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CG Teacher Posting Scam: केवियेट दायरः छत्तीसगढ़ में शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में सरकार ने कारवाई से पहले हाई कोर्ट में किया केवियेट दायर, आजकल में बड़ा फैसला

CG Teacher Posting Scam: स्कूल शिक्षा महकमे को हिला देने वाले शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में बड़ी कार्रवाई होने जा रही है। पता चला है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। इससे पहले स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र्र चौबे ने चार ज्वाइंट डायरेक्टरों को सस्पेंड कर दिया था।

CG Teacher Posting Scam: केवियेट दायरः छत्तीसगढ़ में शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में सरकार ने कारवाई से पहले हाई कोर्ट में किया केवियेट दायर, आजकल में बड़ा फैसला
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By Sanjeet Kumar

CG Teacher Posting Scam: रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग में आरगेनाइज ढंग से हुए शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में राज्य सरकार बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। इसके लिए कानूनी दृष्टि से फुलप्रूफ इंतजामात किए जा रहे हैं। पता चला है, सरकार ने कल हाई कोर्ट में केवियेट दायर कर दिया। ताकि कार्रवाई के बाद किसी को एकतरफा स्टे न मिल जाए।

स्कूल शिक्षा महकमे को हिला देने वाले शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में बड़ी कार्रवाई होने जा रही है। पता चला है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। इससे पहले स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र्र चौबे ने चार ज्वाइंट डायरेक्टरों को सस्पेंड कर दिया था। उन्होंने खुले तौर पर कहा था कि सहायक शिक्षकों से शिक्षक प्रमोशन के बाद पोस्टिंग में जितने भी संशोधन हुए हैं, वे सभी निरस्त किए जाएंगे। कल भी उनका बयान आया था कि निरस्तीकरण की फाइल समन्वय में भेजी गई है। मुख्यमंत्री समन्वय के प्रमुख होते हैं।

शिक्षक पोस्टिंग घोटाले को सबसे पहले एनपीजी न्यूज ने प्रमुखता के साथ उठाया था। इस पर सिस्टम हरकत में आया और पांचों संभागों में कमिश्नरों से जांच का आदेश दिया गया। कमिश्नरों की रिपोर्ट आने के बाद विभाग ने पांच में से चार ज्वाइंट डायरेक्टर और एक बाबू को सस्पेंड कर दिया। बताते हैं, आरगेनाइज ढंग से इस घोटाले को अंजाम दिया गया। प्रदेश में बड़ी संख्या में सहायक शिक्षक से शिक्षक मे प्रमोशन हुआ था।

प्रमोशन का नियम है कि ट्रांसफर होता है। इसमें शहरों के आसपास के स्कूलों को वेबसाइट पर शो नहीं किया गया। कहने का आशय यह है कि उसे चतुराई से छिपा लिया गया। मजबूरी में शिक्षकों को दूसरे जिलों में पोस्टिंग लेनी पड़ी। शिक्षकों ने जब वहां ज्वाईन कर लिया तब ज्वाइंट डायरेक्टर आफिस से फोन जाने लगा...इतना पैसा लाओ...फलां स्कूल में आपकी पोस्टिंग हो जाएगी।

पोस्टिंग संशोधन के नाम पर डेढ़ से दो लाख रुपए लिए गए। इसमें करोड़ों का खेल किया गया। विधानसभा में सिर्फ बिलासपुर संभाग में 800 से अधिक संशोधन करने की जानकारी दी गई। जबकि, पोस्टिंग संशोधन करने का ज्वाइंट डायरेक्टरें को पावर ही नहीं है। एनपीजी ने सबसे पहले बिलासपुर का मामला उठाया था। बाद में पता चला कि पांचों संभागों में पोस्टिंग संशोधन का खेल धड़ल्ले से खेला गया। इसमें शिक्षक नेताओं से लेकर जनप्रतिनिधियों तक ने बहती गंगा में जमकर डूबकी लगाई।

यह भी पढ़ें- शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में शिक्षक नेता भी संलिप्त! एक ने दलाल बनकर अकेले 132 पोस्टिंग संशोधन कराई,

रायपुर। खेत को बचाने के लिए किसान बाड़ लगाता है मगर बाड़ ही खेत खा जाए तो बेचारा किसान क्या करेगा। यही हाल इन दिनों प्रदेश में सहायक शिक्षक से शिक्षक प्रमोट हुए शिक्षकों का है। जिन नेताओं पर शिक्षकों ने भरोसा किया, वे ही उनके साथ दगाबाजी कर दिए। प्रमोशन के बाद पोस्टिंग संशोधन में शिक्षक नेताओं ने भी बहती गंगा में जमकर डूबकी लगाई। कमिश्नर की जांच में इस बात की जानकारी सामने आई है कि शिक्षक नेताओं ने भी बड़ी संख्या में ट्रांसफर संशोधन कराए। एक शिक्षक नेता ने जेडी आफिस के बाबू के साथ मिलकर अकेले 132 ट्रांसफर आदेश संशोधित करा लिए। महिलाओं और दिव्यांगों को दूसरे जिलों में भेज दिया गया। और डेढ़ से दो लाख रुपए लेकर शहर और शहर के आसपास के स्कूलों में पोस्टिंग दे दी गई।

