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CG Teacher News: निलंबन बहाली के एक और खेल का भंडाफोड़..बेलगाम DEO पर आखिर क्यों मेहरबान है शिक्षा विभाग....

CG Teacher News:आज से ठीक छह दिन पहले NPG.NEWS ने खुलासा किया था कि किस प्रकार युक्तियुक्तकरण से प्रभावित शिक्षकों को बचाने के लिए कोरबा DEO ने निलंबन और फिर बहाली का खेल खेला है। मामले का भंडाफोड़ होते ही तीन घंटे के भीतर जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने आदेश को निरस्त कर दिया था। जिसके बाद NPG ने संलग्नीकरण का भी एक मामला उजागर किया था। बताया था कि अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब NPG एक और बड़े मामले का खुलासा कर रहा है, जिसमें युक्तियुक्तकरण से प्रभावित शिक्षक का पहले निलंबन किया गया और फिर महज 42 दिन के भीतर उसे बहाल करते हुए उसकी मनपसंद स्कूल में पदस्थापना दे दी गई।

CG Teacher News: निलंबन बहाली के एक और खेल का भंडाफोड़..बेलगाम DEO पर आखिर क्यों मेहरबान है शिक्षा विभाग....
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By Radhakishan Sharma

CG Teacher News: रायपुर। आज से ठीक छह दिन पहले NPG.NEWS ने खुलासा किया था कि किस प्रकार युक्तियुक्तकरण से प्रभावित शिक्षकों को बचाने के लिए कोरबा DEO ने निलंबन और फिर बहाली का खेल खेला है। मामले का भंडाफोड़ होते ही तीन घंटे के भीतर जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने आदेश को निरस्त कर दिया था। जिसके बाद NPG ने संलग्नीकरण का भी एक मामला उजागर किया था। बताया था कि अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब NPG एक और बड़े मामले का खुलासा कर रहा है, जिसमें युक्तियुक्तकरण से प्रभावित शिक्षक का पहले निलंबन किया गया और फिर महज 42 दिन के भीतर उसे बहाल करते हुए उसकी मनपसंद स्कूल में पदस्थापना दे दी गई।

क्या है पूरा मामला और कैसे हुआ है पूरा खेला

कटघोरा विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला मोहरियामुड़ा में पदस्थ सहायक शिक्षक जितेंद्र कुमार दिनकर की पदस्थापना युक्तियुक्तकरण के तहत कोरबा विकासखंड के दुर्गम क्षेत्र प्राथमिक शाला रापता में हुई थी। जहां शिक्षक को जाना नागवार गुजर रहा था, इसलिए निलंबन और बहाली का खेल खेला गया। सबसे पहले 19 सितंबर को जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा ने सहायक शिक्षक को निलंबित कर दिया। निलंबन के महज 42 दिन के भीतर ही जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा ने निलंबित शिक्षक को बहाल कर दिया। बहाली आदेश के पीछे मनचाहे स्कूल में पोस्टिंग करना था। लिहाजा शिक्षक को पाली विकास खंड के शासकीय प्राथमिक शाला बोकरामुड़ा में पदस्थ कर दिया। विकास खंड शिक्षा अधिकारी श्यामानंद साहू ने बताया कि शिक्षक दिनेश कुमार दिनकर की पोस्टिस प्राथमिक शाला बोकरामुड़ा में पोस्टिंग दी गई है। जिला शिक्षा अधिकारी से मिले आदेश के बाद शिक्षक को ज्वाइनिंग दी गई है।

शिकायत,निलंबन, बहाली और मनपसंद स्कूल में पोस्टिंग

इसके केस में भी डाकेश कुमार के समान ही शिकायत का खेल खेला गया। जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने आदेश में जिक्र किया है कि शिक्षक जितेंद्र कुमार दिनकर के खिलाफ शिकायत हुई थी, जिसके बाद उन्होंने उसे निलंबित किया और आरोप पत्र जारी किया। मिले-जुले इस खेल में सहायक शिक्षक ने इस प्रकार की पुनरावृत्ति नहीं करने की बात कहते हुए क्षमा याचना मांग ली, और दयालु जिला शिक्षा अधिकारी ने जितेंद्र कुमार दिनकर को महज 42 दिन के अंदर उसकी मनचाही जगह पर पदस्थ कर दिया।युक्तियुक्तकरण के तहत जिस स्कूल में जितेंद्र कुमार दिनकर को पदस्थ किया गया था, वहां से उसे मुक्ति मिल गई। जिले के शिक्षकों का कहना है कि यह तो केवल बानगी की है, ऐसे कई मामले हैं जिसमें लेन-देन कर पहले निलंबन का खेल खेला गया और फिर बहाली का।

आखिर DEO को स्कूल शिक्षा विभाग के किस अधिकारी का है प्रश्रय !

महज छह दिनों के अंदर NPG.NEWS ने तीन ऐसे बड़े मामलों का खुलासा किया है जिससे यह साफ पता चलता है कि सोची समझी साजिश के तहत शिक्षकों को पहले निलंबित किया गया और फिर बहाली का खेल किया गया। यही नहीं जिस अटैचमेंट मामले को लेकर कैबिनेट ने फैसला लिया है और जिस पर पूरी तरह बैन लगाया गया है, वैसे एक मामले में महिला शिक्षिका को उसके मनचाहे स्कूल में संलग्न किया गया है और मामला सामने आने के बावजूद उस मामले में किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आम शिक्षकों को छोटे-छोटे मुद्दे पर सस्पेंड कर देने वाला विभाग जिला शिक्षा अधिकारी को क्यों बचाने में लगा हुआ है और उनकी जिम्मेदारी तय करते हुए उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। शिक्षक यदि 10 मिनट लेट भी पहुंचे तो उस पर कार्रवाई करने में विभाग नहीं चूकता है। अधिकारी जो खुलेआम चहेतों को लाभ पहुंचा रहे हैं और नियमों को तोड़ मरोड़ कर अपनी जेब गर्म कर रहे हैं उन पर कार्रवाई करने में आखिर अधिकारी और विभाग पीछे क्यों हैं। यह बड़ा सवाल है । अब देखना होगा कि इस मामले के खुलासे के बाद विभाग क्या एक्शन लेता है।

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