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CG School News: पहली बार स्कूलों का अनोखा टेस्ट: बच्चों के साथ शिक्षक भी परखे जाएंगे, परफॉर्मेंस पर तय होगी ग्रेडिंग

Baccho Aor Shikshko Ka Test: रायपुर: राज्य शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री गुणवत्ता अभियान की शुरुआत कर दी है। मुख्यमंत्री गुणवत्ता अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में अब बच्चों के साथ शिक्षक और स्कूल का भी टेस्ट लिया जाएगा। यह पहला मौका है जब छत्तीसगढ़ के 48 हजार से ज्यादा स्कूलों में गुणवत्ता का मुल्यांकन एक नए फार्मूले से किया जाएगा।

CG School News: पहली बार स्कूलों का अनोखा टेस्ट: बच्चों के साथ शिक्षक भी परखे जाएंगे, परफॉर्मेंस पर तय होगी ग्रेडिंग
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By Chitrsen Sahu

Baccho Aor Shikshko Ka Test: रायपुर: राज्य शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री गुणवत्ता अभियान की शुरुआत कर दी है। मुख्यमंत्री गुणवत्ता अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में अब बच्चों के साथ शिक्षक और स्कूल का भी टेस्ट लिया जाएगा। यह पहला मौका है जब छत्तीसगढ़ के 48 हजार से ज्यादा स्कूलों में गुणवत्ता का मुल्यांकन एक नए फार्मूले से किया जाएगा।

टेस्ट के लिए खास प्रश्नपत्र और मूल्यांकन टूल तैयार

राज्य शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री गुणवत्ता अभियान की शुरुआत कर दी है। इसके तहत अब छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में अब बच्चों के साथ शिक्षक और स्कूल का भी टेस्ट लिया जाएगा। राज्य शैक्षणिक अनुसंधान केंद्र (SCERT) के विशेषज्ञों ने टेस्ट के लिए सवाल भी तैयार कर लिए हैं। बताया जा रहा है कि विशेषज्ञों ने इस टेस्ट के लिए खास प्रश्नपत्र और मूल्यांकन टूल तैयार किए हैं।

बच्चों के साथ शिक्षक और स्कूल का भी टेस्ट

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री गुणवत्ता अभियान के पहले तरण में टेस्ट लेने वाली टीम 6 से 8 अक्टूबर के बीच अपनी सहूलियत अनुसार स्कूलों में पहुंचेगे, जहां बच्चों से किताबें खुलवाकर पढ़वाई जाएगी। साथ ही उन्हें बोर्ड पर लिखवाया भी जाएगा, ताकि यह देखा जा सके कि वह वास्तव में पढ़-लिख सकते हैं या फिर नहीं। इतना ही नहीं बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति भी देखी जाएगी। इसके अलावा शिक्षकों के आने और जाने का समय भी देखा जाएगा। वहीं स्कूल की स्थिति की भी जांच की जाएगी।

पढ़ाई के स्तर को जांचने बने चार अलग-अलग टूल

बता दें कि पढ़ाई के स्तर को जांचने के लिए चार अलग अलग टूल बनाए गए हैं। पहली से पांचवी के लिए पहला, छठवीं से आठवी के लिए दूसरा, नवमीं से दसवीं के लिए तीसरा और ग्यारहवीं से बारहवीं के लिए चौथा। बच्चों और शिक्षकों के परफॉर्मेस पर तय होगा कि कौन सा स्कूल और कहां के बच्चे सबसे अच्छे और कहां के फिसड्डी है। इसी के आधार पर फिर उन्हें A, B, C और D ग्रेडिंग दी जाएगी।

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