CG Teacher Transfer: प्राचार्य के टी संवर्ग में 1335 प्राचार्य तो 844 पदों के लिए काउंसलिंग क्यों, 415 का क्यों नहीं होगा ट्रांसफर, जानिये इसके कारण...
CG Teacher Transfer: डीपीआई ने आज देर शाम टी संवर्ग के प्राचार्यो के 844 पदों की काउंसलिंग के लिए डेट जारी कर दिया। हालांकि, पहले 845 पद का जिक्र था। मगर उसके कुछ देर बाद संशोधित सूचना में इसे 844 किया गया। हालांकि, टी संवर्ग में 1335 पद हैं। मगर अभी 844 पदों के लिए काउंसलिंग की जाएगी। नीचे पढ़िये इसकी वजह....

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CG Teacher Transfer: रायपुर। बता दें, मई में सरकार ने व्याख्याता और प्रधान पाठकों का प्रमोशन कर 2813 प्राचार्य का आदेश जारी किया था। इनमें ई संवर्ग के 1478 पद थे और टी संवर्ग के 1335 पद। इनमें से ई संवर्ग का हाईकोर्ट में केस लंबित है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षि़्ात रख लिया है। उधर, डीपीआई ने टी संवर्ग की काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस महीने 20 अगस्त से तीन दिन काउंसलिंग होगी।
844 पदों के लिए काउंसलिंग क्यों?
अब सवाल उठता है कि टी संवर्ग में जब 1335 पद हैं तो 844 पदों के लिए काउंसलिंग क्यों हो रही है। एनपीजी न्यूज ने शिक्षकों की उत्सुकता को लेकर डीपीआई के सीनियर अफसरों से बात की। उसमें पता चला कि 1335 पदों में से 73 लोग जुलाई तक रिटायर हो चुके हैं। और 415 प्रभारी प्राचार्य जिस हायर सेकेंड्री स्कूल में अगर सीनियर हैं तो उन्हें उसी स्कूल में पोस्टिंग दे दी जाएगी। इस तरह बच रहे हैं 844 पद। इसलिए डीपीआई 844 पदों के लिए ही काउंसलिंग कर रहा है।
415 प्राचार्यो का ट्रांसफर क्यों नहीं?
415 पदों के लिए काउंसलिंग इसलिए नहीं की जा रही कि वे जहां प्रभारी प्राचार्य के पद पर पोस्टेड हैं, वहां उनसे सीनियर कोई है नहीं। इसलिए, उन्हें उसी स्कूल में पूर्णकालिक प्राचार्य की पोस्टिंग दे दी जाएगी। इसके पीछे सरकार की मंशा यह है कि अभी मीड सेशन है। अफसरों की कोशिश है कि मीड सेशन में जितना कम-से-कम प्राचार्यां की पोस्टिंग या ट्रांसफर हो, उतना बेहतर होगा। इसलिए, 415 को जहां हैं, वहीं पोस्ट कर दिया जाएगा।
काउंसलिंग की डेट तय
प्राचार्य पोस्टिंग के लिए काउंसिलिंग की तिथि डीपीआई ने जारी कर दी है। पहले चरण में टी संवर्ग के 845 पदों के लिए काउंसलिंग होगी। प्राचार्य पोस्टिंग को लेकर शिक्षक संगठनों के साथ ही उन शिक्षकों की नजरें लगी हुई थी जो प्राचार्य बनने की कतार में शामिल है। हालांकि हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका के दौरान ही टी संवर्ग के शिक्षकों के प्राचार्य के पद पर पदोन्नति का रास्ता पहले ही खुल गया था।
डीपीआई के आदेश के बाद यह तय हो गया है कि टी संवर्ग के 1335 व्याख्याताओं, व्याख्याता एलबी और मीडिल स्कूल के प्रधान पाठकों को प्राचार्य पोस्टिंग मिलेंगी। ई संवर्ग का मामला कानूनी लड़ाई में फंसा हुआ है। हालांकि रिटायर शिक्षक की याचिका पर हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।
पदोन्नति की राह देखते ई व टी संवर्ग के शिक्षक हर महीने रिटायर हो रहे थे। जून और इस महीने जुलाई तक 437 शिक्षकों का नाम रिटायरमेंट की सूची में शामिल हो जाएगा। ये सभी ऐसे शिक्षक हैं जिनको प्राचार्य के पद पर पदोन्नति मिलनी थी। अदालती लड़ाई और कानूनी उलझनों के चलते ये प्राचार्य बनने से पहले ही रिटायर हो गए।
प्राचार्य पदोन्नति मामला कानूनी उलझन में फंसने का सबसे बड़ा साइड इफैक्ट ये कि प्राचार्य के पद पर पदोन्नत होने वाले 356 शिक्षक रिटायर हो गए। यह आंकड़ा जून तक का है। जुलाई का आंकड़ा देखे तो ई संवर्ग के 58 व टी संवर्ग के 23 शिक्षक रिटायर हो जाएंगे। इन शिक्षकों के लिए तो कानूनी लड़ाई रोड़ा बनकर सामने आया। प्राचार्य बनने का सपना ही अधूरा रह गया है। जैसे-जैसे यह मामला आगे खिंचता चला जाएगा उसी अंदाज में लेक्चरर्स भी रिटायर होते जाएंगे। हर महीने तीन से चार दर्जन शिक्षक दोनों संवर्ग से रिटायर हो रहे हैं।
