Begin typing your search above and press return to search.

CG Yuktiyuktkaran News: कैमरे के सामने होगा युक्तियुक्तकरण के लिए शिक्षकों की काउंसलिंग, DEO, JD की वसूली रोकने स्कूल शिक्षा विभाग ने लिए कई अहम फैसले...

CG Yuktiyuktkaran News: छत्तीसगढ़ के शिक्षक संगठनों की आशंकाएं सही निकलती प्रतीत हो रही है। कई जिलों और संभागों में शिक्षकों को अतिशेष, गैर-अतिशेष और काउंसलिंग के नाम पर डीईओ और ज्वाइंट डायरेक्टरों के दलाल सक्रिय हो गए हैं। इसको देखते स्कूल शिक्षा विभाग ने काउंसलिंग के लिए कैमरा लगाने की तैयारी कर रहा है। बताते हैं, डीपीआई ने इस संबंध में नीचे के अफसरों को सूचित भी कर दिया है। इसके अलावा डीपीआई अब युक्तियुक्तकरण विषयक जितनी भी शिकायतें होंगी, उसे वे खुद देखेंगे।

CG Yuktiyuktkaran News: कैमरे के सामने होगा युक्तियुक्तकरण के लिए शिक्षकों की काउंसलिंग, DEO, JD की वसूली रोकने स्कूल शिक्षा विभाग ने लिए कई अहम फैसले...
X
By Radhakishan Sharma

CG Yuktiyuktkaran News: रायपुर। प्रमोशन में काउंसलिंग के जरिये लाखों, करोड़ों रुपए पिटने वाले छत्तीसगढ़ के जिला शिक्षा अधिकारियों और ज्वाइंट डायरेक्टरों की इस बार कम-से-कम काउंसलिंग में मनमानी नहीं चल पाएगी। पिछली सरकार में सहायक शिक्षकों के प्रमोशन में करोड़ों रुपए का खेल करने वाले पांचों संभागों के जेडी आफिसों में इस बार भी बड़े हाथ मारने की तैयारी चल रही थी। इसी तरह जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी दलाल दुकान खोलकर बैठ गए थे। मगर डीपीआई ने आज डीईओ और जेडी को चेता दिया है कि कुछ भी इधर-उधर करने की कोशिश हुई तो फिर इसका अंजाम बहुत बुरा होगा।

डीपीआई ऑफिस के सूत्रों ने बताया कि डीपीआई ने काउंसलिंग में कैमरा लगाने कहा है। याने अब बंद कमरे में काउंसलिंग नहीं होगी। जाहिर है, पूरा खेल बंद कमरे में ही होता था। किसी भी संभाग में आज तक खाली सीटों को ओपन डिस्प्ले कर काउंसलिंग नहीं होता।

जाहिर है, एनपीजी न्यूज ने इस शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था...कलेक्टरों को फंसाएंगे, सरकार की कराएंगे बदनामी, युक्तियुक्तकरण के नाम पर डीईओ और जेडी ने शुरू किया अतिशेष, काउंसलिंग और निलंबन, बहाली का खेला। एनपीजी की इस खबर के वायरल होने के घंटे भर के भीतर डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी ने संज्ञान लिया। उन्होंने डीईओ और जेडी के व्हाट्सएप गु्रपों में मैसेज भेज कहा कि युक्तियुक्तकरण में किसी भी अधिकारी ने अगर करप्शन करने की कोशिश की तो उसकी कड़ी-से-कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने लिखा...

’’मैं व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करूंगा कि ऐसे किसी भी अधिकारी को कठोरतम और उच्चतम दंड दिए बिना न छोड़ा जाए। अगर मुझे व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक शिकायत की जांच करनी पड़े, तो मैं वादा करता हूं...ऐसा करूंगा। किसी भी तरह की लापरवाही और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जेडी और जिला शिक्षा अधिकारी कृपया इस पर ध्यान दें।’’

सर्वविदित है, शिक्षा विभाग के अधिकारी किसी भी मौके को छोड़ते नहीं है। फिर मामला चाहे ट्रांसफर का हो , प्रमोशन का हो या युक्तियुक्तकरण का, सब में अपनी जेबे भरने का रास्ता अधिकारी ढूंढ ही लेते हैं। शिक्षक और शिक्षक नेताओं का तो स्पष्ट कहना है कि अधिकारी युक्तियुक्तकरण की योजना ही भ्रष्टाचार करने के लिए लेकर आए हैं और अब उनकी बात सही होते हुए दिखाई दे रही है।

