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Bilaspur High Court News: शिक्षकों के लिए हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: 2019 में भर्ती होने वाले शिक्षकों को मिलेगा पूरा वेतन, 3 साल परिवीक्षा अवधि में स्टाइपेंड का नियम कोर्ट ने किया रद्द

Bilaspur High Court News:– बिलासपुर हाई कोर्ट का यह फैसला वर्ष 2019 से नौकरी करने वाले शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है, वर्ष 2019 में शिक्षा विभाग के अंतर्गत भर्ती किए गए 14580 शिक्षकों को ज्वाइनिंग तिथि से पूर्ण वेतन प्रदान किया जाएगा। हाई कोर्ट ने परिवीक्षा अवधि में तीन सालों तक स्टाइफंड देने के विभाग के नियम को रद्द कर दिया है।

Bilaspur High Court News: शिक्षकों के लिए हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: 2019 में भर्ती होने वाले शिक्षकों को मिलेगा पूरा वेतन, 3 साल परिवीक्षा अवधि में स्टाइपेंड का नियम कोर्ट ने किया रद्द
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court News: बिलासपुर। वर्ष 2019 में शिक्षा विभाग के अंतर्गत भर्ती किए गए 14580 शिक्षकों को ज्वाइनिंग तिथि से पूर्ण वेतन प्रदान किया जाएगा। परिवीक्षा अवधि में तीन सालों तक स्टाइफंड देने के विभाग के नियम को हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। दरअसल 2019 में भर्ती विज्ञापन जारी होने के बाद वर्ष 2020 में पूर्ण वेतन की जगह तीन साल तक स्टाइफंड देने की नीति लागू की गई थी। इसके खिलाफ चयनित अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर बताया था कि जब भर्ती विज्ञापन जारी किया गया तब उसमें इस नियम का उल्लेख नहीं था। राज्य शासन ने इस नियम को बाद में जोड़ दिया। इस आदेश के चलते वर्ष 2019 के विज्ञापन के आधार पर नियुक्त 14 हजार से ज्यादा शिक्षकों को लाभ प्राप्त होगा

9 मार्च 2019 को सहायक शिक्षक, शिक्षक, सहायक शिक्षक विज्ञान, लेक्चरर के कुल 14580 पदों की भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया था। 14 जुलाई 2019 से 25 अगस्त 2025 तक इसके लिए भर्ती परीक्षा ली गई। भर्ती हेतु बेरोजगार अभ्यर्थियों के अलावा पूर्व से अन्य विभागों में शासकीय नौकरी कर रहे कर्मचारियों ने भी आवेदन दिया था। ज्वाइनिंग के समय वर्ष 2020 में सरकार ने 28–29 जुलाई 2020 को नया सर्कुलर जारी कर दिया।

नए सर्कुलर के अनुसार शिक्षकों को पूर्ण वेतन की वजह 3 साल की परिवीक्षा अवधि में पहले साल 70% दूसरे साल 80% वही तीसरे साल 90% स्टाइफंड प्रदान किया जाएगा। 2020 में ले गए इस नियम को शिक्षकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। अपनी याचिका में उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में बनाए गए इस नियम को वर्ष 2019 के जारी वैकेंसी के लिए लागू नहीं किया जा सकता। क्योंकि वर्ष 2019 में जारी वैकेंसी की शर्तों में इस नियम का उल्लेख नहीं था।

याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इस नियम को अवैधानिक मानते हुए रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने इस संबंध में 61 पेज का विस्तृत फैसला दिया। जारी आदेश के अनुसार वर्ष 2019 के विज्ञापन के आधार पर भर्ती होने वाले सभी शिक्षकों और व्याख्याताओं को पूरा वेतन प्रदान करने के निर्देश दिए गए है। उन्हें एरियर्स के रूप में यह राशि प्रदान की जाएगी। वही दूसरे विभागों से भी इस्तीफा देकर शिक्षा विभाग में ज्वाइन करने वाले शिक्षकों को पे प्रोटेक्शन FR 22– B (1) के तहत पुरानी नौकरी की सैलरी को सुरक्षित किया जाएगा। इससे शिक्षकों को काफी आर्थिक लाभ मिलेगा।

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