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CG Higher Education: CG उच्‍च शिक्षा में बड़े बदलाव का ऐलान: उच्‍च शिक्षा सचिव प्रसन्‍ना ने दी जानकारी, जानिये...क्‍या-क्‍या होगा बदलाव

CG Higher Education: छत्‍तीसगढ़ सरकार ने उच्‍च शिक्षा की व्‍यवस्‍था में बड़ा बदलाव कर दिया है। राज्‍य में अब किसी भी कॉलेज में वार्षिक परीक्षा नहीं होगी। उच्‍च शिक्षा सचिव ने आज प्रेसवार्ता लेकर बदलावों की जानकारी दी।

CG Higher Education: CG उच्‍च शिक्षा में बड़े बदलाव का ऐलान: उच्‍च शिक्षा सचिव प्रसन्‍ना ने दी जानकारी, जानिये...क्‍या-क्‍या होगा बदलाव
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By Sanjeet Kumar

CG Higher Education: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में उच्‍च शिक्षा में बड़ा बदलाव किया गया है। उच्‍च शिक्षा सचिव आर प्रसन्‍ना ने बताया कि राज्‍य में इसी साल जुलाई से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू हो जाएगी। इससे परीक्षा के प्रणाली से लेकर सिलेबस और शिक्षकों की भर्ती तक में बड़ा बदलाव नजर आएगा।

राजधानी रायपुर में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए उच्‍च शिक्षा सचिव प्रसन्‍ना ने बताया कि राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में इस नीति में सतत मूल्यांकन का प्रावधान है, जिससे विद्यार्थियों के मानसिक उर्जा के साथ बौद्धिक क्षमता में भी वृद्धि होगी। सेमेस्टर आधारित पाठ्यक्रम होने के कारण विद्यार्थियों को परीक्षा का तनाव नहीं होगा। बहु-विषयक प्रणाली पर आधारित यह नीति विद्यार्थियों को उनकी इच्छानुसार दूसरे संकाय के विषयों का अध्ययन करने की स्वतंत्रता देती है। पाठ्यचर्या में भारतीय ज्ञान पद्धति के समावेश के साथ पाठपेत्तर गतिविधियों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. प्रोद्योगिकी के अनुकूलतम उपयोग पर बल दिया गया है।

जानिये... राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में क्‍या हैं मुख्य प्रावधान

  • 03/04 वर्षीय बहु-संकायी स्नातक पाठ्यक्रम
  • समस्त पाठ्यक्रम क्रेडिट पर आधारित होने के साथ ही चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के अंतर्गत होंगे।
  • 03/04 वर्षीय पाठ्यक्रम को विद्यार्थी अधिकतम 07 वर्षों में पूर्ण कर सकता है।
  • पाठ्यक्रम अवधि में विद्यार्थी “बहु-प्रवेश बहु-निकास” प्रावधान के अंतर्गत प्रथम वर्ष पूर्ण कर किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे उस संकाय के अंतर्गत ‘सर्टिफिकेट’ दो वर्ष पूर्ण कर छोड़ने पर ‘डिप्लोमा’ की उपाधि दी जाएगी एवं तृतीय वर्ष पूर्ण करने पर ‘आतक’ की उपाधि प्राप्त कर पाठ्यक्रम को छोड़ सकता है।
  • जिन विद्यार्थियों को विषय विशेष में विशेषज्ञता प्राप्त करने या शोध करने की इच्छा हो वे पाठ्यक्रम को निरंतर चौथे वर्ष में जारी
  • रख सकते हैं एवं ‘आनर्स/आनर्स विथ रिसर्च’ की उपाधि चौथे वर्ष में प्राप्त कर सकते हैं।
  • इस नीति के अंतर्गत बहु-विषयक शिक्षा, वैचारिक समझ एवं आलोचनात्मक सोच, नैतिक मूल्यों के साथ कौशल विकास को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है।
  • सतत आतंरिक मूल्यांकन में 30% अंक एवं अंत सेमेस्टर परीक्षा में 70% अंकों का प्रावधान रखा गया है. विद्यार्थी को उत्तीर्ण होने के लिए इन दोनों को मिलाकर (आतंरिक एवं अंत सेमेस्टर परीक्षा) कुल 40% प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
  • जेनेरिक एलेक्टिव के अंतर्गत कला/विज्ञान/वाणिज्य संकाय का विद्यार्थी अपने संकाय के अतिरिक्त अन्य संकाय के किसी एक विषय को अपनी इच्छानुसार ले सकता है।
  • विद्यार्थी शिक्षा के ऑनलाइन प्लेटफार्म यथा SWAYAM/MOOC में उपलब्ध पाठयक्रमों से भी विषय से संबंधित पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर सकता है।
  • स्वाध्यायी छात्रों का समयबद्ध नामांकन और सतत मूल्यांकन द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना।


Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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