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CG Shiksha Vibhag News: शिक्षा विभाग का अजब-गजब: शहर के बजाय ग्रामीण क्षेत्रों का परीक्षा परिणाम आया बेहतर, जहां शिक्षकाें की भरमार वहां का परिणाम निराशाजनक...

CG Shiksha Vibhag News: 10 वीं और 12 वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम माध्यमिक शिक्षा मंडल ने जारी कर दिया है। मेरिट लिस्ट भी साथ ही जारी कर दी गई थी। मेरिट में जगह बनाने वाले स्टूडेंट हो या फिर स्कूल का परीक्षा परिणाम। दोनों ही नजरिए से देखें और आंकड़ों पर नजर डालें तो अजब-गजब परीक्षा परिणाम कहा जाए तो अचरज की बात नहीं। संसाधनों की कमी और शिक्षकों की समस्या से जूझ रहे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों ने आइना दिखाने का काम किया है। शहरी क्षेत्र के स्कूलों के आंकड़े निराशाजनक और चौंकाना वाला रहा।

CG Shiksha Vibhag News: शिक्षा विभाग का अजब-गजब: शहर के बजाय ग्रामीण क्षेत्रों का परीक्षा परिणाम आया बेहतर, जहां शिक्षकाें की भरमार वहां का परिणाम निराशाजनक...
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By Radhakishan Sharma

CG Shiksha Vibhag News: रायपुर। संसाधनों के मामले में शहरी क्षेत्र के स्कूलों का जवाब नहीं है। यही नहीं यहां शिक्षकों की भरमार भी है। थोड़ी सी जान पहचान और राजनीतिक पहुंच हो तो गांव से शहर या फिर शहर के आसपास आने में समय नहीं लगता। बोर्ड परीक्षा के परिणाम और आंकड़ें यह बता रहा है कि भरपूर संसाधन और शिक्षकों की भरमार वाले शहरी क्षेत्र के स्कूलों का परिणाम बेहद निराशाजनक रहा है। दूसरी तस्वीर एकदम चमकदार नजर आ रहा है। यह है ग्रामीण इलाकों में संचालित हो रही स्कूलें। जहां संसाधन का अभाव और शिक्षकों की कमी। इसके बाद भी बच्चों ने हार नहीं मानी और वो करके दिखाया जिसकी कल्पना विभाग के आला अधिकारी से लेकर शिक्षा से जुड़े तमाम महकमा नहीं कर सकते।

यह अजब-गजब नहीं तो और क्या है। संसाधनों की कमी से जूझ रहे ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में ना तो शिक्षक और ना ही शिक्षा की समुचित व्यवस्था। गांव के बजाय शहर और आसपास के स्कूलों में नौकरी करने की चाहत रखने वाले शिक्षकों की कमी नहीं है। इसी तरह के माइंडसेट वाले शिक्षकों के चलते गांव के स्कूलें अब भी शिक्षकों के बगैर सुना ही है। इसमें भी तुर्रा ये कि जो शिक्षक हैं उसमें से अधिकांश मालिक माइंडसेट वाले। नेटवर्क मार्केटिंग से जुड़े शिक्षकों से आप अध्ययन अध्यापन की कल्पना नहीं कर सकते। इन सबके बावजूद परीक्षा परिणाम और आंकड़े साफ बताते हैं कि गांव के स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चों ने बेहतर परिणाम लाकर दिखाया है।

0 मेरिट लिस्ट में गांव के स्कूलों के स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा

माध्यमिक शिक्षा मंडल छत्तीसगढ़ ने दसवीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम जारी करने के साथ ही मेरिट लिस्ट भी जारी कर दिया था। टाप-10 की सूची में इस बार 84 स्टूडेंट्स ने जगह बनाई । इनके बीच इस बार कड़ी प्रतिस्पर्धा भी देखने में आया है। एक नंबर के अंतर से मेधावी छात्र एक दूसरे से पिछड़ते चले गए या फिर नंबरों की बाजीगरी के कारण स्टूडेंट्स ने बाजी भी मार ली है। आंकड़ों और मेरिट सूची पर नजर डालें, अधिकांश बच्चे ग्रामीण परिवेश के हैं और गांव के स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं।

0 जशपुर,कांकेर व सुकमा के बच्चों ने बनाई जगह

दसवीं बोर्ड की टाप-10 स्टूडेंट्स की लिस्ट में जशपुर के स्टूडेंट्स ने अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ी है। टाप-10 में पहले से लेकर नौवें नंबर तक अपनी जगह बनाई है। मेरिट लिस्ट में टाप वन से लेकर टाप 10 तक ऐसी कोई जगह नहीं है जहां जशपुर के स्टूडेंट्स ने जगह ना बनाई हो। जशपुर के अलावा वनांचल के छात्रों ने भी मेरिट लिस्ट में अपनी जगह बनाने में सफलता पाई है। जशपुर,कांकेर,सरगुजा जैसे वनांचलों के अलावा मैदानी इलाके छोटे जिले के छात्रों ने भी जगह बनाई। इसमें जांजगीर-चांपा के अलावा सक्ती,बेमेतरा,बालोद व कवर्धा जैसे जिले के छात्रों ने अपनी प्रभावी उपस्थिति टाप 10 की सूची में दर्ज कराई है।

0 वनांचल के छात्र, जिन्होंने लहराया कामयाबी का परचम

  • टाप-1, कांकेर व जशपुर,
  • टाप-3, जशपुर
  • टाप-4 कांकेर
  • टाप-5 कांकेर,जशपुर,
  • टाप-6, कांकेर,सुकमा,
  • टाप-7, जशपुर,जशपुर
  • टाप-8 कांकेर,जशपुर,जशपुर,जशपुर,जशपुर,जशपुर
  • टाप-9 जशपुर,सरगुजा

0 युक्तियुक्तकरण के पीछे बड़ा कारण ये भी तो नहीं

बोर्ड परीक्षा के परिणाम के बाद राज्य शासन ने युक्तियुक्तकरण करने का फैसला लिया है। इस काम में अब तेजी आ गई है। शिक्षकों के साथ ही स्कूलों के आंकड़े भी अब सामने आ गया है। परीक्षा परिणाम के बाद युक्तियुक्तकरण की गति जिस हिसाब से बढ़ी है और स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों ने अपनी देखरेख में प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है परीक्षा परिणाम को भी बड़ा कारण माना जा रहा है।

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