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CBSE in Chhattisgarh: फीस से लेकर पुस्तक, यूनिफार्म के नाम पर जेब काटने वाले प्रायवेट स्कूलों का परफार्मेंस रहा फीसड्डी, छत्तीसगढ़ CBSE रिजल्ट में 33वें नंबर पर...

CBSE in Chhattisgarh: सीबीएसई के दसवीं, बारहवीं के नतीजे छत्तीसगढ़ के लिए बेहद शर्मनाक रहा। छत्तीसगढ़ देश का दसवां बड़ा राज्य है। मगर सीबीएसई के नतीजों में 30वें से भी नीचे रहा।

CBSE in Chhattisgarh: फीस से लेकर पुस्तक, यूनिफार्म के नाम पर जेब काटने वाले प्रायवेट स्कूलों का परफार्मेंस रहा फीसड्डी, छत्तीसगढ़ CBSE रिजल्ट में 33वें नंबर पर...
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By Gopal Rao

CBSE in Chhattisgarh: रायपुर। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल याने सीबीएसई ने 2014 के दसवीं, बारहवीं बोर्ड के नतीजे घोषित कर दिए। इसमें छत्तीसगढ़ का परफार्मेंस बड़ा पुअर रहा है। रिजल्ट के मामले में देश के कई छोटे राज्य छत्तीसगढ़ से आगे निकल गए हैं। कह सकते हैं कि छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों की स्थिति नाजुक है ही, प्रायवेट स्कूलों की स्थिति भी बेहतर नहीं।

सीबीएसई के रिजल्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ से दसवीं में 89.91 फीसदी और बारहवीं में 79.69 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए हैं। यह राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है। नेशनल औसत की दृष्टि से छत्तीसगढ़ के विद्यार्थी दसवीं में 3.69 फीसदी और बारहवीं में 8.29 प्रतिशत पीछे है। आलम यह कि देश के 38 राज्यों और यूटी याने केंद्र शासित प्रदेशों में छत्तीसगढ़ दसवीं में 31वें और बारहवीं में 33वें स्थान पर आ गया है।

बता दें, छत्तीसगढ़़ से बारहवीं की परीक्षा में 30538 विद्यार्थी शरीक हुए थे। इनमें 24335 उतीर्ण हुए हैं। वहीं, दसवीं में परीक्षा 36429 विद्यार्थी शरीक हुए थे, उनमें 32752 सफल रहे।

मोटी फीस और रिजल्ट?

छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों की स्थिति क्या है, ये बताने की जरूरत नहीं। सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी अपने बच्चों को प्रायवेट स्कूलों में पढ़ाना पसंद नहीं करते। एक तो स्कूलों का प्रदर्शन पुअर और दूसरा स्टेट्स सिंबल। महंगे और चकाचौंध कल्चर वाले स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना अपने देश में शगल बन गया है। चूकि प्रायवेट स्कूल क्रेज बन गया है, इसलिए वे इस नाम का पैसा भी वसूलते हैं। जितने बड़े स्कूल, नखरे उतने ही ज्यादा। मोटी फीस, बस में ट्रांसपोर्टेशनके नाम पर लूट। फिर कॉपी-किताबें, यूनिफार्म में कमीशन। अधिकांश प्रायवेट स्कूलों ने किताब से लेकर यूनिफार्म का एक ही व्यापारी को ठेका दे देता है। वे चीजें सिर्फ वहीं मिलेंगी। इसके लिए स्कूलों को मोटी कमीशन मिलती है। लेकिन, पढ़ाई का लेवल देखिए...सीबीएसई में देश का दसवां बड़ा राज्य 30 से नीचे नंबर पर खिसक गया है।

साढ़े छह हजार से अधिक स्कूल

छत्तीसगढ़ में साढ़े छह हजार से अधिक प्रायवेट स्कूल हैं। और लगभग सभी स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम हैं। हालांकि, पिछली भूपेश बघेल सरकार ने चुनिंदा सरकारी स्कूलों में भी सीबीएसई कोर्स चालू करने पर विचार किया था। मगर बाद में आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल का कंसेप्ट आ गया तो सीबीएसई वाला मामला पीछे चला गया। फिर भी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों के नतीजे काफी अच्छे रहे हैं। वैसे भी छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के दसवीं, बारहवीं के नतीजे सीबीएसई से बेहतर रहे हैं।

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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