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Yuktiyuktkaran: कैंसर पीड़ित शिक्षक भी हो गया अतिशेष, 250 किलोमीटर दूर तबादले की तैयारी

Yuktiyuktkaran: शिक्षा विभाग में तैनात अफ़सरों की लापरवाही कहें या फिर संवेदनहीनता. ज़िन्दगी और मौत से जूझ रहे एक शिक्षक को अतिशेष की क़तार में खड़ा कर दिया है. अचरज की बात ये कि आज उनकी काउंसलिंग भी होनी है. शिक्षक साझा मंच ने विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्करण का विरोध करते हुए तत्काल निरस्त करने की माँग की है.

Yuktiyuktkaran: कैंसर पीड़ित शिक्षक भी हो गया अतिशेष, 250 किलोमीटर दूर तबादले की तैयारी
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By Chitrsen Sahu

Yuktiyuktkaran: रायपुर. युक्तियुक्तकरण की आड़ में शिक्षा अधिकारियों ने क्या कुछ नहीं किया है. चार बीईओ सस्पेंड हो चुके हैं. अतिशेष की सूची में शिक्षकों के नाम को शामिल करने ना करने को लेकर अब भी गुपचुप तरीके से खेल चल ही रहा है. ऐसे ही एक गंभीर मामला सामने आया है. कैंसर से जूझ रहे एक शिक्षक को अतिशेष की सूची में डाल दिया गया है. युक्तियुक्तकरण के नाम से शिक्षा विभाग ने मानवीय मूल्यों का एक तह से पतन कर दिया है.



विभाग के अधिकारियों ने केंसर जैसे गम्भीर बीमारी से ग्रसित शिक्षक को भी नहीं बक्सा रहे हैं। 2021 से कैंसर जैसे गम्भीर बीमारी से जूझ रहे शिक्षक अशोक कुमार निषाद माध्यमिक शाला तराई बेड़ा विकास खण्ड केशकाल में पदस्थ हैं. 2021 से कैंसर बीमारी से पीड़ित है। एक बार इनका ऑपरेशन हो चुका है. दूसरा ऑपरेशन होना है। मुँह में कैंसर होने से तरल पदार्थों का ही सेवन भोजन के रूप में कर रहे है।

नियमों की उड़ाई धज्जियाँ, बीमारी की भी नहीं की परवाह

अधिकारियों ने नियमों की भी धज्जी उड़ा दी है. अचरज की बात है कि गणित विषय के शिक्षक होने के कारण केशकाल ब्लाक से एक मात्र शिक्षक निषाद को ही अतिशेष की श्रेणी में लाया गया है. जिनकी काउंसलिग आज जगदलपुर में होनी है।

250 किलोमीटर पदस्थापना की तैयारी

आज काउंसलिंग होनी है. जानकारी के अनुसार इनके लिए पोस्ट सिर्फ 250 किलोमीटर दूर सुकमा एवं बीजापुर जिले में ही रिक्त है। युक्तियुक्तकरण के तहत अपनी पत्नी जो स्वयं शिक्षिका है से 250 किलोमीटर दूर इनकी पोस्टिंग की तैयारी अफसरों ने कर ली है।जहाँ उनकी देखरेख करने वाला कोई नही होगा।



केदार जैन ने सीएम से की मांग

शिक्षक साझा मंच के प्रदेश संयोजक केदार जैन ने मुख्यमंत्री से अपील है की है कि इस तरह की विसंगतपूर्ण युक्तियुक्तकरण को तत्काल निरस्त करायें. जिससे प्रदेश के दो लाख शिक्षक नए शिक्षा सत्र में अच्छे और स्वस्थ मन से अध्यापन का कार्य करा सकें।





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