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CG Education Minister Meeting: मंत्री को गुस्सा क्यों आया: अटैचमेंट को लेकर मंत्री की सख्ती आई सामने, पढ़िए इनसाइड स्टोरी…

CG Education Minister Meeting: स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव गुरुवार को एक दिवसीय प्रवास पर बिलासपुर पहुंचे थे। संभागीय बैठक में विभाग के अधिकारियों से सीधेतौर पर रु-ब-रू हुए। इस दौरान संभागभर के स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद थे। मीटिंग की शुरुआत में अटैचमेंट को लेकर जैसे उन्होंने तेवर दिखाए,इससे साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में राज्य शासन के स्पष्ट दिशा निर्देश के बाद भी जिन अधिकारियों ने यह खेला किया है, निपटेंगे। मीटिंग के दौरान कोटा बीईओ मंत्री के टारगेट में आए। अगर बेहोश नहीं हुए होते कई बीईओ ओर डीईओ निपट गए होते। पढ़िए स्कूल शिक्षा मंत्री की मीटिंग की इनसाइड स्टोरी। विभाग के आला अफसरों की धड़कनें क्यों बढ़ी हुई है। कार्रवाई को लेकर किस तरह चर्चा छिड़ी हुई है।

CG Education Minister Meeting: मंत्री को गुस्सा क्यों आया: अटैचमेंट को लेकर मंत्री की सख्ती आई सामने, पढ़िए इनसाइड स्टोरी…
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By Radhakishan Sharma

CG Education Minister Meeting: बिलासपुर। स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव गुरुवार को एक दिवसीय प्रवास पर बिलासपुर पहुंचे थे। संभागीय बैठक में विभाग के अधिकारियों से सीधेतौर पर रु-ब-रू हुए। इस दौरान संभागभर के स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद थे। मीटिंग की शुरुआत में अटैचमेंट को लेकर जैसे उन्होंने तेवर दिखाए,इससे साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में राज्य शासन के स्पष्ट दिशा निर्देश के बाद भी जिन अधिकारियों ने यह खेला किया है, निपटेंगे। मीटिंग के दौरान कोटा बीईओ मंत्री के टारगेट में आए। अगर बेहोश नहीं हुए होते कई बीईओ और डीईओ निपट गए होते। पढ़िए स्कूल शिक्षा मंत्री की मीटिंग की इनसाइड स्टोरी। विभाग के आला अफसरों की धड़कनें क्यों बढ़ी हुई है। कार्रवाई को लेकर किस तरह चर्चा छिड़ी हुई है।

स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव गुरुवार को एक दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर पहुंचे थे। मीटिंग हॉल में स्कूल शिक्षा संभाग के अंतर्गत आने वाले जिलों के अधिकारी बैठे हुए थे। राज्य शासन की मनाही के बाद भी शिक्षा विभाग में चल रहे अटैचमेंट के खेला को लेकर उनका गुस्सा फूटा। प्रदेश के अमूमन सभी जिलों में शिक्षा विभाग के अधिकारी अटैचमेंट का जमकर खेल, खेल रहे हैं। शिकायत और बीमारी सबसे बड़ा जरिया बन गया है। शिक्षा मंत्री तक यह बात पहुंची। पूरे मीटिंग के दौरान संलग्नीकरण को लेकर उनका गुस्सा रह-रह कर फूट रहा था। मंत्री के गुस्से का शिकार कोटा बीईओ बन गए। राज्य सरकार के नियमों की खुलेआम अवहेलना से नाराज मंत्री ने सीधे अटैचमेंट को लेकर सवाल किया। कोटा बीईओ से पूछे कितने अटैचमेंट किया है। बीईओ ने कहा एक, झूठ बोलने से नाराज मंत्री का गुस्सा फूट पड़ा, बस एक ही या और भी। आगे मुझे बताना पड़ेगा या फिर कुछ बताएंगे। हड़बड़ाए बीईओ ने कहा तीन, मंत्री भड़क गए, फाइल लहराई और बोले आगे और भी है, मैं बताऊं क्या। बगल में बैठे डीपीआई बोले ऐसे अधिकारी को तो सस्पेंड कर देना चाहिए। मंत्री ने कहा सस्पेंड कर दीजिए। बस फिर क्या था, गड़बड़ी और झूठ पकड़े जाने से थर्राए बीईओ गश खाकर गिर पड़े। उनका बेहोश होना था कि कई बीईओ सस्पेंड होने से बच गए और कई डीईओ की क्लास लगनी थी वो भी साफ बच गए। पूरे मीटिंग के दौरान मंत्री का फोकस कामकाज की सख्ती और अटैचमेंट पर ही नजर आया। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसका असर भी दिखाई देगा। चर्चा तो इस बात की भी हो रही है कि अटैचमेंट के खेला में कई बीईओ और डीईओ निपटेंगे।

शिकायत और बीमारी का बहाना

युक्तियुक्तकरण के दौरान जिन शिक्षकों ने ज्वाइनिंग नहीं दी थी या जिन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, उन शिक्षकों को बीमारी के बहाने मनचाहे स्कूलों में अटैचमेंट का खेल किया जा रहा है। ऐसे शिक्षक भी हैं जिन्हें निलंबन के बाद बहाली और फिर मनचाहे स्कूल में पदस्थापना दी जा रही है। बीईओ और डीईओ मिलकर खेल कर रहे हैं।

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