कई जिलों से ऐसी बातें निकाल कर सामने आ रही है कि जानबूझकर अतिशेष सूची से शिक्षको को बाहर और अंदर करने का खेल चल रहा है।

कुछ जिलों में निलंबित सहायक शिक्षकों, शिक्षकों से तीन-तीन लाख रुपए लेकर जिन स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली है, वहां उन्हें बहाल कर पोस्ट किया जा रहा है। निलंबित शिक्षक, सहायक शिक्षकों से इसके लिए दलालों द्वारा संपर्क कर उन्हें प्रलोभन दिया जा रहा कि तुम्हारी बहाली भी हो जाएगी, और आप अतिशेष में आने से बच जाओगे, क्योंकि आपको खतरेरहित स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा।

जबकि नया सत्र शुरू होने में अभी भी 20 दिन से अधिक बचे हुए हैं। दरअसल, गर्मी की छुट्टियों में यह शिक्षक चुपचाप जाकर ज्वाइन कर लेते और हंगामा नहीं मचता इसलिए ग्रीष्मकालीन अवकाश के बीच में इन्हें बहाली किया गया था। अब अविभाजित बिलासपुर के कभी हिस्से रहे और वर्तमान में पड़ोसी जिले मुंगेली में युक्तियुक्तकरण के नाम पर चल खेल की भनक कलेक्टर को लग गई है इसके बाद उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप में ही कड़ा मैसेज लिखकर बीईओ, बीआरसी, डीईओ जैसे अधिकारियों को इस बात की साफ चेतावनी दे दी है की जो खेल आप लोगों के द्वारा खेला जा रहा है उसकी सूचना मुझे मिल चुकी है, इसके बाद तुमलोग समझ लेना।

अधिकारियों के हौसले हैं बुलंद

युक्तियुक्तकरण के फैसले से भले ही शिक्षकों में नाराजगी हो लेकिन बीईओ, डीईओ जैसे अधिकारियों के चेहरे पर खुशी है और ठीक जिला पंचायत में शिक्षाकर्मी भर्ती की तर्ज पर खेल शुरू हो गया है। इनके दलाल शिक्षकों तक यह खबर पहुंचा रहे हैं कि इतनी धनराशि दोगे तो आपका नाम अतिशेष सूची से बाहर कर दिया जाएगा और उसके लिए व्यवस्था बनाई जाएगी। डरे सहमे शिक्षक खुद भी अधिकारियों के दलालों से संपर्क कर रहे हैं और ग्रीष्मकालीन छुट्टियां में भी कार्यालय गुलजार है।

अगर सरकार ने इस और ध्यान नहीं दिया तो यह मनकर चलिए की पदोन्नति संशोधन से भी बड़ा घोटाला युक्तियुक्तकरण काउंसलिंग के बाद निकाल कर सामने आएगा, जिसकी शुरुआत हो चुकी है।

काउंसलिंग के नाम पर भी डीईओ और जेडी ऑफिसों में बड़े स्तर पर खेल करने की तैयारी की जा रही हैं। अभी हाल में बिलासपुर जेडी ऑफिस ने प्रमोशन में इसी काउंसलिंग के खेल को अंजाम देकर बड़ी संख्या में शिक्षकों को इधर-से-उधर ट्रांसफर कर दिया। दरअसल, काउंसलिंग बंद कमरे में एक-एक शिक्षक की होती है। अगर सबके सामने खाली स्कूलों का नाम डिस्प्ले कर काउंसलिंग की जाती तो वहां मौजूद शिक्षकों को स्कूलों की स्थिति मालूम रहती। बंद कमरे में एक शिक्षक को बुलाया जाता है फिर खाली स्कूल को बता दिया जाता है, वहां सीट भर गई है, आप कोई और चुनो। मजबूरी में शिक्षक दूरस्थ स्कूलों का चयन करता है। और बाद में शहर से लगे स्कूलों की सीटों को पैसा लेकर बेच दिया जाता है।

Next Story