Artificial Intelligence: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बनाएं करियर, मिलेगी लाखों की सैलरी
अगर आप भी लीक से हटकर किसी करियर का चुनाव करना चाहते हैं, तो हम आपको बताएंगे आर्टिफिशियल इंटेलिजंस यानी AI की फील्ड के बारे में। हम बताएंगे कि इसमें आप कैसे अपना करियर बनाकर लाखों की कमाई कर सकते हैं और आपको इसके लिए कौन सा कोर्स कहां से करना चाहिए।
रायपुर। आज के समय में स्टूडेंट्स के लिए ढेरों करियर ऑप्शन्स मौजूद हैं, जिनसे संबंधित पढ़ाई वे कर सकते हैं। अगर आप भी लीक से हटकर किसी करियर का चुनाव करना चाहते हैं, तो हम आपको बताएंगे आर्टिफिशियल इंटेलिजंस यानी AI की फील्ड के बारे में। हम बताएंगे कि इसमें आप कैसे अपना करियर बनाकर लाखों की कमाई कर सकते हैं और आपको इसके लिए कौन सा कोर्स कहां से करना चाहिए।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बारे में आजकल बहुत सुनने को आता है। ये फील्ड काफी तेजी से ग्रो कर रहा है, इस वजह से इसमें करियर की बहुत संभावनाएं हैं। दिनोंदिन तकनीक से लैस होती जा रही इस दुनिया में आज ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्सपर्ट्स की डिमांड तेजी से बढ़ रही है।
AI के फील्ड में करियर बनाने के लिए इन सब्जेक्ट्स का चुनाव जरूरी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फील्ड में करियर बनाने के लिए विज्ञान से 12वीं पास होने के साथ डेटा साइंस, कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विषयों में ग्रेजुएट होना जरूरी है।आपका अंक शास्त्र (Numerology), कम्प्यूटर विज्ञान (Computer Science), सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology), सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, गणित, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल्स, आंकड़े (Statistics) में से किसी एक में ग्रेजुएशन करना जरूरी है।
इस फील्ड में करियर बनाने के लिए कम्प्यूटर साइंस और गणित की जानकारी बहुत जरूरी है। इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद आप इसमें करियर की शुरुआत कर सकते हैं। यह डिग्री भी कंप्यूटर साइंस, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, गणित, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल्स जैसे सब्जेक्ट्स में होनी चाहिए।
ये लोग भी कर सकते हैं कोर्स
इसके अलावा बीटेक/ एमटेक ग्रेजुएट्स, बीसीए/एमसीए ग्रेजुएट्स, बीएससी आईटी/ एमएससी आईटी ग्रेजुएट्स, सॉफ्टवेयर इंजीनियर/डेवलपर/आर्किटेक्ट्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स कर सकते हैं। अगर उम्मीदवार के पास ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ स्टैटिस्टिक्स, प्रोबेबिलिटी थ्योरी, लीनियर अल्जेब्रा और पाइथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की बेसिक जानकारी के अलावा यूनिक्स टूल्स स्किल्स और एडवांस्ड सिग्नल प्रोसेसिंग टेक्नीक्स की अच्छी समझ हो, तो वे भी इस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं।
कई प्रोग्रामिंग भाषाओं पर पकड़ फायदेमंद
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में प्रोग्रामिंग बहुत जरूरी है। इसमें कई प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज़ हैं, जैसे- आर, जावा, पायथन, और सी++। इन सबमें भी पायथन बहुत जरूरी लैंग्वेज है। AI के फील्ड के लिए कोडिंग बहुत जरूरी है। कई प्रोग्रामिंग भाषाओं पर पकड़ होने का बहुत फायदा मिलता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मतलब ?
