CG Teacher Transfer: शिक्षकों ट्रांसफर के लिए नई नीतिः बोर्ड परीक्षा बाद युक्तियुक्तकरण, 85 स्कूल होंगे मर्ज, शराबी शिक्षकों की होगी बर्खास्तगी...
CG Teacher Transfer: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्कूल शिक्षा विभाग की एक बड़ी अहम बैठक ली। उन्होंने स्कूल शिक्षा के सुधार की दिशा में व्यापक कदम उठाने के निर्देश दिए। सीएम ने शिक्षकों के लिए ट्रांसफर नीति बनाने कहा। बैठक में तय किया गया कि शिक्षकों को ग्रामीण इलाकों में पोस्टिंग के बाद ही शहरी क्षेत्रों में पोस्टिंग मिलेगी। शिक्षा जगत में इसे एक बड़ा फैसला माना जा रहा है। बैठक में 85 एकलव्य आवासीय विद्यालयों को स्कूल शिक्षा विभाग में मर्ज करने के साथ ही बोर्ड परीक्षा बाद युक्तियुक्तकरण शुरू करने का भी फैसला किया गया। जिन स्कूलों का रिजल्ट 30 परसेंट से नीचे हैं, वहां के शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी, वहीं शराबी या अनुशासनहीनता करने वाले शिक्षकों को अब अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी।

CG Teacher Transfer: रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 30 जनवरी को मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय बैठक ली। इस बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सिकरेट्री टू सीएम मुकेश बंसल, दयानंद, बसव राजू, स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, डीपीआई दिव्या मिश्रा समेत स्कूल शिक्षा विभाग के सीनियर अफसर मौजूद थे।
स्कूल शिक्षा की स्थिति को सुधारने के लिए राज्य में पहली बार ऐसी बैठक हुई, जिसमें सारे सीनियर अफसर मौजूद थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि स्कूल शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए सुधार के युद्ध स्तर पर काम किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अफसरों से सुझाव भी मांगे कि बुनियादी शिक्षा में और क्या बदलाव किया जाए, ताकि छत्तीसगढ़ का रिजल्ट अच्छा हो और राज्य का मानव संसाधन मजबूत हो।
नई ट्रांसफर नीति
बैठक में स्कूलों में शिक्षकों की कमी और उनके ट्रांसफर के आवेदनों पर विस्तार से चर्चा की गई। अफसरों ने बताया कि शहरी क्षेत्र के शिक्षक अपने स्कूल को छोड़़ना नहीं चाहते और ग्रामीण इलाकों के शिक्षक वहां से निकल नहीं पाते। क्योंकि, राज्य में शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए कोई नीति नहीं है।
बैठक में तय किया गया कि छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के लिए नई ट्रांसफर नीति बनाई जाए, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में सेवा करने के पश्चात् ही शहरी क्षेत्र में स्थानांतरण किये जाने का समावेश हो।
पोर्टल में ट्रांसफर आवेदन
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा गया कि छत्तीसगढ़ में लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा निर्मित एचआरएमआईएस पोर्टल में शिक्षकों की समस्त प्रकार की जानकारियों को अद्यतन किया जाए। इसी पोर्टल में शिक्षकों के स्थानांतरण का प्रावधान करने हेतु निर्देशित किया गया।
याने शिक्षक अब नेताओं या मंत्रियों से ट्रांसफर के लिए आवेदन फारवर्ड कराएंगे, तो कार्रवाई होगी। उन्हें पोर्टल में ही अपना आवेदन डालना होगा। हर तीन महीने में स्कूल शिक्षा की एक समिति इस पर विचार करेगी।
85 एकलव्य विद्यालय मर्ज किए जाएंगे
आदिम जाति तथा अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के द्वारा संचालित 85 एकलव्य स्कूलों को भी अन्य स्कूलों की तरह स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन करने की कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। इस हेतु भारत सरकार से पत्राचार किया जावे।
30 फीसदी से कम रिजल्ट पर कार्रवाई
सभी शासकीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए विशेष प्रयास किये जाए तथा जिला एवं विकासखण्ड स्तर हेतु कार्ययोजना बनाई जाए। यदि शासकीय स्कूलों का परीक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से कम आता है, तो संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों/विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों/संस्था प्रमुखों/शिक्षकों की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुये उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाए। विशिष्ट परीक्षा परिणाम देने वाले संस्था प्रमुखों/शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाए।
शराबी और अनुशासनहीनता बरतने वाले शिक्षकों को रिटायरमेंट
बैठक में शराब पीकर स्कूल आने वाले शिक्षकों से स्कूल शिक्षा विभाग की छबि खराब होने पर भी चर्चा की गई। अफसरों का कहा गया कि स्कूलों में मद्यपान करके आने वाले शिक्षकों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाए। इसके लिए संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी/विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया जाये।
मद्यपान करके आने वाले शिक्षकों, लंबी अनुपस्थिति वाले शिक्षकों एवं जिन शासकीय सेवकों का कार्य संतोषप्रद नहीं है, उन्हें शासन के नियमानुसार अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्यवाही की जाये।
बोर्ड परीक्षा के बाद युक्तियुक्तकरण
बोर्ड परीक्षा के पश्चात् युक्तियुक्तकरण के संबंध में कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। उक्त युक्तियुक्तकरण में परिसर में संचालित ऐतिहासिक पुराने स्कूल को रखते हुये नये स्कूल को मर्ज करने के निर्देश दिये गये।
अब बालक, बालिका स्कूल अलग नहीं
बैठक में तय किया गया कि सभी विद्यालयों को बालक एवं बालिका के लिए समान रूप से संचालित किया जाए। पृथक से बालिका विद्यालय प्रारंभ करने की अनुमति ना दी जाए।
पढ़िये अन्य फैसले...