महिलाएं अपने छोटे बच्चों को लेकर काउंसलिंग स्थल पर पहुंची और रोते हुए बाहर निकली। सैकड़ों लोगों ने पदोन्नति सिर्फ इसीलिए नहीं ली क्योंकि उन्हें कई सौ किलोमीटर दूर फेंका गया था और संशोधन कराने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। ऐसे समय में प्रमुख शिक्षक संगठन मुंह पर चुप्पी साधे बैठे रहे और उनके संगठन के ही शिक्षकों का शोषण होता रहा। इसके बाद कई बड़े शिक्षक नेता और उनके पदाधिकारी खुद एजेंट बनकर शिक्षकों का शोषण करते रहे और संशोधन के खेल में संलिप्त रहे। बिलासपुर में एक संगठन ने तो बकायदा पंडाल रूपी दुकान तक खोल लिया था और ऐसे दर्जनों शिक्षक हैं, जिन्होंने खुद नाम न छापने की शर्त पर यह बताया है कि इसी संगठन के पदाधिकारियों ने उनसे पैसे लिए हैं और कार्यालय के बाबू से संशोधित आदेश जारी कर उन तक पहुंचाया। इस खबर को विस्‍तार से पढ़ने के लिए यहां क्‍लीक करें

यह भी पढ़ें- बड़ी कार्रवाई! शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में बड़ी कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री से हरी झंडी, आदेश कभी भी

रायपुर। स्कूल शिक्षा महकमे को हिला देने वाले शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में बड़ी कार्रवाई होने जा रही है। पता चला है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। इससे पहले स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र्र चौबे ने चार ज्वाइंट डायरेक्टरों को सस्पेंड कर दिया था। उन्होंने खुले तौर पर कहा था कि सहायक शिक्षकों से शिक्षक प्रमोशन के बाद पोस्टिंग में जितने भी संशोधन हुए हैं, वे सभी निरस्त किए जाएंगे। कल भी उनका बयान आया था कि निरस्तीकरण की फाइल समन्वय में भेजी गई है। मुख्यमंत्री समन्वय के प्रमुख होते हैं।

शिक्षक पोस्टिंग घोटाले को सबसे पहले एनपीजी न्यूज ने प्रमुखता के साथ उठाया था। इस पर सिस्टम हरकत में आया और पांचों संभागों में कमिश्नरों से जांच का आदेश दिया गया। कमिश्नरों की रिपोर्ट आने के बाद विभाग ने पांच में से चार ज्वाइंट डायरेक्टर और एक बाबू को सस्पेंड कर दिया। बताते हैं, आरगेनाइज ढंग से इस घोटाले को अंजाम दिया गया। प्रदेश में बड़ी संख्या में सहायक शिक्षक से शिक्षक मे प्रमोशन हुआ था। इस खबर को विस्‍तार से पढ़ने के लिए यहां क्‍लीक करें

यह भी पढ़ें- पोस्टिंग घोटालाः 3500 शिक्षक पोस्टिंग को निरस्त करना स्कूल शिक्षा मंत्री का अधिकार नहीं, सीएम भूपेश के पास भेजी जाएगी फाइल

रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग को हिला देने वाले शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में विभागीय मंत्री रविंद्र चौबे के निर्देश पर विभाग दोषी लोगों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कराने जा रहा है। मगर रही पोस्टिंग को निरस्त करने की बात तो ये स्कूल शिक्षा मंत्री के अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं है। इस पर अंतिम निर्णय लेने के लिए फाइल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेजी जाएगी। वैसे भी ठीक विधानसभा चुनाव के पहले ऐसे बड़े फैसले सरकार स्तर पर ही लिए जाते हैं। कमिश्नरों की जांच में करीब साढ़े तीन हजार पोस्टिंग संशोधनों की जानकारी आई है। इनमें सबसे अधिक बिलासपुर में खेला हुआ।

ज्ञातव्य है, स्कूल शिक्षा मंत्री चौबे ने कल मंत्रालय में पोस्टिंग संशोधन घोटाले पर मंत्रालय में एक अहम बैठक ली थी। इस बैठक में विभाग के सारे शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। मीटिंग में तय हुआ कि संशोधन निरस्त करने के साथ ही इस कांड में लिप्त लोगों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराई जाए। जानकार अफसरों का कहना है कि पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने में कोई दिक्कत नहीं। मगर पोस्टिंग निरस्त करने के लिए फाइल मुख्यमंत्री तक जाएगी। क्योंकि पोस्टिंग के बाद आदेश में संशोधन हुआ है। यह ट्रांसफर का केस है। और इस समय तबादलों पर प्रतिबंध है। बिना समन्वय के अनुमोदन के कोई ट्रांसफर या संशोधन हो नहीं सकता। इस खबर को विस्‍तार से पढ़ने के लिए यहां क्‍लीक करें

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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