CG RI Exam Scam: RI परीक्षा में गोलमाल: जांच कमेटी के चेयरमैन बोले, रिपोर्ट 2 महीने पहले सौंप दिया, जनसूचना अधिकारी ने RTI में बताया, जांच प्रक्रियाधीन...
CG RI Exam Scam: पटवारी कोटे से आरआई सलेक्शन परीक्षा में गोलमाल की खबर प्रकाशित होने पर कई अभ्यर्थियों ने एनपीजी न्यूज को मेल भेज कर सवाल उठाया कि जांच रिपोर्ट जब सार्वजनिक नहीं की गई और राजस्व विभाग के जनसूचना अधिकारी ने 29 जनवरी 2025 की डेट में लिखकर दिया है कि जांच प्रक्रियाधीन है, तो NPG.NEWS ने खबर कैसे लगा दी? इससे अब क्लियर हो गया है कि जांच रिपोर्ट को अफसरों द्वारा दबाया जा रहा है। सिकरेट्री केडी कुंजाम की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी ने दो महीने पहले जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।

CG RI Exam Scam: रायपुर। आरआई परीक्षा में बड़ा गोलमाल...शीर्षक से कल एनपीजी न्यूज में प्रकाशित खबर के बाद इस परीक्षा में सलेक्ट हुए कई अभ्यर्थियों ने मेल भेजकर खबर पर सवाल किया है कि जांच कमेटी ने रिपोर्ट जब सार्वजनिक नहीं की है...आरटीआई में भी बताया गया है कि जांच प्रकियाधीन है तो एनपीजी न्यूज ने यह कैसे लिख दिया कि जांच में गड़बड़ी पाई गई है।
कई अभ्यर्थियों ने अपने मेल में राजस्व विभाग के जनसूचना अधिकारी भूपेंद्र सिंह का जवाब भी अटैच किया है, जिसमें उन्होंने 29 जनवरी 2025 को लिखा है कि जांच प्रक्रियाधीन है, इसलिए आरटीआई में उसे उपलब्ध नहीं कराया जा सकता।
कौन सच, कौन झूठ?
एनपीजी छत्तीसगढ़ का जिम्मेदार न्यूज प्लेटफार्म है। लिहाजा, आरआई परीक्षा में गोलमाल की खबर बनाने से पहले जांच कमेटी के अध्यक्ष आईएएस केडी कुंजाम से बात की। उन्होंने स्पष्ट तौर पर बताया कि जांच रिपोर्ट दो महीने पहले राजस्व विभाग को सौंप दी गई है। जांच कमेटी के एक और मेंबर ने बताया कि रिपोर्ट दो महीने पहले जमा की जा चुकी है। इसका मतलब यह हुआ कि राजस्व विभाग जांच रिपोर्ट को दबा रहा है। उपर से अभ्यर्थियों को यह कहकर गुमराह किया जा रहा कि अभी जांच प्रक्रियाधीन है। एक तो परीक्षा में गोलमाल, दूसरा जांच रिपोर्ट दबाना...जाहिर है दाल में काला है।
साइबर जांच की सिफारिश
जांच कमेटी ने परीक्षा पूर्व एक ही जगह पर बिठाकर पेपर साल्व कराने के आरोपों की जांच के लिए रिपोर्ट में साइबर सेल से जांच कराने की सिफारिश की है।
ओएमआर शीट में मोबाइल नंबर
आरआई सलेक्शन परीक्षा के ओएमआर शीट में अभ्यर्थियों से मोबाइल नंबर लिखवाया गया। इसे सरकार के जिम्मेदार अफसर भी गंभीर चूक मान रहे हैं। मगर कई अभ्यर्थियों ने एनपीजी न्यूज को भेजे ईमेल में लिखा है कि परीक्षा के दौरान इस ओएमआर शीट पर मोबाइल नंबर लिखने पर कोई आपत्ति नहीं की गई....2108 में भी ऐसा ही हुआ था...एनपीजी हमारी मेहनत पर पानी फेरना चाहता है...। NPG.NEWS बड़ी विनम्रता से कहना चाहता है कि ईमानदारी पूर्वक परीक्षा पास कर आरआई बनने वाले लोगों को पूरा सम्मान है। एनपीजी उनलोगों को बेनकाब करना चाहता है, जो लोग गलत ढंग से परीक्षा में कामयाबी हासिल की।
दो-दो आईएएस वाली जांच कमेटी
NPG.NEWS को भेजे ईमेल में अभ्यर्थियों ने परीक्षा में किसी तरह का गोलमाल होने से साफ इंकार किया है। इसमें कोई संशय नहीं कि कुछ लोग मेहनत के जरिये परीक्षा में सफल हुए हों। मगर कुछ तो आरोपों में सच्चाई रही होगी या सरकार को महसूस हुआ होगा तभी सचिव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई। केडी कुंजाम के साथ स्कूल शिक्षा विभाग की डिप्टी सिकरेट्री को भी कमेटी में रखा गया। इसका मतलब कि सरकार इस गोलमाल को लेकर गंभीर है, और चाहती है कि इसमें कार्रवाई हो, तभी इतने वरिष्ठ अफसरों वाली जांच कमेटी बनाई गई।
NPG.NEWS ने ये खबर कल प्रकाशित की थी...
