CG शिक्षक News: सहायक प्राध्यापकों के 3 वर्ष के प्रोबेशन व मानदेय के नियम को चुनौती, शासन व यूजीसी को नोटिस
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में सहायक प्राध्यापकों की 3 वर्ष की परिवीक्षा अवधि और इस दौरान वेतन की जगह स्टाइफंड देने के नियम को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। प्रकरण पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर राज्य शासन, यूजीसी व पीएससी को नोटिस जारी किया है।
प्रकरण की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस संजय जायसवाल की डिवीजन बेंच में हुई। याचिका कर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रोहित शर्मा ने पैरवी करते हुए कोर्ट के समक्ष तर्क रखा की संविधान के 42वें संशोधन द्वारा शिक्षा को राज्य की समवर्ती सूची में 1977 से शामिल कर दिया गया है। अतः उक्त विषयों के ऊपर अगर भारतीय संसद द्वारा कोई नियम बनाया जाता है तो ऐसा नियम राज्य की विधानसभा द्वारा बनाए गए नियम व उनके अधीन बनाए गए अधिनियम पर भी लागू होते हैं।
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने बताया कि समवर्ती सूची के नियमों के अनुसार एक ही विषय पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ही नियम बना सकते हैं। पर यदि दोनों के द्वारा जब नियम बनाया जाए तो केंद्र सरकार के द्वारा बनाया गया नियम लागू होगा। राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियम के अनुसार पहले वर्ष 70% दूसरे वर्ष 80% तथा तीसरे वर्ष 90% स्टाइफंड देने व तीन वर्ष परिवीक्षा का नियम लागू है। याचिका को स्वीकार करते हुए राज्य शासन, यूजीसी और पीएसी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह कर भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।