पहले तो समझ लेते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है क्या? दरअसल इसका मतलब है मशीनों का भी इंसानों की तरह काम करना। एलेक्सा और गूगल असिस्टेंट जैसी तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ही है। मोबाइल फोन में फेस अनलॉक फीचर भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ही देन है। आजकल इसका इस्तेमाल कई क्षेत्रों में होने लगा है।
AI के फील्ड में करियर बनाने के लिए आप ये कोर्स कर सकते हैं
मशीन लर्निंग- इसमें एल्गोरिदम यानी गणितीय निर्देशों का एक समूह होता है। इसकी हेल्प से मशीनें खुद सीख सकती हैं। इन एल्गोरिदम को कंप्यूटर प्रोग्राम में डाला जाता है, ताकि मशीनें डेटा का विश्लेषण कर सकें और अपने आप सीख सकें।
डीप लर्निंग- सामान्य मशीन लर्निंग की तुलना में डीप लर्निंग ज्यादा गहराई से काम करता है। इसमें मशीन को बड़े डेटा सेट्स दिए जाते हैं, जिनमें हजारों या लाखों उदाहरण होते हैं। जैसे - तस्वीरें, वीडियो, आवाज। फिर मशीन इनका विश्लेषण कर खुद नतीजे निकालती है। इससे मशीनें जटिल पैटर्न की पहचान करना सीखती हैं, चित्रों का वर्गीकरण सीखती हैं। साथ ही भाषण या लेखन का अनुवाद जैसे काम भी सीख जाती हैं।
डेटा साइंस- डेटा साइंस एक ऐसा क्षेत्र है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के लिए बहुत जरूरी है। इसमें हम डेटा कलेक्ट करते हैं और फिर इसका विश्लेषण करते हैं। एआई और मशीन लर्निंग के लिए डेटा बहुत जरूरी होता है। मशीनों को डेटा दिखाकर ही प्रशिक्षित किया जाता है। इसलिए इसकी समझ होनी जरूरी है।
कम्प्यूटर विजन- ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सिस्टम को विजुअल क्षमता देता है। कम्प्यूटर विजन के जरिए मशीनों को फोटो या वीडियो में दिखाई देने वाली वस्तुओं और लोगों को पहचानने में मदद मिलती है। यह तकनीक मशीनों को तस्वीरों और वीडियो में से चेहरे के अंगों को पहचानना सिखाती है।
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग- ये एक ऐसा क्षेत्र है जो मशीनों को इंसानों की भाषा समझने और प्रोसेस करने में मदद करता है। इसके तहत मशीन लर्निंग मॉडल को विभिन्न लैंग्वेजेज़ में लिखे वाक्यों और पाठ के डेटासेट से ट्रेन किया जाता है। ये मॉडल भाषा की संरचना और शब्दावली को समझना सीख जाते हैं। एआई सिस्टम के लिए यह एक महत्वपूर्ण बेसिक कैपेबलिटीज़ है।
रिसर्च AI और अप्लायड AI ये 2 प्रकार महत्वपूर्ण
रिसर्च एआई और अप्लायड एआई बहुत महत्वपूर्ण हैं, जो क्षमताओं और व्यावहारिकता पर आधारित हैं। रिसर्च एआई का इस्तेमाल किसी नये नियम की खोज, नया डिजाइन बनाने या किसी डिवाइस को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। इसी तकनीक के आधार पर गूगल सर्च रिजल्ट्स को और बेहतर बनाया जाता है। वहीं जब एआई का यूज आम जीवन में उपयोग के लिए करते हैं, तो उसे अप्लायड एआई कहा जाता है। अमेजन की एलेक्सा, एप्पल की सिरी और एलन मस्क की सेल्फ ड्राईविंग कार (Tesla) जैसी कई डिवाइसेज में अप्लायड एआई का इस्तेमाल होता है।
यहां से करें AI में कोर्स
- फुल स्टैक मशीन लर्निंग एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम- जिगसॉ एकेडेमी, बैंगलोर
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डीप लर्निंग में पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट प्रोग्राम- मणिपाल प्रोलर्न, बैंग्लुरू
- मशीन लर्निंग और एआई में पीजी प्रोग्राम- IIT, बैंग्लुरू, IIT मुंबई
- फाउंडेशन ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग- IIT हैदराबाद
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम- ग्रेट लर्निंग इंस्टीट्यूट, गुड़गांव
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कोर्स करने के लिए भारत के टॉप संस्थान
- IIT, खड़गपुर, दिल्ली, मुंबई, कानपुर, मद्रास, गुवाहाटी, रुड़की
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद
- यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बैंग्लुरू
- नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
- बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स), पिलानी
- सीएआईआर (सेंटर फॉर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस ऐंड रोबोटिक्स), बैंग्लुरू
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, मैसूर
लाखों में सैलरी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में डिग्री रखने वाले प्रोफेशनल्स को शुरुआत में 12 लाख से लेकर 20 लाख रुपए का सालाना पैकेज आसानी से मिल जाता है।