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CG Teacher News: ब्रिज कोर्स नहीं किया तो नौकरी जाने का खतरा: प्रदेश के 6,285 बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को करना होगा ब्रिज कोर्स, 6 महीने का मिला डेडलाइन

CG Teacher News: सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने प्रदेशभर के डीईओ और डाइट प्राचार्यों को जारी पत्र में प्राइमरी स्कूल में कार्यरत बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को ब्रिज कोर्स कराने का निर्देश दिया है। इसके लिए डेडलाइन भी तय कर दिया है। छह महीने के भीतर बीएड डिग्रीधारी प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों को ब्रिज कोर्स करना होगा। तय समयावधि में कोर्स पूरा ना करने वालों को नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है।

CG Teacher News: ब्रिज कोर्स नहीं किया तो नौकरी जाने का खतरा: प्रदेश के 6,285 बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को करना होगा ब्रिज कोर्स, 6 महीने का मिला डेडलाइन
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By Radhakishan Sharma

CG Teacher News: बिलासपुर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने प्रदेशभर के डीईओ और डाइट प्राचार्यों को जारी पत्र में प्राइमरी स्कूल में कार्यरत बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को ब्रिज कोर्स कराने का निर्देश दिया है। इसके लिए डेडलाइन भी तय कर दिया है। छह महीने के भीतर बीएड डिग्रीधारी प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों को ब्रिज कोर्स करना होगा। तय समयावधि में कोर्स पूरा ना करने वालों को नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है।

NCTE द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार 28 जून 2018 से 11 अगस्त 2023 के बीच जिन शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, उन सभी शिक्षकों को ब्रिज कोर्स करना होगा। NIOS द्वारा पाठ्यक्रम शुरू करने के बाद इसे एक वर्ष के भीतर

पूरा करना अनिवार्य होगा। जारी निर्देश में साफ कहा है कि तय समयावधि में कोर्स पूरा नहीं करने पर संबंधित शिक्षक की नियुक्ति रद्द मानी जाएगी। यह कोर्स केवल वर्तमान नियुक्तियों पर लागू होगा, भविष्य की भर्ती के लिए इसे मान्य नहीं माना जाएगा।

स्कूल शिक्षा विभाग ने ब्रिज कोर्स को उन बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों के लिए अनिवार्य किया है, जो कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार उन्हें प्राथमिक शिक्षा के लिए आवश्यक कौशल और प्रशिक्षण प्राप्त हो सके। छह महीने का ब्रिज कोर्स नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के माध्यम से संचालित किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एनसीटीई ने यह कोर्स तैयार किया, जिसे शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने अनुमोदित किया। स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्ष 2023 में कुल 12489 पदों का विज्ञापन जारी किया था, जिनमें 6285 पद सहायक शिक्षक के थे। सहायक शिक्षक की योग्यता को लेकर मामला हाई कोर्ट में लंबित था। इस बीच राज्य शासन ने शर्तों के आधार पर इन पदों पर बीएड डिग्रीधारकों की नियुक्ति कर दी थी।

राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने शासकीय, अनुदान प्राप्त, निजी प्राथमिक विद्यालयों में पदस्थ शिक्षक जिनके पास बीएड. डिग्री है उन्हें छः माह का ब्रिज कोर्स अनिवार्य रूप से पूर्ण करने का निर्देश जारी किया है।

राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने पत्र में यह लिखा

शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र 16 जुलाई 2025, NCTE द्वारा जारी पब्लिक नोटिस 07 अप्रैल 2025 व NIOS द्वारा 25 नवंबर 2025 को जारी नोटिफिकेशन का हवाला दिया है। पत्र में लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय 08 अप्रैल 2024 एवं NCTE द्वारा जारी पब्लिक नोटिस 07 अप्रैल 2025 एवं NRC, NCTE द्वारा 02 जुलाई 2025 के निर्देश के अनुसार दी गई मान्यता के आधार पर, NIOS (National Institute of Open Schooling) प्राइमरी टीचर एजुकेशन में 6 महीने के सर्टिफिकेट कोर्स (ब्रिज कोर्स) के लिए रजिस्ट्रेशन पोर्टल 24 नवंबर 2025 से 25 दिसंबर 2025 तक पंजीयन हेतु उपलब्ध होगा।

