Begin typing your search above and press return to search.

छत्तीसगढ़ में फर्जी अनुकंपा नियुक्ति: बिलासपुर के बाद इस जिले में भी बड़ा खेला, सदन में शिक्षा मंत्री बोले...

छत्तीसगढ़ में फर्जी अनुकंपा नियुक्ति: बिलासपुर के बाद इस जिले में भी बड़ा खेला, सदन में शिक्षा मंत्री बोले...
X
By NPG News

रायपुर। कोविड़ काल में मृत हुए शिक्षा विभाग के कर्मियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने में धांधली होने का हवाला दे जशपुर डीईओ को निलंबित करने की मांग विधानसभा में उठी। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने फर्जी अनुकंपा नियुक्ति देने वाले जशपुर ड़ीईओ को निलंबित करने की मांग की। जिस पर शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने माह के भीतर जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया। विधानसभा में मुद्दा उठने के बाद माना जा रहा है कि मामला और गरमा सकता है।

शिक्षा विभाग में बैजनाथ राम सहायक ग्रेड-2 के पद पर शासकीय हाई स्कूल सिटोंगा विकासखंड जशपुर जिला जशपुर में पदस्थ थे। जिनकी कोविड के दौरान 6 अप्रैल 2020 को आकस्मिक मृत्यु हो गई। उनके मृत्यु के पश्चात 8 जून 2020 को मृतक बैजनाथ राम के पुत्र प्रेम कुमार राम को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने का आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा हुआ था। अनुकंपा नियुक्ति समिति की अनुशंसा के आधार पर प्रेम कुमार राम पिता स्वर्गीय बैजनाथ राम को 4 फरवरी 2022 को सहायक ग्रेड 3 के पद पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भुड़केला विकासखंड जशपुर जिला जशपुर छत्तीसगढ़ में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई। पर समाचार पत्र में छपी खबर के आधार पर प्रेम कुमार राम को बर्खास्त कर दिया गया वही उनको वेतन के रूप में प्रदान की गई राशि की वसूली प्रेम कुमार राम की माता अर्थात स्वर्गीय बैजनाथ राम की पत्नी अंगनी बाई के पेंशन से करने का निर्देश ड़ीईओ ने दिया।

इस संबंध में जब विधायक अजय चंद्राकर ने जानकारी चाहि तब मंत्री टेकाम ने बताया कि पेपर कटिंग में छपी खबर के आधार पर मिली शिकायत को संज्ञान में लेकर कार्यवाही करते हुए 15 फरवरी 2023 को प्रेम कुमार राम की नियुक्ति निरस्त कर दी गई है, और उन्हें वेतन के रूप में दी गई राशि की भी वसूली की जा रही है। मंत्री ने बताया कि प्रेम कुमार राम ने अपने पिता स्वर्गीय बैजनाथ राम की जगह अनुकंपा नियुक्ति हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र एवं शपथ पत्र में इस बात की जानकारी छिपाई कि मृतक का एक और पुत्र व प्रेम कुमार राम का एक भाई मन कुमार राम शासकीय सेवा में शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय तालसिली विकासखंड मनोरा जिला जशपुर में भृत्य के पद पर कार्यरत है।

जबकि अनुकंपा नियुक्ति आदेश में स्पष्ट उल्लेखित है कि यदि आप का दस्तावेज फर्जी या गलत पाया जाता है तो अनुकंपा नियुक्ति आदेश बिना पूर्व सूचना के स्वमेव निरस्त माना जाएगा। इस प्रकरण में कार्यालय शाखा प्रभारी प्रदीप कुजुर सहायक ग्रेड-2 को उक्त संबंध में कारण बताओ सूचना पत्र भी जारी किया गया था। अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में है कि दिवंगत विवाहित शासकीय सेवक के परिवार में यदि पूर्व से ही परिवार के कोई अन्य सदस्य शासकीय सेवा में हैं तो परिवार के अन्य किसी भी सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं होगी। जिला स्तरीय विभागीय अनुकंपा नियुक्ति समिति कि दिनांक 15 फरवरी 2023 की बैठक में की गई अनुशंसा के आधार पर आदेश निकाल कर प्रेम कुमार राम पिता स्वर्गीय बैजनाथ राम सहायक ग्रेड-3 शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल भुड़केला विकासखंड जिला जशपुर को सेवा से पृथक कर दिया।

आसंदी के द्वारा जानकारी मांगने पर मंत्री ने बताया कि प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए जांच करवा कर ड़ीई ओ ने बर्खास्तगी की कार्रवाई की है

जिस पर विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि उनके पास ऐसे कई पेपर कटिंग हैं उन पर भी कार्यवाही की जाए साथ ही ड़ीईओ को भी निलंबित किया जाए। जिस पर मंत्री टेकाम ने महीने भर में जांच करवा कर कार्रवाई की बात कही।

बिलासपुर जिले में भी शिक्षा विभाग के अंतर्गत फर्जी शपथ पत्र देकर अनुकंपा नियुक्ति पाने व अनुकंपा नियुक्ति में धांधली के 10 मामले सामने आ चुके हैं। जिसके बाद गलत शपथ पत्र देकर नियुक्ति पाने वाले 10 लोगों को तो सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है पर नियुक्ति प्रदान करने वाले डीईओ पर अभी कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जबकि ऐसे ही फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आने पर मुंगेली के जिला शिक्षा अधिकारी एनके द्विवेदी को बर्खास्त कर दिया गया था। इतने ज्यादा फर्जी नियुक्ति के मामले बिलासपुर जिले से ही सामने आए थे। जिसमें संचालनालय लोक शिक्षण संस्थान से जांच करवाई गई थी। जांच अधिकारी जेपी रथ ने जांच कर फर्जी नियुक्ति मामले में प्रस्तुतकर्ता क्लर्क विकास तिवारी की भूमिका मानते हुए संचई प्रभाव से सिर्फ एक वेतन वृद्धि रोकने की सजा देकर कार्यवाही की औपचारिकता निभा दी थी। दस फर्जी अनुकंपा नियुक्तिओं में 8 की नियुक्ति के समय पी दाशरथी जिला शिक्षा अधिकारी थे। एक के समय शशि प्रसाद जिला शिक्षा अधिकारी थे व एक की नियुक्ति के समय आरएन हिराधर जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर पदस्थ थे। जबकि सभी मामलों में एक ही प्रस्तुतकर्ता का विकास तिवारी थे।

Next Story