CG Teacher News: शिक्षक प्रमोशन में फंसा एक और पेंच: जिनके पास डीएलएड का डिप्लोमा, उन शिक्षकों को हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल में नहीं मिल रहा प्रमोशन
CG Teacher News: शिक्षक पदोन्नति में बीएड डिग्रीधारी और डीएलएड डिप्लोमा का पेंच एक बार फिर फंस गया है। जिनके पास डीएलएड डिप्लोमा है उन शिक्षकों को हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल में पदोन्नति नहीं दी जा रही है। या यूं कहें कि डिग्री व डिप्लोमा के बीच पदोन्नति का मामला फंस गया है।

CG Teacher News: रायपुर। शिक्षक पदोन्नति में बीएड डिग्रीधारी और डीएलएड डिप्लोमा का पेंच एक बार फिर फंस गया है। जिनके पास डीएलएड डिप्लोमा है उन शिक्षकों को हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल में पदोन्नति नहीं दी जा रही है। या यूं कहें कि डिग्री व डिप्लोमा के बीच पदोन्नति का मामला फंस गया है।
छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में कार्यरत डिप्लोमाधारी शिक्षकों के सामने एक बार फिर डिग्री व डिप्लोमा का रोड़ा सामने आ गया है। इन शिक्षकों को हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में पदोन्नति नहीं दी जा रही है। हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षकों के लिए बीएड डिग्री अनिवार्य है। जिन शिक्षकों के पास बीएड की डिग्री है उनको ही हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल में पदोन्नत किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग के इस नियम व मापदंड के चलते डिप्लोमाधारी शिक्षकों के सामने पदोन्नित का पेंच फंस गया है। मापदंडों का रोड़ा अटकने के चलते अब शिक्षक संगठन सामने आ गया है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षक परिषद के अध्यक्ष के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा को पत्र लिखकर डीएड योग्यता वाले शिक्षकों के लिए बीएड ब्रिज कोर्स प्रारंभ कराने की मांग की है। उन्होंने आग्रह किया है कि बीएड का ब्रिज कोर्स शुरू करने का प्रावधान होने से हजारों शिक्षकों को लाभ मिलेगा और वे प्रमोशन के पात्र हो सकेंगे। पूर्व में डीएलएड डिप्लोमा वाले शिक्षकों के लिए भी प्रमोशन का प्रावधान था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले और NCTE के निर्देश से नियम में बदलाव किया गया है। इससे डीएड की योग्यता वाले शिक्षक प्रमोशन से वंचित रह गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट और एनसीटीई के एक निर्देश ने राज्य के लगभग 30 हजार से ज्यादा शिक्षकों को हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल में प्रमोशन से वंचित कर दिया है। एक मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि व्याख्याता पद पर केवल बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को ही पदोन्नति दी जाएगी। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षक परिषद ने भी इस व्यवस्था को लागू कर दिया है। इसके चलते राज्य में 2019 के बाद पहली बार 400 शिक्षकों को पदोन्नति दी गई। ये सभी बीएड डिग्रीधारी शिक्षक हैं।
1998 बैच के शिक्षक अटके, 2010-15 बैच वालों को भी मिल गया प्रमोशन
नए नियम व प्रावधान के चलते 1998 बैच के ही 200 से ज्यादा शिक्षक हैं जिनके पास बीएड की योग्यता है। उन्हें प्रमोशन नहीं मिला है, 2010-15 बैच के शिक्षकों को पदोन्नत कर व्याख्याता बना दिया गया है। जानकारी के अनुसार 2019 में जब स्कूल शिक्षा विभाग में पदोन्नति को लेकर नियम बनाए गए थे, तब डीएलएड और बीएड योग्यता वाले शिक्षकों के लिए एक ही मापदंड के तहत पदोन्नति देने नियम था। वरिष्ठता के आधार पर शिक्षकों को प्रमोशन दिया जाना था। नियम बनने के बाद पहली बार 400 शिक्षकों को व्याख्याता के पद पर पदोन्नत किया गया है,इसमें डीएलएड डिप्लोमाधारी शिक्षकों को पदोन्नति से बाहर कर दिया है।
बिलासपुर हाई कोर्ट में दायर की थी याचिका
प्राइमरी स्कूल में बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की भर्ती के खिलाफ डीएलएड डिप्लोमाधारी अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने प्राइमरी स्कूल के बच्चों को पढ़ाने के लिए डीएलएड डिप्लाेमाधारी अभ्यर्थियों को शिक्षक के पद पर पदस्थ करने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट के आदेश के मद्देनतर बस्तर संभाग में बीएड डिग्रीधारी दो हजार के करीब शिक्षकों काे राज्य सरकार ने बर्खास्त कर दिया था। हालांकि कुूछ महीने बाद राज्य शासन ने इन शिक्षकों को विज्ञान सहायक के पद पर नियुक्ति दी है।