ब्रिज कोर्स हेतु पात्रता एवं निर्देश

  • केवल सेवारत प्राथमिक शिक्षक जिनके पास B.Ed. डिग्री हो।
  • NCTE के नोटिफिकेशन के अनुसार, 28.जून 2018 से 11 अगस्त 2023 के मध्य नियुक्ति हुई हो ।
  • NIOS द्वारा पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के बाद एक साल के भीतर पाठ्यक्रम पूर्ण करना होगा ।
  • ब्रिज कोर्स का पाठ्यक्रम पूर्ण नहीं करने पर संबंधित शिक्षक की नियुक्ति रद्द की जा सकती है ।
  • ब्रिज कोर्स पाठ्यक्रम केवल वर्तमान नियुक्ति के लिये है इसे भविष्य की भर्ती हेतु मान्य नहीं किया जाएगा ।
  • शिक्षक को नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन NCTE के नोटिफिकेशन के अनुसार B.Ed. क्वालिफिकेशन के आधार पर नियुक्ति प्रदान की गई हो ।

ये है सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि 08 अप्रैल 2024 को अपने निर्णय के माध्यम से निम्नलिखित निर्देश जारी किए

बी.एड. डिग्री धारक बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को शिक्षा अधिकारियों द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंडों के आधार पर पहले ही नियुक्त किया जा चुका है, इसलिए हम उन्हें हटाना उचित नहीं समझते। तदनुसार, हम मानते हैं कि इस पीठ द्वारा 11 अगस्त, 2023 को दिया गया निर्णय भविष्य में लागू होगा। लेकिन यह निर्णय केवल उन उम्मीदवारों पर लागू होगा जिन्हें किसी भी न्यायालय द्वारा लगाई गई किसी भी योग्यता या शर्त के बिना नियुक्त किया गया था। जिसके अनुसार उनकी नियुक्ति उनके द्वारा दायर किए गए मामले के अंतिम परिणाम के अधीन होगी। ऐसे उम्मीदवार बिना किसी अयोग्यता के नियमित रोजगार में थे और उन्हें ऐसे विज्ञापन के माध्यम से नियुक्त किया गया था जिसमें बी.एड. को वैध योग्यता के रूप में निर्धारित किया गया था। केवल ऐसे उम्मीदवारों की सेवाओं को इस निर्णय के कारण प्रभावित नहीं किया जाएगा। हम यह स्पष्ट करते हैं कि यह लाभ केवल उन उम्मीदवारों के लिए है जिन्हें हमारे निर्णय सुनाए जाने की तिथि, 11 अगस्त, 2023 से पहले नियुक्त किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने एक साल के भीतर ब्रिज कोर्स करने की रखी है शर्त

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि ऐसे उम्मीदवारों का चयन मात्र या प्रक्रिया में उनकी भागीदारी उन्हें हमारे वर्तमान आदेश के तहत किसी लाभ का हकदार नहीं बनाएगी। इसके अलावा, बी.एड. योग्यता वाले जिन उम्मीदवारों की नियुक्तियों को हम इस निर्णय में संरक्षित कर रहे हैं, उन्हें एक ब्रिज कोर्स करना होगा। हम शिक्षा अधिकारियों को निर्देश देते हैं कि वे आज से एक वर्ष की अवधि के भीतर प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए लागू होने वाला ऐसा पाठ्यक्रम तैयार करें। यह पाठ्यक्रम केवल उन नियुक्तियों के लिए होगा जो इस आदेश के पूर्ववर्ती भाग में निर्धारित शर्तों के तहत संबंधित पदों पर केवल बी.एड. डिग्री के साथ कार्यरत हैं। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के समग्र पर्यवेक्षण में ऐसा पाठ्यक्रम तैयार करेगी। ऐसे पाठ्यक्रम के तैयार होने पर, इसकी सार्वजनिक अधिसूचना जारी की जाएगी और संबंधित उम्मीदवारों को इसमें भाग लेने के लिए एक समय सीमा भी दी जाएगी। संबंधित शिक्षा अधिकारियों द्वारा दी गई समय सीमा के भीतर किसी भी उम्मीदवार द्वारा पाठ्यक्रम में भाग लेने और उसे पूरा करने में विफल रहने पर ऐसे उम्मीदवार की नियुक्ति अमान्य हो जाएगी।

0 देशभर में लागू रहेगा सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि हम यह भी स्पष्ट करते हैं कि इस आदेश में दिए गए निर्देश केवल आवेदक राज्य तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न न्यायिक मंचों में कानून के समान बिंदु पर लंबित सभी मामलों पर लागू होंगे। उपरोक्त शर्तों के अनुसार वर्तमान आवेदन का निपटारा किया जाता है।

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