छत्तीसगढ़ के सभी हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों को स्वामी आत्मानंद योजना में शामिल करना शिक्षकों को कर रहा बेचैन! जानिए क्यों लग रहा उन्हें कहीं लौट तो नहीं आएगा शिक्षाकर्मी वाले पुराने दिन
रायपुर। भले ही सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को डीएमएफ फंड वाले जिलों के सभी हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों को स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूलों में तब्दील करने जा रही हो लेकिन शिक्षकों और शिक्षक संगठनों के नेताओं को यह बेचैन कर रहा है। सोशल मीडिया में इसको लेकर टीका-टिप्पणियों का दौर शुरू हो गया है। शिक्षकों यह आशंका परेशान कर रही कि जिस लंबे संघर्ष के बाद विशेष तौर पर शिक्षाकर्मी से संविलियन हुए शिक्षकों ने अपना अधिकार प्राप्त किया है वह आत्मानंद स्कूल सिस्टम के चक्कर में गड़बड़ा न जाए। दरअसल, शिक्षकों की चिंता यह है कि यदि यह योजना लागू हो गई तो कहीं फिर से वही पुराने दिन तो नही आ जाएंगे लोकल लेवल पर वेतन की व्यवस्था होने पर दो-दो, तीन-तीन महीने वेतन नहीं मिलता था। स्वामी आत्मानंद स्कूलों में समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। इस मुद्दे पर एनपीजी न्यूज ने शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों को फोन लगाकर चर्चा की तो अमूमन सभी का ये कहना था कि स्कूल शिक्षा विभाग की हर बेहतर योजना का स्वागत है, लेकिन योजना वास्तव में शिक्षा हितैषी होनी चाहिए।
सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे से बात की। उन्होंने कहा, "देखिए शासकीय स्कूलों में भौतिक संसाधनों की कितनी कमी है और स्कूल किस जर्जर अवस्था में है वह किसी से छिपा हुआ नहीं है ऐसे में यदि डीएमएफ फंड से स्कूलों का विकास किया जाता है तो इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन हमारी चिंता अपने शिक्षक साथियों के हितों को लेकर भी है क्योंकि हमने आबंटन व्यवस्था का दंश लंबे समय तक झेला है और हमें अच्छी तरीके से यह बात पता है कि समिति के माध्यम से जब स्कूल संचालित होंगे तो वेतन व्यवस्था किस प्रकार की होगी। अभी भी खबरें आ रही हैं कि स्वामी आत्मानंद स्कूलों में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत शिक्षकों को समय पर वेतन तक नहीं मिल पा रहा है। इससे हमारे शिक्षकों में भी चिंता का होना स्वाभाविक है । सोशल मीडिया में शिक्षक जो चिंता व्यक्त करते हैं उन्हें नकारात्मकता में नहीं बल्कि सकारात्मकता में लेने की आवश्यकता है।"
संयुक्त शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष गिरजा शंकर शुक्ला ने कहा, रायगढ़ जिले के सभी हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल को आत्मानंद हिंदी माध्यम शाला में परिवर्तित किए जाने का समाचार प्राप्त हुआ है जो स्वागत योग्य है। लेकिन इसमें पदस्थ शिक्षकों की सेवा सुरक्षा यथावत बनी रहे यह जरूरी है। शिक्षकों के बिना सहमति के सेवा सुरक्षा में किसी प्रकार का बदलाव होगा तो जरूर इसका विरोध किया जाएगा।