हालांकि, इन मुद्दों पर बैठक में चर्चा हुई, अभी फायनल नहीं हुआ है। हो सकता है, इसमें से दो-एक मसले इधर-उधर याने ड्रॉप हो जाएं।
1. शिक्षा के क्षेत्र में अन्य राज्यों में कुछ अच्छा काम हो रहा है, तो उसका अध्ययन कर राज्य में भी परिस्थिति के अनुरूप लागू करने की कार्यवाही की जावे।
2. शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े इलाकों में विशेष ध्यान दिया जाए।
3. डीएवी स्कूलों के संबंध में राज्य स्तरीय बैठक आयोजित किया जाए। अपार आईडी में पालकों का मोबाईल नंबर अपडेट कराया जाए।
4. स्कूल शिक्षा विभाग के लिये स्थानांतरण नीति बनाई जाये, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में सेवा करने के पश्चात् ही शहरी क्षेत्र में स्थानांतरण किये जाने का समावेश हो।
5. स्कूलों में दिये जाने रहे गणवेश के कलर चेंज करने एवं गुणवत्ता सुधारने की ओर ध्यान दिये जाये। स्कूल खुलने के पहले गणवेश वित्तरित कराया जाना सुनिश्चित करें। जिनका कार्य अच्छा है, उन्हें गणवेश का कार्य दिया जाए।
6. अनुसूचित क्षेत्रों में 20 बोलियों की किताबें बना रहे हैं, उन्हें पढ़ाने हेतु कोई रास्ता निकालते हुये, स्थानीय युवाओ को शिक्षादूत के रूप में रखने के निर्देश दिये गये।
7. यदि कोई दानदाता अतिरिक्त कक्ष निर्माण आदि के लिये दान देना चाहता है. तो उस कक्ष में उनकी नाम पट्टि लगाकर उसका नाम अंकित किया जाये। सभी शासकीय विद्यालयों में एलुमिनी आयोजित कर पूर्व छात्रों की सहायता से विद्यालय के शैक्षिक एव भौतिक प्रयास किय जाए।
8. अच्छे विद्यार्थियों हेतु कैरियर काउंसिलिंग एवं कोचिंग के प्रयास किये जाए। कन्या छात्रावास एवं अन्य छात्रावासों की अधिकारियों द्वारा निरंतर मॉनिटरिंग की जाए, साथ ही छात्राओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।
9. स्कूलों का समय-समय पर राज्य, जिला एवं विकासखण्ड स्तर के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कराया जाना सुनिश्चित करें। निरीक्षण में शैक्षिक गुणवत्ता तथा विद्यालय की भौतिक संसाधनों को चिन्हांकित किया जाए। शिक्षकों को आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण दिया जावे।
10. प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला में विषयवार शिक्षकों की पदस्थापना की जाए। 2023 में किये गये संशोधन को विलोपित किया जाए।
11. आगामी चार वर्ष में विभाग की अकादमिक उन्नति के लिए रोडमैप तैयार किया जाए एवं इसका अनुमोदन लिया जाए।
12. सी.एस.आर. के तहत शिक्षा विभाग में क्या-क्या हो सकते हैं, उन क्षेत्रों की पहचान किया जावे।
13. शिक्षकों के प्रशिक्षण की नीति बनाई जाए। विद्यार्थियों हेतु अच्छे शैक्षिक वीडियो तैयार किये जाएं।