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सीयू की बड़ी खबर: ''महिमा गुरु'' पीठ की स्थापना को यूजीसी से मिली मंजूरी, 39 साल में पहली बार पीठ, वीसी प्रो. चक्रवाल के प्रयास दिखाने लगे रंग

सीयू की बड़ी खबर: महिमा गुरु पीठ की स्थापना को यूजीसी से मिली मंजूरी, 39 साल में पहली बार पीठ, वीसी प्रो. चक्रवाल के प्रयास दिखाने लगे रंग
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By NPG News

बिलासपुर, 7 अप्रैल 2022। गुरू घासीदास विश्वविद्यालयकेन्द्रीय को 10 मार्च, 2022 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की 556वीं बैठक में ''महिमा गुरु'' पीठ की स्थापना को मंजूरी दी गई। 5 अप्रैल को यूजीसी के संयुक्त सचिव डॉ. जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने पत्र के माध्यम से गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में ''महिमा गुरु'' पीठ स्थापना की सूचना जारी की गई।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अपने आधिकारिक ट्विटर हेंडल से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में महिमा गुरु पीठ की स्थापना को मंजूरी दिये जाने का स्वागत किया। ट्विटर के माध्यम से मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय में पीठ की स्थापना से मानवीय दर्शन पर उच्च अध्ययन और शोध को प्रोत्साहित किये जाने में सहायता मिलेगी। साथ ही सांस्कृतिक और साहित्यिक चेतना को फिर से जगाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रबुद्ध एवं दूरदर्शी साहित्यकार को यह उचित श्रद्धांजलि है।

कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने यूजीसी एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को धन्यवाद प्रदान करते हुए महिमा गुरु पीठ स्थापना पर हर्ष व्यक्त किया है। उनके सक्रिय, सकारात्मक एवं सजृनात्मक प्रयासों के परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय में निरंतर अकादमिक, शोध, अनुसंधान एवं नवाचार के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संपूर्ण स्वरूप में क्रियान्वयन तथा पाठ्येत्तर गतिविधियों में विकास हुआ है।

कुलपति प्रो. चक्रवाल के सक्षम नेतृत्व एवं कुशल मार्गदर्शन में अल्पावधि में यह महिमा गुरु पीठ की मंजूरी प्राप्त हुई है। इस पीठ की स्थापना के लिए विश्वविद्यालय द्वारा दिसंबर 2021 में विश्वविद्यालय आनुदान आयोग को प्रस्ताव भेजा गया था। कुलपति के सतत प्रयासों एवं सक्रियता के फलस्वरूप 2009 में केन्द्रीय विश्वविद्यालय में उन्नयन के पश्चात यह पहला अवसर है जब महिमा गुरु पीठ की स्थापना की मंजूरी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रदान की गई है।

''महिमा गुरु'' पीठ की स्थापना का उद्देश्य 19वीं सदी की दूसरे दशक में भारतीय पुर्नजागरणकाल में आध्यात्म की प्रकृति एवं आधुनिक विशेषताओं पर समग्र अध्ययन एवं शोध को संपादित करना है। महिमा धर्म एवं उनके समतुल्यों का तुलनात्मक अध्ययन, पंथ एवं साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन, महिमा धर्म एवं उसके प्रभाव की सामाजिक एवं ऐतिहासिक भूमिका, शोध लेख एवं शोध पत्र प्रकाशन, महिमा धर्म का सामाजिक प्रभाव, वेबिनार एवं सेमीनार का आयोजन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बिलासपुर के समीप रायगढ़ जिले में स्थित सत्य महिमा आश्रम महिमा गुरु के आध्यात्म, संस्कृति एवं सामाजिक जागृति के मूल्यों को आज भी सक्रियता के साथ प्रसारित कर रहा है।

महिमा धर्म का महिमा स्वामी द्वारा ओडिशा, छत्तीसगढ़ एवं आंध्र प्रदेश के विशेष जनजातीय क्षेत्रों में प्रचार प्रसार किया। इस क्षेत्र में मानव सभ्यता के विकास से जुड़े हुए अहम अध्ययन और साहित्य उपलब्ध हैं जिनका संधारण आवश्यक है। महान साधक महिमा स्वामी ने 12 वर्षों का ओडिसा के भुवनेश्वर के पहाड़ों एवं गुफाओं में साधना की। महिमा स्वामी के प्रसिद्ध शिष्य श्री भीमा भोई जी ने गुरु जी की शिक्षाओं को विभिन्न माध्यम से आम लोगों तक पहुंचाया।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा महिमा गुरु पीठ को मंजूरी प्रदान किये जाने से संपूर्ण विश्वविद्यालय परिसर में हर्ष एवं आनंद का वातारण है।



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