन का 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला सामने आते ही अनिश्चितकालीन हड़ताल से मुंह मोड़ लिया है और हड़ताल समाप्ति की घोषणा कर दी है । हालांकि यह सब पहले से ही तय था और पूरी स्क्रिप्ट पहले ही लिखी जा चुकी थी लेकिन इसमें आंशिक संशोधन करते हुए इसे फेडरेशन के निर्णय के आधार पर जोड़ दिया गया लेकिन फेडरेशन ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत ही सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद मांग पूरा करने के लिए कुछ दिनों का समय दिया है और तक मांग पूरी ना होने की स्थिति में निश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है । इधर इनकी घोषणा होते ही शिक्षक संघों की तिकड़ी ने भी हड़ताल समाप्ति की घोषणा कर दी है।

दोनों ही तरफ बढ़ गई है तल्खी, बैठक में भी हुई इस पर चर्चा

इस आंदोलन ने जहां 86 संगठनों को एकजुट कर दिया है वही 86 विरुद्ध 3 संगठनों में तल्खी भी बढ़ गई है विशेष तौर पर शिक्षक संगठनों के गुट में शामिल एक शिक्षक संघ विशेष के नेता ने जिस प्रकार बार-बार फेडरेशन पर निशाना साधा और उनके नेताओं को दलाल तक की संज्ञा दी उससे फेडरेशन के भीतर भी जबरदस्त नाराजगी है और उनसे जुड़े लोगों का कहना है कि यह अजीबोगरीब नेतागिरी है जिसमें आ बैल मुझे मार की तर्ज पर काम किया जा रहा है । हर संगठन अपने दम पर हड़ताल का ऐलान करता है ऐसे में फेडरेशन अपनी रणनीति के मुताबिक कार्य कर रहा है लेकिन एक संगठन विशेष के नेता बार-बार फेडरेशन के ऊपर आश्रित हो जा रहे हैं और उन्हें इस बात का भी ध्यान नहीं है कि वह अपने ही कर्मचारी साथियों के लिए किस प्रकार की भाषा शैली का उपयोग कर रहे हैं। ट्रेड यूनियन की एक शैली होती है जिसमें हर कर्मचारी उनका अपना साथी होता है ऐसे में यदि एकजुट नहीं हो सकते तो कम से कम तोड़ने की कोशिश करते हुए सरकार को सहयोग देने का काम नहीं करना चाहिए । फेडरेशन को जो भी निर्णय लेना होगा वह अपने अनुषांगिक संगठनों के द्वारा तय किए गए फैसले के मुताबिक लेगा न कि बाहर के किसी व्यक्ति के भड़काऊ भाषण के हिसाब से ।

Next Story