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Bilaspur High Court News: बड़ी खबर: लेक्चरर की निजी जानकारी आरटीआई के तहत सार्वजनिक करने पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, सचिव स्कूल शिक्षा सहित आधा दर्जन अधिकारियों को नोटिस जारी...

Bilaspur High Court News: हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में सूचना के अधिकार RTI के तहत एक लेक्चरर की निजी जानकारी को सार्वजनिक करने पर अंतरिम रोक लगा दी है। जस्टिस पीपी साहू ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सहित आधा दर्जन अधिकारियों और आरटीआई के तहत जानकारी मांगने वाले आवेदनकर्ताओं को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

Bilaspur High Court News: बड़ी खबर: लेक्चरर की निजी जानकारी आरटीआई के तहत सार्वजनिक करने पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, सचिव स्कूल शिक्षा सहित आधा दर्जन अधिकारियों को नोटिस जारी...
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court News: बिलासपुर। हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में सूचना के अधिकार RTI के तहत एक लेक्चरर की निजी जानकारी को सार्वजनिक करने पर अंतरिम रोक लगा दी है। जस्टिस पीपी साहू ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सहित आधा दर्जन अधिकारियों और आरटीआई के तहत जानकारी मांगने वाले आवेदनकर्ताओं को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

बीईओ के आदेश को चुनौती देते हुए लखेश्वर राजवाड़े ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी एवं अपूर्वा पांडेय के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता लखेश्वर प्रसाद राजवाड़े ने अपनी याचिका में बताया है कि वह संस्कृत विषय के व्याख्याता हैं, छिंदपुर, कटघोरा, जिला कोरबा में पदस्थ हैं। उनकी निजी सेवा संबंधी जानकारी को सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत विजय महंत बलौदा, जांजगीर चांपा, यज्ञ कुमार यादव, कोरबा, जिला- कोरबा एवं विजय (बादल) दुबे मांग कर रहे थे। इस दौरान उसने जानकारी सार्वजनिक करने के संबंध में बीईओ को अपनी सहमति नहीं दी। असहमति जताने के बाद भी बीईओ कटघोरा, जिला कोरबा, जो लोक सूचना अधिकारी भी हैं, उन्होंने प्राचार्य, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छिंदपुर, कटघोरा, कोरबा को निर्देशित कर दिया कि याचिकाकर्ता की निजी जानकारी प्रदान की जाए।

याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता मतीन सिद्धीकी ने कहा कि वर्ष 2023 से विभिन्न लोगों द्वारा बार बार आरटीआई के तहत याचिकाकर्ता की सेवा पुस्तिका, शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र,जाति प्रमाण पत्र,अनुभव प्रमाण पत्र व निवास प्रमाण पत्र की जानकारी मांग रहे थे। याचिकाकर्ता की निजी जानकारी मांगने के पीछे आवेदनकर्ताओं का निजी स्वार्थ छिपा हुआ है। याचिकाकर्ता को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से सूचना के अधिकार अधिनियम में दी गई शक्तियों का दुरुपयोग करने की मंशा प्रतीत होती है।

अधिवक्ता सिद्दीकी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिया हवाला

अधिवक्ता सिद्धीकी ने सुप्रीम कोर्ट के गिरीश आर. देशपांडे बनाम सीआईसी के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि कर्मचारी की सेवा से संबंधित विवरण व्यक्तिगत सूचना की श्रेणी में आता है, जिसका जनहित से कोई सीधा संबंध नहीं है। सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 8 (1) (j) ऐसे मामलों में निजता की रक्षा करती है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सिंगल बेंच के समक्ष अनुरोध करते हुए कहा कि 'जॉन डो (अशोक कुमार)' प्रकार का निषेधाज्ञा आदेश पारित किया जाए, जिससे न केवल नामित निजी प्रतिवादियों बल्कि अन्य अज्ञात व्यक्तियों को भी याचिकाकर्ता की निजी जानकारी प्रकाशित या प्रसारित करने से रोका जा सके।

हाई कोर्ट ने लगाई अंतिरम रोक, जारी किया नोटिस

मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने निजी सेवा संबंधी जानकारी को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत सार्वजनिक किए जाने पर अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, लोक शिक्षण संचालनालय (DPI), मुख्य सूचना आयुक्त, छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग, जिला शिक्षा अधिकारी सह प्रथम अपीलीय प्राधिकारी लोक सूचना प्राधिकारी जिला कोरबा, विकास खंड शिक्षा अधिकारी सह लोक सूचना अधिकारी, ब्लॉक कटघोरा, जिला कोरबा, प्राचार्य, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, छिंदपुर, कटघोरा, जिला- कोरबा को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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