CG ACB Raid: ट्रेप के बाद रेड: रिश्वतखोर इंजीनियरों की रंगे हाथ गिरफ्तारी के बाद अब ठिकानों पर ACB की रेड...
CG ACB Raid: रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार सहायक अभियंता व उप अभियंता के ठिकानों पर अदालत से सर्च वारंट लेकर जांच कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ है कि रंगे हाथों की गिरफ्तारी के बाद आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी जांच की जा रही है।
CG ACB Raid: कोरबा। छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो रिश्वतखोर अफसर, कर्मियों के खिलाफ एक्शन मोड में है। अब रंगे हाथों रिश्वत लेने पकाड़ने के बाद रिश्वतखोर अफसर–कर्मियों के ठिकानों पर भी आए से अधिक संपत्ति की जांच हेतु रेड डाली जाएगी। इसकी शुरुआत कोरबा में रिश्वतखोर सहायक अभियंता व उप अभियंता की गिरफ्तारी के बाद हो चुकी है। कल दोनों अफसर को रिश्वत लेते रंगे हाथों की गिरफ्तार करने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने अदालत से सर्च वारंट ले दोनों के ठिकानों पर भी रेड मारी है।
कोरबा नगर निगम में रिश्वतखोरी की शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो की 9 सदस्यीय टीम कल कोरबा पहुंची थी। यहां ढोढ़ीपारा निवासी प्रार्थी मानक राम साहू ने रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। ढोढ़ीपारा निवासी मानक राम साहू पूर्व में वार्ड क्रमांक 15 से कांग्रेस का पार्षद रह चुका है। एल्डरमैन की जवाबदारी भी उसने संभाली है। दोबारा पार्षद का चुनाव हारने के बाद वह नगर निगम में ठेकेदारी करने लगा था। नगर निगम कोरबा में पार्षद मद से उसने नाली, सीसी रोड, गार्डन और बाउंड्री वॉल का कार्य करवाया था। यह कार्य 50 लाख से अधिक का था। इसके अंतिम किस्त की भुगतान 21 लाख रुपए उसे लेना था। पर असिस्टेंट इंजीनियर डीसी सोनकर और सब इंजीनियर देवेंद्र स्वर्णकार काम पूरा होने की 6 माह बाद भी उसे घुमा रहे थे। तीन माह पहले बिल बनाया पर भुगतान के लिए घुमा रहे थे। भुगतान की आवाज में दो प्रतिशत की कमीशन मांग रहे थे। इससे प्रार्थी मानक राम साहू परेशान हो चुका था सामग्री खरीदी में भी उसका काफी पैसा लग चुका था। उसने इंटीग्रेशन ब्यूरो बिलासपुर के दफ्तर में इसकी शिकायत की। शिकायत की पुष्टि के बाद कल रंगे हाथों दोनों को पकड़ा गया।
ब्यूरो की 9 सदस्यीय टीम कल कोरबा पहुंची। मानक राम साहू रिश्वत की राशि लेकर डीसी सोनकर से मिलने पहुंचा। सोनकर ने उक्त राशि दर्री जोंन कार्यालय में पदस्थ सब इंजीनियर देवेंद्र स्वर्णकार को देने के लिए कहा। प्रार्थी मानक राम साहू इस राशि को लेकर दर्री जोन कार्यालय पहुंचा। देवेंद्र स्वर्णकार ने घूस की राशि रख ली। तत्काल जोन कार्यालय के बाहर खड़ी। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने कार्यालय के भीतर घुस कर देवेंद्र स्वर्णकार को पकड़ लिया। उनके पास रिश्वत की राशि बरामद की और देवेंद्र स्वर्णकार के हाथ केमिकल युक्त पानी से धुलवाए गए। एसीबी ने पूछताछ के लिए देवेंद्र को हिरासत में लिया और दूसरी टीम ने डीसी सोनकर को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को दर्री जोन कार्यालय में बैठा कर एसीबी की टीम ने कई घंटे पूछताछ की।
गिरफ्तारी के बाद देर शाम को ही अदालत से सर्च वारंट लिया गया। इसके बाद आज बुधवार की सुबह एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने उनके निवास समेत अन्य ठिकानों में छापेमारी की। छापेमारी के लिए बिलासपुर से भी एक एंटी करप्शन ब्यूरो के अफसर कोरबा पहुंचे है। सहायक अभियंता डीसी सोनकर और उप अभियंता देवेंद्र स्वर्णकार के निवास में आज रेड की कार्रवाई की गई है। रिश्वतखोरी कर आय से अधिक संपत्ति जुटाने की संभावना पर दोनों के निवास समेत अन्य ठिकानों पर जांच एसीबी की टीमें कर रहीं हैं। जांच के बाद पूरा खुलासा एसीबी की टीम करेगी।
रंगे हाथों गिरफ्तारी के बाद रेड का पहला मामला:–
अब तक देखने में यह आता था कि या तो आए से अधिक संपत्ति के मामले में सर्च वारंट जुटा रेड की कार्यवाही की जाती थी। या फिर रिश्वत मांगने वालों को ट्रैप कर देंगे हाथों पकड़ा जाता था। पर आईपीएस अमरेश मिश्रा के एसीबी व ईओडब्ल्यू प्रमुख बनने के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि जिन अफसर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया उनके ठिकानों पर भी आय से अधिक संपत्ति की आशंका पर रेड की गई है। अब तक रिश्वत लेने वाले अफसर व कर्मचारियों की गिरफ्तारी कर उन्हें रिमांड में जेल भेज दिया जाता था। उसके बाद रंगे हाथों पकड़ाने के मामले में ही कार्रवाई होती थी और चालान पेश होता था। पर एसीबी चीफ की भ्रष्टाचारियों से सख्ती से निपटने के निर्देशों के चलते अब रंगे हाथों पकड़ाने के तत्काल बाद आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी जांच की जा रही है। ऐसे में प्रदेश में भ्रष्ट अफसर व कर्मियों की मुश्किलें आईपीएस अमरेश मिश्रा के इस कठोर कदम से बढ़नी तय मानी जा रही है।
रिश्वत मांगने की कई शिकायतें, कुछ दिन पहले ही तबादला:–
नगर निगम में भुगतान के बदले रिश्वत मांगने की कई शिकायतें हैं। बिल पास करने की आवाज में कमीशन मांगने के चलते ठेकेदारों ने लामबंदी भी की थी लेकिन किसी भी मामले में अब तक कार्यवाही नहीं हुई और ठेकेदार भुगतान के लिए चक्कर लगा रहे हैं। सहायक अभियंता डीसी सोनकर कोरबा का ही रहने वाला है। वह पहले कोरबा और टीपी नगर जोन में ही पदस्थ रहा था। लगातार शिकायत होने के वजह से कुछ दिन पहले ही उसे दर्री जोन भेजा गया था।
इन दो भ्रष्ट अफसरों के अलावा एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम भ्रष्टाचार में और कौन-कौन शामिल है इसकी भी जांच कर रही है। रिश्वत की रकम में किसका किसका हिस्सा था इसकी पड़ताल की जा रही है। मामले में दोनों आरोपियों से पूछताछ कर जानकारी जुटाई रही है। नाम सामने आने पर अन्य पर भी कार्यवाही की जाएगी।