रायपुर। पीएससी के बाद पटवारी से आरआई सलेक्शन परीक्षा भी गोलमाल से बच नहीं सका। राजस्व विभाग ने परीक्षा से पहले पटवारियों को एक जगह बिठाकर उनसे प्रश्नपत्र साल्व कराया गया। आरोप है कि राजस्व विभाग के अफसरों ने 10-10 लाख लेकर पटवारियों को रेवेन्यू इंस्पेक्टर बना दिया।
ज्ञातव्य है, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासन काल में 2023 में पटवारी कोटे से आरआई सलेक्शन परीक्षा करने के लिए नोटिफिकेशन जारी हुआ था। करीब पौने दो सौ पदों के लिए पांच हजार से अधिक पटवारियों ने परीक्षा में हिस्सा लिया।
कांग्रेस शासनकाल में इस परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी हुआ था। परीक्षा 7 जनवरी 2024 को आयोजित हुई, जिसका परिणाम 29 फरवरी 2024 को आया। चूकि नई-नई सरकार थी, लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई थी, इसी दौरान फरवरी महीने के अंतिम दिन अफसरों ने रिजल्ट निकाल दिया।
पेपर लीक
परीक्षा में अपने लोगों को उपकृत करने के लिए राजस्व अधिकारियों ने नियम-कायदों को ताक में रखते हुए बड़े स्तर पर खेला किया। सबसे गंभीर अरोप यह है कि परीक्षा से पहले पेपर लीक किया गया और जिन लोगों से पैसा लिया गया था, उन्हें एक जगह बिठाकर पेपर हल कराया गया।
एक रौल नंबर कई को
दूसरा, पेपर जानबूझकर आउट ऑफ कोर्स पूछा गया ताकि बाकी पटवारी उसे हल नहीं कर सकें। यही नहीं एक ही रौल नंबर दो-दो, तीन-तीन पटवारियों को आबंटित कर दिया गया।
उत्तरपुस्तिका में मोबाइल नंबर
कमिश्नर लैंड रिकार्ड आफिस ने इस परीक्षा को आरगेनाइज किया था। अफसरों ने परीक्षार्थियों से उत्तरपुस्तिका में मोबाइल नंबर लिखवा लिया। मोबाइल नंबर लिखवाने का उद्देश्य यह था कि परीक्षा बाद पटवारियों से संपर्क कर पास करने के लिए डील की जा सके।
देश में ऐसा कोई भी परीक्षा नहीं होती, जिसमें आंसर शीट पर मोबाइल नंबर लिखा जाता हो। अगर परीक्षार्थी की पहचान उजागर हो गई तो फिर परीक्षा की गोपनीयता का मतलब क्या रहा।
जांच का आदेश
आरआई चयन परीक्षा में पटवारियों से पैसे लेकर पास करके रेवेन्यू इंस्पेक्टर बनाने की उच्च स्तर तक शिकायतें हुई। विष्णुदेव सरकार ने इस घोटाले की जांच का आदेश दिया। सचिव स्तर के आईएएस केडी कुंजाम की अध्यक्षता में सरकार ने जांच कमिटी बनाई।
फिर से परीक्षा आयोजित करने सिफारिश
जांच कमेटी ने आरआई चयन परीक्षा में कई सारी खामियों की तरफ इशारा करते हुए फिर से परीक्षा आयोजित करने का सुझाव दिया था। कमेटी ने परीक्षा पूर्व एक ही जगह पर सभी उतीर्ण पटवारियों को एक जगह इकठ्ठा कर पेपर साल्व कराने के आरोप को गंभीर माना था। तथा इसकी साइबर सेल से जांच कराने की अनुशंसा की थी।
जांच कमेटी के चेयरमैन बोले...
एनपीजी न्यूज ने जांच कमेटी के चेयरमैन केडी कुंजाम से बात की। उन्होंने कहा कि मैं चुनाव पर्यवेक्षक बनकर रायगढ़ आया हूं। दोबारा परीक्षा कराने की सिफारिश के सवाल पर कुंजाम ने कहा कि दो महीने पहले हमने रिपोर्ट सौंप दी है, इसलिए मुझे उतना याद नहीं। हां, ये अवश्य कहा गया था कि कुछ कमियां हैं, उन्हें दूर करनी चाहिए।
राजस्व विभाग ने दबा दिया रिपोर्ट
आरआई सलेक्शन परीक्षा घोटाले की जांच को राजस्व विभाग के अधिकारियों ने दबा दिया है। जांच कमेटी ने दिसंबर में रिपोर्ट सौंपी और अब फरवरी आ गया, दो महीने से जांच रिपोर्ट राजस्व विभाग की अलमारियों में दबी हुई है। बताते हैं, प्रमोशन परीक्षा घोटाले में कुछ आईएएस अधिकारियों के नाम आ रहे हैं, इसलिए उन्हें बचाने के लिए सिस्टम जांच रिपोर्ट पर पर्दा डालने में जुट गया है।