CG Teacher Pramotion 2025: प्राचार्य प्रमोशन का आदेश निकलने से पहले ही शिक्षा माफिया सक्रिय, पढ़िये किस स्कूल की कितनी बोली, जानिये कैसे होता है खेला...
CG Teacher Pramotion 2025: छत्तीसगढ़ में प्राचार्य प्रमोशन की डीपीसी हो गई है। विभाग से अनुमोदन के बाद इसका आदेश भी निकल जाएगा। इसके साथ सभी 2934 पदोन्नत प्राचार्यों की नई पोस्टिंग होगी। याने ट्रांसफर। इसको लेकर दलाल सक्रिय हो गए हैं। अभी से बोली लग लग रही है...उपर में सेटिंग का दावा किया जा रहा है।

CG Teacher Pramotion 2025
CG Teacher Pramotion 2025: रायपुर। छत्तीसगढ़ में बरसों बाद व्याख्याताओं और प्रधान पाठकों को प्राचार्य प्रमोशन का तोहफा मिलने वाला है। पिछले करीब एक दशक से शिक्षकों का प्रमोशन नहीं हुआ था। प्रमोशन तो अलग ग्रेडेशन लिस्ट तक नहीं बना था। विधानसभा के हर सत्र में विधायकों द्वारा इस पर सवाल पूछे जाते थे और विभाग जानकारी दे देकर पल्ला झाड़ लेता था कि प्रदेश के स्कूलों में प्राचार्यों के इतने पद खाली हैं।
विष्णुदेव सरकार ने स्कूलों में प्राचार्यों के पदों को भरने के लिए विभागीय पदोन्नति की प्रकिया शुरू की। पीएससी से कोआर्डिनेट कर स्कूल शिक्षा विभाग ने डीपीसी कराई। अब खबर है, जल्द ही प्रमोशन का इंतजार खतम हो जाएगा।
प्रमोशन के आदेश के साथ ही सरकार पदोन्नत प्राचार्यों की पोस्टिंग भी देगी। वैसे तो पूरे प्रदेश के हायर सेकेंड्री स्कूलों में प्राचार्य के पद खाली हैं मगर बस्तर और सरगुजा में ज्यादा। ये भी सही है कि सभी लोग अपने गृह नगर के आसपास के स्कूलों में ही पोस्टिंग चाहते हैं।
सुनने में आ रहा कि स्कूल शिक्षा विभाग के दलाल अभी से मनमाफिक पोस्टिंग कराने के लिए सक्रिय हो गए हैं। सीनियरिटी के हिसाब से उपर के लेक्चरर और प्रधान पाठकों का प्रमोशन होना तय माना जा रहा। मगर बिना आदेश निकले ही दलाल उनसे संपर्क करना शुरू कर दिए हैं। एक लेक्चरर ने एनपीजी न्यूज को बताया कि शिक्षक समुदाय से जुड़े नेता के व्यक्ति ने उससे संपर्क कर बताया कि तुम्हारा प्रमोशन हो गया है, मेरी स्कूल शिक्षा विभाग में बात हो गई है, मैं करा दूंगा।
बताते हैं, इसके लिए दलालों ने बकायदा रेट तय कर दिया है। गृह नगर के 25 से 30 किलोमीटर के रेंज में पोस्टिंग चाहिए तो पांच लाख और 30 से 50 किलोमीटर के रेंज के लिए तीन लाख।
हालांकि, पोस्टिंग के विवादों से बचने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ऑनलाइन काउंसलिंग पर विचार कर रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग के जिम्मेदार सूत्रों ने बताया कि ऑनलाइन काउंसलिंग के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जल्द ही इस पर अंतिम फैसला हो जाएगा कि पोस्टिंग के लिए कौन सा तरीका अजमाया जाए।
सबसे बड़ा खेल
हालांकि, जानकारों का कहना है कि ऑनलाइन काउंसलिंग में भी बड़ा खेला हो जाता है। दरअसल, काउंसलिंग से पहले स्कूलों की जानकारी साझा की जाती है, उसी में खेला हो जाता है। विभाग के अफसर शहरों के आसपास के स्कूलों की जानकारी छिपा लेते हैं, जहां वैकेंसी होती है। फिर ट्रांसफर लिस्ट निकलने के बाद सेटिंग शुरू हो जाती है। जैसे सहायक शिक्षकों के प्रमोशन में छत्तीसगढ़ के पांचों ज्वाइंट डायरेक्टरों ने किया। इनमें से चार सस्पेंड भी हुए।
सबसे पहले स्कूलों की जानकारी सार्वजनिक
स्कूल शिक्षा विभाग के दलाल अभी से एक्टिव होकर शिक्षकों को गुमराह करना शुरू कर दिए हैं। ऐसे दावे किए जा रहे, जैसे वे ही डीपीसी के मेम्बर थे या उनकी मौजूदगी में डीपीसी हुई है। स्कूल शिक्षा विभाग ऐसे बिचौलियों को बाहर करने के लिए जिन स्कूलों में प्राचार्यों के पद खाली हैं, उसकी लिस्ट सार्वजनिक कर देनी चाहिए। इसके बाद ऑनलाईन काउंसलिंग हो। जिन स्कूलों की लिस्ट ओपन किया जाए, उसमें उन स्कूलों के नाम हो, जिसमें दो-तीन महीने में कोई प्राचार्य रिटायर होने वाला है। स्कूल शिक्षा विभाग के अफसर प्रत्याशा में पोस्टिंग कर देते हैं कि फलां स्कूल में अगले महीने की डेट में पोस्टिंग दी जाती है। काउंसलिंग में ऐसे स्कूलों के नाम छुपा लिया जाता है, जहां दो-एक महीने में पद खाली होने वाला है। यदि 10-12 भी ऐसे स्कूल हुए तो 50 पेटी का काम हो गया।