CG Teacher Transfer: प्राचार्य कॉउंसलिंग ब्रेकिंग: DPI ने जारी की प्राचार्य पोस्टिंग से पहले कॉउंसलिंग की डेट, पढ़िये कितने पदों के लिए....
CG Teacher Transfer: प्राचार्य प्रमोशन के बाद पोस्टिंग के लिए DPI ने कॉउंसलिंग की डेट तय कर दी है। टी संवर्ग के 845 पदों के लिए तीन दिन कॉउंसलिंग होगी।

CG Teacher Transfer: रायपुर। प्राचार्य पोस्टिंग के लिए काउंसिलिंग की तिथि डीपीआई ने जारी कर दी है। पहले चरण में टी संवर्ग के 845 पदों के लिए काउंसलिंग होगी। प्राचार्य पोस्टिंग को लेकर शिक्षक संगठनों के साथ ही उन शिक्षकों की नजरें लगी हुई थी जो प्राचार्य बनने की कतार में शामिल है। हालांकि हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका के दौरान ही टी संवर्ग के शिक्षकों के प्राचार्य के पद पर पदोन्नति का रास्ता पहले ही खुल गया था।
डीपीआई के आदेश के बाद यह तय हो गया है कि टी संवर्ग के 1335 व्याख्याताओं, व्याख्याता एलबी और मीडिल स्कूल के प्रधान पाठकों को प्राचार्य पोस्टिंग मिलेंगी। ई संवर्ग का मामला कानूनी लड़ाई में फंसा हुआ है। हालांकि रिटायर शिक्षक की याचिका पर हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।
पदोन्ति की राह देखते ई व टी संवर्ग के शिक्षक हर महीने रिटायर हो रहे थे। जून और इस महीने जुलाई तक 437 शिक्षकों का नाम रिटायरमेंट की सूची में शामिल हो जाएगा। ये सभी ऐसे शिक्षक हैं जिनको प्राचार्य के पद पर पदोन्नति मिलनी थी। अदालती लड़ाई और कानूनी उलझनों के चलते ये प्राचार्य बनने से पहले ही रिटायर हो गए।
प्राचार्य पदोन्नति मामला कानूनी उलझन में फंसने का सबसे बड़ा साइड इफैक्ट ये कि प्राचार्य के पद पर पदोन्नत होने वाले 356 शिक्षक रिटायर हो गए। यह आंकड़ा जून तक का है। जुलाई का आंकड़ा देखे तो ई संवर्ग के 58 व टी संवर्ग के 23 शिक्षक रिटायर हो जाएंगे। इन शिक्षकों के लिए तो कानूनी लड़ाई रोड़ा बनकर सामने आया। प्राचार्य बनने का सपना ही अधूरा रह गया है। जैसे-जैसे यह मामला आगे खिंचता चला जाएगा उसी अंदाज में लेक्चरर्स भी रिटायर होते जाएंगे। हर महीने तीन से चार दर्जन शिक्षक दोनों संवर्ग से रिटायर हो रहे हैं।
फरवरी 2024 में विभाग ने शुरू की थी प्रक्रिया
स्कूल शिक्षा विभाग ने फरवरी 2024 में प्रिंसिपल के पद पर प्रमोशन के लिए प्रक्रिया प्रारंभ की थी। बीते डेढ़ साल के दौरान 400 से ज्यादा शिक्षक रिटायर हो गए। तय समय पर पदोन्नति का लाभ मिलता तो ये सभी शिक्षक प्रिंसिपल के पद से रिटायर होते। पेंशन के साथ ही ग्रेज्युटी व अन्य भुगतान में लाभ मिलता। पदोन्नति मामले में पेंच फंसने के कारण ये शिक्षक लाभ से वंचित रह गए हैं।
फैक्ट फाइल
शिक्षा विभाग में 10 और आदिम जाति कल्याण विभाग में बीते 12 वर्षों से प्राचार्य की पदोन्नति नहीं हुई है। प्रदेश में 1897 हाई स्कूल और 2886 हायर सेकेंडरी स्कूल संचालित की जा रही है। 4783 स्कूल में प्राचार्य के पास स्वीकृत है। हाई स्कूल में 1565 व हायर सेकेंडरी स्कूल में 2011 पद मिलाकर कुल 3576 स्कूलों में प्राचार्य के पद रिक्त है। मतलब साफ है कि 75 फीसदी स्कूल प्राचार्यविहीन है। 30 अप्रैल को 2813 प्राचार्य की पदोन्नति सूची जारी की गई थी। ई संवर्ग के 1478 व टी संवर्ग के 1335 लेक्चरर व हेड मास्टर को प्राचार्य के पद पर पदोन्नति देते हुए सूची जारी की गई थी। हाई कोर्ट की रोक के चलते इस पर अब तक अमल नहीं हो पाया है।
तीन विभाग के हैं शिक्षक, जिनका होना है प्रमोशन
स्कूल शिक्षा विभाग में ट्राइबल और पंचायत विभाग से आने वाले शिक्षकों का संविलियन राज्य सरकार ने किया है। राज्य शासन ने प्राचार्य पदोन्नति के लिए तीनों ही विभाग के व्याख्याताओं की वरिष्ठता के आधार पर सूची बनाई है। दायर याचिका में संविलियन होने वाले ट्राइबल व पंचायत विभाग के लेक्चरर जो डीएलएड व बीटीआई हैं उनको प्राचार्य पदोन्नति सूची से बाहर रखने की मांग करते हुए याचिका दायर की गई है। हाई कोर्ट में अलग-अलग दायर की गई 11 याचिकाओं के अलावा एक हस्तक्षेप याचिका भी दायर की गई है।
