Begin typing your search above and press return to search.

CG Takniki Vishvavidyalaya: कार्रवाई: भ्रष्टाचार और परिवारवाद के आरोप में इस विवि के रजिस्ट्रार और उनकी PHD प्रभारी पत्नी की छुट्टी

CG Takniki Vishvavidyalaya: भ्रष्टाचार और परिवारवाद के आरोप में स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलसचिव को हटा दिया गया है। वहीं उनकी पीएचडी प्रभारी पत्नी को भी हटाया गया है। छत्तीसगढ़ लोक आयोग ने इनके खिलाफ कार्यवाही की सिफारिश की थी।

CG Takniki Vishvavidyalaya: कार्रवाई: भ्रष्टाचार और परिवारवाद के आरोप में इस विवि के रजिस्ट्रार और उनकी PHD प्रभारी पत्नी की छुट्टी
X
By Radhakishan Sharma

CG Takniki Vishvavidyalaya: दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई में स्थित प्रदेश के एकमात्र तकनीकी विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (सीएसवीटीयू) में भ्रष्टाचार और परिवारवाद के आरोप में कुलसचिव डॉक्टर अंकित अरोरा और उनकी पीएचडी प्रभारी पत्नी दीप्ति वर्मा को भी हटा दिया गया है। प्रभारी कुलसचिव अंकित अरोरा को हटाते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनकी मूल पद स्थापना शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज अंबिकापुर वापस भेज दिया है। इसी तरह उनकी पत्नी दीप्ति वर्मा को भी पीएचडी विभाग की प्रभारी के पद से हटाते सीएसवीटीयू यूटीडी के कंप्यूटर साइंस विभाग में फैकल्टी के रूप में भेज दिया गया है।

एक ही दिन में जारी इन दो आदेशों ने विवि परिसर में हलचल बढ़ा दी। नए प्रभारी कुलसचिव की जिम्मेदारी यूटीडी के सहायक प्राध्यापक डॉ. अमित सिंह राजपूत को सौंपी गई है। वहीं स्थापना विभाग के डॉ. आर.एस. ठाकुर को अतिरिक्त रूप से पीएचडी प्रकोष्ठ का प्रभार दिया गया है।

जांच में यह भी सामने आया कि दिप्ती वर्मा ने संबद्धता शाखा में रहते हुए कथित तौर पर नियमों की अनदेखी की और संसाधनों की कमी वाले कॉलेजों को पैसे लेकर संबद्धता दी। छत्तीसगढ़ लोक आयोग ने इस मामले में दिप्ती वर्मा सहित पूर्व कुलपति डॉ. एमके वर्मा, पूर्व कुलसचिव डॉ. के.के. वर्मा, पूर्व कुलसचिव डॉ. डी.एन. सिरसांत और जी.आर. साहू पर कार्रवाई की सिफारिश की है। आरोपों में यह भी शामिल है कि तत्कालीन कुलसचिव डॉ. के.के. वर्मा ने अपनी बेटी दिप्ती वर्मा और दामाद डॉ. अंकित अरोरा को शासन की अनुमति के बिना ही अटैचमेंट पर सीएसवीटीयू में पदस्थ किया। फिलहाल यह मामला बिलासपुर हाईकोर्ट में लंबित है, जहां से सभी को अंतरिम स्टे मिला हुआ है।

साल 2024 में तकनीकी शिक्षा संचालनालय में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि सीएसवीटीयू में अधिकारियों के स्तर पर परिवारवाद का दखल बढ़ गया है और कई गंभीर अनियमितताएं हो रही हैं। जांच समिति ने पिछले वर्ष ही अपनी रिपोर्ट सौंपकर आरोपों को सही पाया। अनुशंसा में साफ कहा गया था कि , अंबिकापुर से अटैचमेंट पर आए डॉ. अंकित अरोरा और दिप्ती वर्मा को वापस भेजा जाए। शासन ने 21 मार्च 2024 को रिलीविंग आदेश भी भेजा, लेकिन दोनों अधिकारी लगभग दो वर्ष तक पद पर बने रहे।

शासन द्वारा भेजे गए रिलीविंग आदेशों को उस समय के कुछ अधिकारियों ने आगे नहीं बढ़ाया, जिससे कार्रवाई लंबित हो गई। यहां तक कि एक पत्र गुम या चोरी होने का मामला भी सामने आया था, जिस पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। छात्र संगठनों और आरटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार दबाव से निर्णय आया।

सीएसवीटीयू के कुलपति डॉक्टर

अरुण अरोरा ने इस संबंध में मीडिया को बताया कि शासन के निर्देश पर कार्रवाई की गई है। प्रभारी कुलसचिव डॉ. अंकित अरोरा को कार्यमुक्त कर दिया गया है और दिप्ती वर्मा को उनके मूल पद पर भेज दिया गया है। नए प्रभारी कुलसचिव के रूप में यूटीडी के सहायक प्राध्यापक को नियुक्त किया गया है।

Next Story