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CG Teacher Appointment Scam News: शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा: EOW, ACB करेगी जांच, व्यावसायिक शिक्षकों की भर्ती में अनियमितता की दो बड़ी जांच एजेंसी करेगी जांच

CG Teacher Appointment Scam News: प्रदेश के पीएमश्री स्कूलों में 1500 व्यवसायिक शिक्षकों की भर्ती आउटसोर्सिंग के माध्यम से की गई थी. इसमें व्यापक पैमाने पर धांधली की आशंका पर सरकार ने पूरे मामले की जांच एसीबी– ईओडब्ल्यू से कराने का निर्णय लिया है.

CG Teacher Appointment Scam News: शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा: EOW, ACB करेगी जांच, व्यावसायिक शिक्षकों की भर्ती में अनियमितता की दो बड़ी जांच एजेंसी करेगी जांच
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By Anjali Vaishnav

CG Teacher Appointment Scam News: रायपुर. छत्तीसगढ़ में व्यावसायिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. सरकार ने अब इस पूरे मामले की जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो EOW और एंटी करप्शन ब्यूरो ACB को सौंपने का निर्णय लिया है. माना जा रहा है कि एक-दो दिनों में इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी हो जाएंगे. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मुद्दे पर विशेष ध्यान दिया है. वहीं, हाल ही में स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने विभागीय समीक्षा बैठक में यह स्पष्ट किया था कि शिकायतों की जांच पुलिस एजेंसी से कराई जाएगी.

प्राथमिक जांच में अनियमितता उजागर

शुरुआती स्तर की जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हुई है और जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी भी की जा रही है. प्रदेश के पीएम श्री स्कूलों के लिए लगभग 1500 व्यावसायिक शिक्षकों की भर्ती आउटसोर्सिंग के माध्यम से कराई गई थी. इस प्रक्रिया की जिम्मेदारी छह कंपनियों को दी गई थी, जिनमें भोपाल की आइसेक्ट और लरनेट का नाम प्रमुखता से सामने आया है.

कंपनियों की जल्दबाजी और नियमों में फेरबदल

आरोप है कि भर्ती करने वाली कंपनियों ने महज एक हफ्ते में विज्ञापन जारी कर चयन प्रक्रिया पूरी कर ली. इतना ही नहीं, उन्होंने मनमाने ढंग से शैक्षणिक योग्यता के मानक बदल डाले और अपात्र उम्मीदवारों को भी सूची में शामिल कर लिया. व्यावसायिक शिक्षकों की नियुक्ति परंपरागत रूप से 11 महीने की अवधि के लिए होती है. ये शिक्षक स्कूलों में कंप्यूटर, कृषि और अन्य तकनीकी विषयों की ट्रेनिंग देते हैं. इस योजना का वित्त पोषण पूरी तरह केंद्र सरकार करती है.

अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका

चर्चा तो इस बात की भी हो रही है, इस पूरी गड़बड़ी में विभाग के कुछ अधिकारियों की संलिप्तता भी सामने आ सकती है. माना जा रहा है कि डिप्टी डायरेक्टर स्तर के अधिकारी भी जांच के घेरे में आ सकते हैं. कंपनियों और शिक्षा विभाग के अफसरों के बीच मिलीभगत की चर्चा तेज है.

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