CG Yuktiyuktkaran: युक्तियुक्तकरण के विवादों के बीच DEO की चली ऐसी चिट्ठी: अतिशेष शिक्षक व कर्मचारियों की मांगी जानकारी, देखे डीईओ का पत्र...
CG Yuktiyuktkaran: युक्तियुक्तकरण को लेकर राजधानी रायपुर में बवाल मचा हुआ है। शिक्षक संगठनों ने सरकार के इस निर्णय का सड़क पर उतर कर विराेध कर रहे हैं। शिक्षक संगठनों के विरोध के बीच बिलासपुर डीईओ ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी व हिन्दी माध्यम के प्राचार्यों को पत्र लिखकर जरुरी जानकारी मांगी है। पत्र को अर्जेंट मानकर तत्काल जानकारी उपलब्ध कराने कहा गया है।

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CG Yuktiyuktkaran: बिलासपुर। स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के स्कूलों के साथ ही शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। राज्य सरकार के इस निर्णय का शिक्षक संगठनों ने विरोध करना प्रारंभ कर दिया है। राजधानी रायपुर में शिक्षक संगठनों ने साझा विराेध प्रदर्शन कर दबाव बनाने की कोशिश की। राजधानी रायपुर में चल रही राजनीति के बीच बिलासपुर डीईओ व स्वामी आत्मानंद विद्यालय संचालन एवं प्रबंध समिति के सचिव अनिल तिवारी ने प्राचार्यों को पत्र लिखकर शिक्षकों के बारे में जरुरी जानकारी मांगी है।
डीईओ ने स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी, अंग्रेजी माध्यम के प्राचार्यों को पत्र लिखकर शिक्षकों के संबंध में जरुरी जानकारी मांगी है। पत्र की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे अर्जेंट मानकर तत्काल जानकारी उपलब्ध कराने निर्देशित किया है।
पत्र के साथ जानकारी देने के लिए जरुरी प्रपत्र भी जारी किया गया है। प्राचार्यों को निर्धारित प्रपत्र में जानकारी उपलब्ध करानी होगी। डीईओ ने अपने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय विद्यालयों एवं शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जाना है।
युक्तियुक्तकरण के अन्तर्गत स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों हिन्दी माध्यम शाखा में प्रतिनियुक्ति में कार्यरत कर्मचारी, सहमति देने वाले किन्तु प्रतिनियुक्ति आदेश जारी नहीं होने के कारण प्रतिनियुक्ति पर नहीं एवं प्रतिनियुक्ति हेतु असहमत (प्रतिनियुक्ति हेतु सहमति नहीं देने वाले) कर्मचारी/शिक्षकों की जानकारी संलग्न प्रपत्र में सेजेस शाखा में पूरी जानकारी उपलब्ध कराने कहा गया है।
जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि ऐसे शिक्षक जो प्रतिनियुक्ति में जाने असहमति जता रहे हैं उन शिक्षकों व कर्मचारियों की अलग से जानकारी देने कहा गया है। ऐसे शिक्षक व कर्मचारियों को अतिशेष मानते हुए युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।